*देश में बंद होगी ट्विटर की सेवाएं!  भारत सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा- ‘लक्ष्मण रेखा न लांघे, अपनी हद में रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म’ -*



भारत सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के बीच शुरू हुआ संघर्ष नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है। गुरुवार को ट्विटर की तरफ से जारी बयान के बाद भारत सरकार, संबंधित मंत्रालय और महकमों में हलचल तेज हो गई है। इस पब्लिक प्टेफॉर्म के आरोपों का जवाब देते हुए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 3 पेज का जवाब भेजा है। केंद्र सरकार ने ट्विटर के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। साथ ही ट्विटर को उसकी हद में रहने के लिए कहा गया है। जिस तल्खी से दिल्ली पुलिस और भारत सरकार ने ट्विटर को जवाब दिया है, उससे यह समझा जा सकता है कि अब भारत में इस बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दिन लदने वाले हैं। 

*भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का लक्ष्य*

हालांकि इससे पहले कई दफा भारत सरकार और ट्विटर के बीच नियम और शर्तों को लेकर खींचातानी हुई है। लेकिन गुरुवार को भारत सरकार ने जिस तल्खी का इस्तेमाल किया है, मामले के मायने बदल गए हैं। देखना दिलचस्प होगा कि इस मोड़ पर पहुंचने के बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश और बड़े पब्लिक प्लेटफॉर्म के बीच सुलह की कोई गुंजाइश बनती है अथवा नहीं। जवाब देते हुए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने भी ट्विटर के बयान को झूठा और देश की प्रतिष्ठा पर आघात बताया है। दरअसल गुरुवार को ही ट्विटर की तरफ से कहा गया कि भारत सरकार जान बूझकर फ्री स्पीच के अधिकार का हनन कर रही है। ट्विटर, भारत सरकार का सहयोग नहीं दे रहा, इसलिए दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया है।

*अपनी हद में रहे ट्विटर*

मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि, “ट्विटर दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश पर अपने नियम और शर्तों को थोपना चाहता है। अब तक ट्विटर की तरफ से किए गए सारे प्रयास यही इशारा करते हैं। साथ ही इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने देश की कानूनी व्यवस्था का जानबूझकर अवहेलना किया है। इस तरह संस्थान देश की व्यवस्थाओं को कमजोर साबित करने की कोशिश में जुटा है। इसलिए बेहतर होगा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश पर अपनी शर्तें थोपने के बजाय ट्विटर यहां के नियम और कायदों के मुताबिक अपनी सेवाएं दे। भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा, देश की संप्रभुता और अखंडता से जुड़ी नीति बनाने के लिए स्वतंत्र है। एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म होने के नाते ट्विटक को इसका पालन करना पड़ेगा। ट्विटर को यह बताने की जरूरत और अधिकार नहीं है कि भारत सरकार की वैधानिक नीति किस आधार पर तय की जाए। उसके लिए भारत सरकार स्वतंत्र है।”

*कर्मचारियों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी*

मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि, ‘ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया कंपनियों के कर्मचारियों के सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। कर्मचारियों के व्यक्तिगत जीवन पर इसका असर नहीं पड़ेगा। भारत सरकार ट्विटर के बयान को निराधार, झूठा और देश को बदनाम करने के नीयत से जारी किया गया मानती है।”  टि्वटर को कड़ी फटकार लगाते हुए दिल्ली पुलिस ने भी सख्त लहजे का इस्तेमाल किया है। दिल्ली पुलिस ने थोड़ी देर पहले जारी बयान में कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधियों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है। इसका भारत सरकार से कोई संबंध नहीं है। इसलिए यह कहना कि भारत सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, पूरी तरह निराधार है। ट्विटर की तरफ से केंद्र सरकार की छवि को खराब करने के उद्देश्य से यह बयान दिया गया है

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