प्रयागराज में गंगा का जलस्तर अलर्ट लेवल को पार कर गया है। खतरे के निशान से नदी का जलस्तर महज 87 सेमी दूर है। वहीं, यमुना 1.52 मीटर खतरे के निशान से दूर है। दोनों नदियों का जलस्तर 3 से 4 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। संभावना है कि आज रात तक गंगा-यमुना खतरे के निशान को पार कर जाएंगी।

नदियों में उफान से तटवर्ती इलाकों से पलायन शुरू हो गया है। शनिवार सुबह 10 बजे तक छावनी क्षेत्र के ओल्ड कैंट हाईस्कूल में 53 लोगों ने शरण ली है। जबकि छोटा बघाड़ा के एनीबेसेंट स्कूल में बनाए गए शराणार्थी कैंप में 60 लोग पहुंचे हैं।

शहर के 20 से अधिक मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कई लोग घरों को छोड़ नहीं पा रहे हैं। ऐसे लोग अपने मकान की दूसरी या तीसरी मंजिल पर शिफ्ट कर गए हैं। किसानों की हजारों एकड़ भूमि पर दलहन तिलहन और धान की फसल डूब गई है 

  • प्रयागराज में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बेली कछार, गंगापुरी, नेवादा कछार, अशोक नगर कछार, दशाश्वमेध घाट, म्योराबाद, जोंधवल, शंकरघाट, बघाड़ा, सलोरी, राजापुर, ऊंचवागढ़ी, शिवकुटी, कैलाशपुरी कालोनी, चिल्ला कछार, नीवां, छतनाग, बदरा सोनौटी, हेतापट्टी, फाफामऊ समेत 24 से अधिक इलाकों में पानी घुस गया है।
  • वहीं, यमुना का जलस्तर बढ़ने से शहर से सटकर बहने वाली ससुर खदेरी नदी के तटवर्ती करेलाबाग, गौसनगर, सदियापुर मोहल्लों में पानी घुसने लगा है। तीन दिनों में जलस्तर में वृद्धि होने से दोनों नदियों का कछारी इलाका जलमग्न हुआ है।
  • श्रृंगवेरपुर, कौड़िहार, फाफामऊ, थरवई, सोनौटी, बदरा, झूंसी, नैनी, कोटवां, बेलवार, कतवारीपुर, सिरसा, हंडिया, करछना, औद्योगिक क्षेत्र के आसपास के कछारी इलाके जलमग्न हो गए हैं। इन इलाकों में किसानों की हजारों एकड़ भूमि पर दलहन तिलहन और धान की फसल डूब गई है

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