जनपद के चर्चित कोयला कारोबारी एवं विहिप कोषाध्यक्ष रहे नंदकिशोर रुंगटा के अपहरण की घटना फिर से चर्चा में आ गई है। घटना के वादी उनके भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को विस्फोटक से उड़ाने की धमकी के मामले में मऊ विधायक मुख्तार पर आरोप तय होने के बाद प्रकरण फिर से लोगों के आंखों के सामने तैरने लगा है। आरोप लगा था कि उस समय नंद किशोर रुंगटा का अपहरण करने खुद मुख्तार अंसारी काफिले के साथ घर पहुंच गया था।साल 1997 में रवींद्रपुरी मार्ग स्थित जवाहरनगर कॉलोनी में निवास करने वाले नंद किशोर रुंगटा विश्व हिन्दू परिषद के कोषाध्यक्ष और कोयला के बड़े कारोबारी थे। आरोप है कि अपने गुर्गे शातिर बदमाश अताउर रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर को उसने कारोबारी बनाकर उनके घर भेजा। कारोबार के सिलसिले में सिकंदर घर तक गया और कागजात दिखाने के बहाने बाहर तक ले आया। बाहर कार में बैठाकर अपहरण कर लिया गया। 22 जनवरी 1997 को घर फोन कर अपहरण की जानकारी देते हुए तीन करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। फिर तब से उनका पता नहीं चल सका। तब उनकी उम्र करीब 50 साल रही होगी। प्रकरण में भेलूपुर थाने में मुख्तार पर धारा 364, 365, 302, 120 बी और 34 के तहत मुकदमा दर्ज है। तब पुलिस की मदद करने पर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद को धमकी मिली।


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