भ्रष्टाचार, आतंक, दंगा और अराजकता की मार से फट चुकी है सपा की ढोल

 

साथियों के साथ उसी ढोल को पीट रहे हैं अखिलेश:सिद्धार्थनाथ

 

फटी ढ़ोल से निकलने वाली बेसुरे स्वर को कोई सुनने को तैयार नहीं

 

लखनऊ,29 नवम्बर:

सैफई महोत्सव वाले अखिलेश भैया पहले से ही रंगीन थे। पर इन दिनों भैया कुछ और रंगीन हो गए हैं। वजह कुछ गिरगिटों से उनकी हाल में हुई यारी है।

यह बातें प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सोमवार को जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा सब मिलकर उसी ढ़ोल को पीट रहे जो पहले ही इनके चौतरफा भ्रष्टाचार ( गोमती रिवर फ्रंट बेरोजगारों के नाश्ते-पानी का पैसा,समाजवादी पेंशन, एम्बुलेंस, जेपीआईएनसी आदि गोटाले ) अराजकता,दंगाई मुज्जफरनगर नगर समेत 1000 से अधिक दंगे।, राष्ट्रघाती तुष्टिकरण (वाराणसी बम धमाके के  आरोपी आतंकियों की पैरवी) की राजनीति के कारण फट चुकी है। ऐसे में सुर तो बेसुरा ही निकलेगा। बजाते रहिए। कोई सुनने वाला नहीं है।

सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सबको सपा शासनकाल के दौरान भ्रष्टाचार के ब्रांड अम्बेसडर रहे गायत्री प्रजापति, यादव सिंह जैसे भ्रष्टाचार के ब्रांड एंबेसडरो के अलावा रिवर फ्रंट, एम्बुलेंस, समाजवादी पेंशन, बेरोजगारों के नाश्ते पानी एम्बुलेंस और युवाओं के लिए ख़रीदे गए ,लैपटॉप आदि घोटाले याद हैं। लोग सपा शासन काल की अराजकता को कैसे भूल सकते हैं। तब अतीक, मुख्तार जैसे दुर्दांत माफियाओं और वाराणसी बम धमाके में बेगुनाहों की जान लेने वालों की सरकार आरती उतारती थी।

सिद्धार्थनाथ ने कहा कि आज हालात बदल चुके हैं। दंगाई दंगे के बारे सोच भी नहीं सकते। वह जानते हैं कि ऐसा करने पर उनके समेत उनकी सात पुश्तों को भुगतना पड़ेगा।

अपराधियों की छाती पर सरकार का बुलडोजर चल रहा है। गरीबों को लूट कर उन्होंने जो हवेलियां बनाई थीं,वे जमींदोज की जा रही हैं। उनकी नामी और बेनामी संपत्तिया जब्त या कुर्क की जा चुकी है। ऐसे में रहजनों के रहबरों को तकलीफ स्वाभाविक है। यह दर्द लाइलाज है। अभी तो यह और बढ़ेगा। क्योंकि उत्तरप्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार रही है।

 


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