टूरिज्म विजन डॉक्यूमेंट 2047 की तैयारी शुरू, लखनऊ में एक मंच पर जुटेंगे नीति-निर्माता और विशेषज्ञ-जयवीर सिंह
लखनऊ: 25 नवम्बर, 2025
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग 27 नवंबर को योजना भवन, लखनऊ में विकसित उत्तर प्रदेश/2047 पर्यटन कार्यशाला आयोजित करने जा रहा है। यह एक ऐसा मंच होगा, जहां प्रदेश के दीर्घकालिक पर्यटन भविष्य की नींव रखी जाएगी। यह कार्यशाला टूरिज्म विजन डॉक्यूमेंट 2047 को आकार देने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगी, जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश को सतत, समावेशी और विश्व-स्तरीय पर्यटन गंतव्य बनाने की व्यापक रणनीति तैयार की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य में पर्यटन नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और विकसित भारत 2047 की राष्ट्रीय दृष्टि पर आधारित इस परिवर्तनकारी यात्रा में प्रदेश घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की विशेष पसंद बनकर उभर रहा है। वर्ष 2025 की पहली तिमाही में ही रिकॉर्ड 109.65 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश का भ्रमण किया। ये आंकड़े उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करता है। इसी तेज उभरती पर्यटन क्षमता को और सशक्त, निवेश-उन्मुख और समुदाय केंद्रित विकास मॉडल में बदलने के उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गई है, ताकि आने वाले वर्षों में प्रदेश को एक विश्व-स्तरीय पर्यटन हब के रूप में स्थापित किया जा सके।
कार्यशाला की शुरुआत पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संबोधन से होगी। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करेंगे, जिसमें उत्तर प्रदेश की दीर्घकालिक पर्यटन दृष्टिकोण साझा करेंगे। तत्पश्चात, पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात पर्यटन क्षेत्र की रणनीतिक प्राथमिकताओं को रेखांकित करेंगे, जबकि महानिदेशक पर्यटन राजेश कुमार स्वागत भाषण प्रस्तुत करेंगे।
कार्यशाला के अंतर्गत आगामी चर्चाओं में उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (यूपीएसटीडीसी) के प्रबंध निदेशक आशीष कुमार, स्पिरिचुअल टूर एंड पैकेजेज सत्र के दौरान अपने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत करेंगे। इस सत्र में तीर्थ पर्यटन सर्किटों की बढ़ती मांग और क्यूरेटेड पैकेजों की संभावनाओं पर विशेष फोकस रहेगा। वहीं, विश्व भूषण (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, काशी विश्वनाथ धाम) धार्मिक पर्यटन सत्र में शामिल होंगे, जो आध्यात्मिक सर्किटों को और मजबूत बनाने तथा बड़े पैमाने पर तीर्थ-यात्रियों की आवाजाही के प्रबंधन पर अपनी विशेषज्ञ राय साझा करेंगे।
इसके अलावा, विरासत संरक्षण, ईको टूरिज्म, वाइल्डलाइफ टूरिज्म, कौशल विकास, डप्ब्म् पर्यटन, डिजिटल पर्यटन प्रणाली, ग्रामीण पर्यटन उद्यमों तथा पर्यटन शोध से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञ भी विभिन्न सत्रों में अपनी भागीदारी दर्ज कराएंगे।
विजन डॉक्यूमेंट में शामिल होंगे सुझावउत्तर प्रदेश के पर्यटन भविष्य को नया आयाम देने के लिए आयोजित एक दिवसीय पर्यटन कार्यशाला में उद्घाटन सत्र से लेकर विशेषज्ञ प्रस्तुतियों, थीम आधारित पैनल चर्चाओं और मल्टी-स्टेकहोल्डर ब्रेकआउट सत्रों तक पूरे दिन व्यापक विमर्श होगा। कार्यशाला में मिले सुझावों और क्षेत्र विशेष प्राथमिकताओं को आगामी विजन डॉक्यूमेंट में समाहित किया जाएगा, जिसके आधार पर प्रदेश में पर्यटन विकास की व्यापक कार्य-योजना लागू की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास की नई दिशा तय करने के उद्देश्य से आयोजित दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं और अधिकारी भविष्य के लिए ठोस खाका तैयार करेंगे। बैठक का केंद्र बिंदु राज्य के पर्यटन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए रणनीतिक सुझावों का निर्माण, प्राथमिक परियोजना क्षेत्रों और निवेश अवसरों की पहचान तथा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को नई गति देना रहेगा।
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