रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया उत्तर प्रदेश शाखा) ने विश्व डायबिटीज दिवस
के दिन डायबिटीज जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
लखनऊ, 13 नवम्बर: लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए, रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ
डायबिटीज इन इंडिया (उत्तर प्रदेश शाखा) ने आज ऐतिहासिक रूमी गेट, बड़ा इमामबाड़ा परिसर ,
लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित किया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन ,प्रो. आमोद सचान, पूर्व प्रमुख,फार्माकोलॉजी विभाग , किंग जॉर्ज मेडिकल
यूनिवर्सिटी, लखनऊ, चेयरमैन हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, बाराबंकी , सीतापुर
,चेयरमैन,शेखर हॉस्पिटल ने किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ नीरज बोरा सदस्य विधान सभा उत्तर
प्रदेश श्री अनुराग मिश्रा सभासद चौक व प्रो अनुज माहेश्वरी प्रेसिडेंट रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ
डायबिटीज इन इंडिया थे ।
प्रतिवर्ष, अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन दुनिया भर में डायबिटीज के खिलाफ विश्व पहल का संचालन
करती है और दुनिया के प्रमुख स्मारकों को नीली रोशनी से प्रकाशित करती है।
डॉ. अजय तिवारी, सचिव, रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (उत्तर प्रदेश शाखा) ने
कहा कि हमने लखनऊ के ऐतिहासिक इमामबाड़ा के परिसर में रूमी गेट को प्रकाशित कर, डायबिटीज
के खिलाफ विश्व समुदाय की मुहिम के साथ अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। इस वर्ष के विश्व
डायबिटीज दिवस का थीम "डायबिटीज और खुशहाल जीवन" (diabetes and wellbeing)है ।
प्रो. अनुज माहेश्वरी, प्रेसिडेंट,रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया ने कहा कि
'Nature Medicine' जर्नल में 30सितंबर को प्रकाशित ICMR अध्ययन के अनुसार,
कार्बोहाइड्रेट का संकट
आंकड़ा: भारतीयों को अपनी 62% कैलोरी कार्बोहाइड्रेट (अनाज, चीनी) से मिलती है (दुनिया में सबसे
ज्यादा)
संदेश: "सिर्फ सफेद चावल नहीं, कुल कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करें। धीरे-धीरे कार्बोहाइड्रेट घटाएं।"
2. प्रोटीन की कमी
आंकड़ा: सिर्फ 12% कैलोरी प्रोटीन से आती है (15% होनी चाहिए)
संदेश: "अपनी दाल दोगुनी करें - पौधों से मिलने वाला प्रोटीन सबसे आसान उपाय है।"
3. महामारी की तबाही
आंकड़ा: 83% भारतीयों में कम से कम एक समस्या है (मधुमेह, मोटापा, BP, या कोलेस्ट्रॉल)
संदेश: "10 में से 8 भारतीय खतरे में हैं। जांच कराएं, अपने नंबर जानें।"
4. छिपी हुई प्री-डायबिटीज महामारी
आंकड़ा: 41% लोगों को प्री-डायबिटीज है - हर 10 में से 4 वयस्क
संदेश: "प्री-डायबिटीज ठीक हो सकती है। आज HbA1c जांच कराएं, कल से खान-पान बदलें।"
5. गेहूं के आटे का भ्रम
आंकड़ा: सफेद चावल की जगह गेहूं के आटे की रोटी खाने से मधुमेह का खतरा नहीं घटता
संदेश: "आटा कोई जादू नहीं है। कुल अनाज कम करना जरूरी है, सिर्फ अनाज बदलना नहीं।"
6. सैचुरेटेड फैट की अधिकता
आंकड़ा: सिर्फ 4 राज्य सही मात्रा में संतृप्त वसा (<7%) खाते हैं
संदेश: "घी, नारियल तेल, और पाम तेल कम करें। सरसों, चावल की भूसी या मूंगफली के तेल का प्रयोग
करें।"
7. प्रोटीन का समाधान
आंकड़ा: कार्बोहाइड्रेट की सिर्फ 5% कैलोरी को प्रोटीन से बदलने पर मधुमेह का खतरा 10-18% कम
होता है
संदेश: "छोटा बदलाव, बड़ा असर: एक कटोरी चावल कम करें, एक कटोरी दाल/दही बढ़ाएं।"
8. पशु प्रोटीन की कमी
आंकड़ा: भारतीयों को सिर्फ 1% कैलोरी पशु प्रोटीन (मछली, अंडे, चिकन) से मिलती है
संदेश: "रोज अंडा खाएं, हफ्ते में दो बार मछली - सस्ता प्रोटीन जो मधुमेह से बचाता है।"
9. चीनी का बोझ
आंकड़ा: 19 राज्यों में लोग सुझाई गई मात्रा (5%) से ज्यादा चीनी खाते हैं
संदेश: "चाय में एक चम्मच चीनी कम = साल में 1.5 किलो वजन कम। अतिरिक्त चीनी आधी करें।"
10. 30% मधुमेह का खतरा
आंकड़ा: सबसे ज्यादा कार्बोहाइड्रेट खाने वालों में मधुमेह का खतरा 30% ज्यादा है
संदेश: "ज्यादा कार्बोहाइड्रेट = ज्यादा मधुमेह। चावल/रोटी कम करें, सब्जी/दाल बढ़ाएं।" प्रो. नरसिंह वर्मा ,
चेयरमैन रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (उत्तर प्रदेश शाखा यूपी में डायबिटीज
की दर 4.8% है, जो देश में सबसे कम है, लेकिन राष्ट्रीय औसत 15.3% की तुलना में 18% जनसंख्या प्री-
डायबिटिक हैं। जबकि भारत की जनसंख्या का 11.4% डायबिटिक है, वही 15.3% प्री-डायबिटिक हैं
इसका मतलब"उत्तर प्रदेश में हर डायबिटीज के मरीज़ पर , लगभग चार प्री-डायबिटीज के व्यक्ति हैं। ये
लोग शीघ्र ही डायबिटीज में परिवर्तित हो जाएंगे,"।
उन्होंने कहा कि दुनिया में हर छठा रोगी भारतीय है।
प्रो. अमोद सचानने कहा कि कम से कम 136 मिलियन प्री-डायबिटिक लोग हैं जिन्हें अच्छी जीवनशैली,
संतुलित आहार और जॉगिंग, साइकिलिंग और अन्य खेलों जैसी व्यायाम के द्वारा डायबिटीज से बचाया
जा सकता है।उन्होंने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर जोर दिया और एकीकृत प्रयास
से इस महामारी के विस्फोट को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ नीरज बोरा ने ने कहा कि गंभीर संकट के दृष्टिकोण से लोगों के बीच जागरूकता की आवश्यकता है
ताकि लोग सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फाउंडेशन (आईडीएफ) 14
नवम्बर को विश्व डायबिटीज दिवस मनाता है जिसका उद्देश्य लोगों के बीच डायबिटीज के बारे में
जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को डायबिटीज की गंभीरता
के बारे में जागरूक किया जाता है, और नियंत्रित करने के लिए रणनीतियों को हाइलाइट किया जाता है।
प्रो. नरसिंह वर्मा ने आगे कहा कि “डायबिटीज प्रिवेंशन प्रोग्राम” में यह देखा गया की केवल 5% वजन
कम करके 58% डायबिटीज की संभावना को नियंत्रित किया जा सकता है।
प्श्री अनुराग मिश्रा ने लोगों से डायबिटीज के बारे में जागरूकता और निवारण के प्रयासों में शामिल होने
के लिए जन मानस से आग्रह किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो विनीता तिवारी ने किया।


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