स्वजनों ने मामले में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे बरामद किया और मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया। वहां किशोरी ने अपने प्रेमी के साथ ही रहने की बात कही। इस आधार पर उसे नारी निकेतन भेज दिया गया। ताकि वह 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद प्रेमी के साथ रह सके।
स्वाति 2019 से अब तक नारी निकेतन में ही रह रही थी। उसे पहले कोरोना हुआ और फिर बाद में टीबी भी हो गई। ऐसे में संप्रेक्षण गृह के अधिकारियों डॉक्टर की सलाह पर स्वाति को एक अलग कमरे में निरुद्ध कर दिया था ताकि संक्रमण दूसरे को न फैल सके बताया जाता है कि शुक्रवार रात स्वाति दुपट्टे का फंदा बनाकर पंखे के चुले से लटक गई। शनिवार को नारी निकेतन की महिला कर्मचारी नाश्ता देने के लिए पहुंची तो स्वाति की हालत देख परेशान हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस, मजिस्ट्रेट और जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचकर छानबीन की। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि स्वाति ने आत्महत्या की है।
इंस्पेक्टर खुल्दाबाद वीरेंद्र यादव का कहना है कि किशोरी के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। वह टीबी से परेशान थी। इस कारण आत्मघाती कदम उठा सकती है। उधर, इस घटना से नारी निकेतन के कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। विभागीय जांच भी कराने की बात कही जा रही है। वहीं, प्रीतम नगर में रहने वाले प्रियांशू ने भी फंदे पर लटककर जान दी। धूमनगंज पुलिस का कहना है कि कोरोना से मां की मौत के बाद प्रियांशू डिप्रेशन में था, जिसके चलते उसने आत्महत्या की
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