मेदांता लखनऊ में शुरू हुआ लिवर ट्रांसप्‍लांट

• मेदांता लखनऊ को मिला लिवर ट्रांसप्लांट का लाइसेंस 
• लिवर ट्रांसप्‍लांट के लिए मेदांता लखनऊ में शुरू हुई ओपीडी 

लखनऊ 2 सितम्बर 2021: लखनऊ के प्रतिष्ठ‍ित हास्प‍िटल मेदांता में भी अब लिवर ट्रांसप्लांट शुरू हो रहा है। मेदांता लखनऊ को लिवर ट्रांसप्लांट के  लिए लाइसेंस प्राप्त हो चुका है। लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम शुरू करने के लिए मेदांता में आज से ओपीडी शुरू की गई है।  ओपीडी में डॉ. सोइन के साथ मेदांता लखनऊ के डॉयरेक्टर व हेपेटोलॉजिस्ट डॉ अभय वर्मा भी मौजूद रहेंगे। 
मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर ट्रांसप्लांट एंड रीजनरेटिव के चेयरमैन डॉ. ए.एस.सोइन ने कहा कि लखनऊ व आप-पास के जिले से आने वाले मरीजों के लिए काफी अच्छी खबर है। पहले इन मरीजों के लिवर संबंधी कोई भी समस्या आती थी तो वे अपना इलाज तो लखनऊ में करवा लेते थे, उन्हें लिवर की गंभीर बीमारी होने पर लिवर ट्रांसप्लांट के लिए उत्तर प्रदेश के बाहर दिल्ली व अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। मेदांता लखनऊ में अब लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम शुरू होने से इन मरीजों का काफी हद तक फायदा होगा। इससे न केवल मरीजों का खर्च कम होगा बल्कि उन्हें बाहर जाकर जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता था वह भी नहीं होगा। उन्होंने जानकारी दी कि लखनऊ में लिवर ट्रांसप्लांट करवाने में मरीजों का लगभग 20 से 23 लाख रुपये का खर्च आएगा।  
डॉ. सोइन ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम की शुरूआत करने के लिए  ओपीडी से शुरू की गई है, जिसमें पहले दिन 125 मरीजों की ओपीडी  हुई और मरीजों की स्क्रीनिंग की प्रक्रिया भी शुरू की गई। जिसमें उनको लिवर के इलाज व आगामी जांच की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के बाद जिन मरीजों की रिपोर्ट में जरूरत पड़ेगी तो उनकी स्क्रीनिगं व जांचों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनका दो माह बाद लिवर ट्रांसप्लांट किया जाएगा। साथ ही उन्होंने ये भी जानकारी दी कि मेदांता लखनऊ में लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया लिविंग डोनर विधि द्वारा की जाएगी।  
मेदांता लखनऊ के डॉयरेक्टर व हेपेटोलॉजिस्ट डॉ अभय वर्मा ने लिवर के मरीजों की ओपीडी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लिवर के मरीजों की प्रत्येक माह ओपीडी होगी, जिसमें मरीज परामर्श  ले सकेंगे। हालांकि ओपीडी मरीजों को पहले से अपॉइंटमेंट लेना होगा। 
मेडिकल डायरेक्ट डॉ. राकेश कपूर ने मेदांता लखनऊ को इस ट्रांसप्लांट प्रोग्राम को जल्द शुरू होने को लेकर कहा कि लिवर ट्रांसप्‍लांट शुरू होने उत्‍तर प्रदेश के कई मरीजों को दिल्‍ली, मुंबई और एनसीआर के चक्‍कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्‍हें एक ही छत के नीचे सारी सुविधा मिल जाएगी।

 

1 टिप्पणियाँ

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  1. जब आईसीयू में भर्ती परसेंट को एसडीयू में शिफ्ट करने के उपरांत आपके पास डायलिसिस की सुविधा ना होने के कारण पेशेंट अपनी जान से हाथ धो देता है तो ऐसे हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट का होना कहां तक उचित है सबसे पहले आप के पास जो पेशेंट आते हैं उनका अच्छा से अच्छा प्रबंध करिए क्योंकि आपको कोई मतलब नहीं है कोई जिए या मरे आपको केवल अपने पैसे से मतलब है

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