सुबह पिकअप पलटने से हुए हादसे में चार महिलाओं की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा है। घायलों की बीच चर्चा रही कि अगर पिकअप से नहीं आते तो ये दिन नहीं देखना पड़ता।हादसे में चार महिलाओं की मौत हो गई तो वहीं 19 लोग घायल हो गए। सभी मजदूर बरेली के शाहजहांपुर से बिहार के औरंगाबाद स्थित दाऊनगर अपने घर जा रहे थे। 
बरेली से रिजर्व पिकअप गाड़ी बुक कर दाउनगर औरंगाबाद के लिए निकले लोगों को क्या पता था कि यह सफर उनके जिंदगी का सबसे दु:खद सफर साबित होगा। दाऊनगर के रहने वाले काशीनाथ अपनी पत्नी मालती देवी और चार बेटियां ममता, सविता, लीलावती, रूपा के साथ बरेली में रहकर काम करते थे।बेटी रूपा की मौत और अन्य सभी के घायल होने पर काशीनाथ सिर्फ यही रट लगाए रहे कि काश बड़े बेटे की बात मानकर उसके साथ मंगलवार सुबह ट्रेन से घर के लिए निकले होते तो यह दिन नहीं देखना पड़ता। हादसे में सावित्री पांच साल के बेटे सत्यम और चार साल की बेटी सलोनी को मामूली चोटें आई।
काशी नाथ का बड़ा बेटा संतोष अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मंगलवार सुबह बरेली से ट्रेन पकड़ कर निकला। संतोष सभी को साथ में चलने के लिए कहा, लेकिन छोटे बेटे राजू के कहने पर सभी पिकअप से घर चलने के लिए तैयार हो गए। वाराणसी में हाईवे पर जिस स्थान पर दुर्घटना हुई है वहां 16 जुलाई को वहां कार दुर्घटना में एक युवक की मौत हुई थी।

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