ब्यूरो चीफ महोबा नीरज कुशवाहा

हिंदी संवाद न्यूज़

काली माता का यह प्रसिद्ध मंदिर माँ के शक्तिपीठों में से एक है। शक्तिपीठ उन पूजा स्थलों को कहा जाता है, जहाँ सती माँ के अंग गिरे थे। पुराणों के अनुसार पिता दक्ष के यज्ञ में अपमानित हुई सती ने योगबल द्वारा अपने प्राण त्याग दिए थे। सती की मृत्यु से व्यथित शिवशंकर उनके मृत शरीर को लेकर तांडव करते हुए ब्रह्मांड में भटकते रहे। इस समय माँ के अंग जहाँ-जहाँ गिरे वहीं शक्तिपीठ बन गए। माना जाता है कि पावागढ़ में माँ के दाहिने पैर की अंगुली गिरे थे।

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