जलालपुर, अंबेडकर नगर। पावन छठ महापर्व के अवसर पर तमसा नदी के शिवाला घाट पर आस्था और उल्लास का अद्भुत नजारा देखने को मिला। घाट का पूरा वातावरण दिव्य भक्तिमय रस में सराबोर था, जहां श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से डूबते और सुबह के समय सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया की कृपा का वरदान मांगा। "बेमौसम बारिश के सुहावने पलों में ही श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को अर्घ्य दिया और अपना व्रत पूरी श्रद्धा व विधि-विधान से खोला।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बढ़ाई मनोहारी छटा
संरक्षक नीरज अग्रहरि और छठ पूजा समिति अध्यक्ष दुर्गेश गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन में आराध्या गौतम टीम ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसने उत्सव की रौनक को चार चांद लगा दिए। छठ गीतों और लोक नृत्यों ने पूरे माहौल को भक्तिमय और मनमोहक बना दिया।
गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्वलन कर किया कार्यक्रम का शुभारंभ
इस पावन अवसर पर मुख्य अतिथि व्यापारी नेता शुभम अग्रहरि एवं विशिष्ट अतिथि भाजपा नेता अंशुमान सिंह, नगर अध्यक्ष संदीप अग्रहरि, अयोध्या जिला प्रभारी डॉ. मिथिलेश त्रिपाठी, पूर्व नगर अध्यक्ष संजीव मिश्र, माणिकचंद सोनी, पूर्व जिलाध्यक्ष पिमो शत्रुघ्न सोनी, सभासद अजीत निषाद, बेचन पांडे, अनुज सोनकर, नगर उपाध्यक्ष अरुण मिश्र सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और इस पवित्र पर्व की शोभा बढ़ाई।
सेवाभावी कार्यकर्ताओं ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
भाजपा, आरएसएस, व्यापारियों व विभिन्न समितियों के सेवाभावी कार्यकर्ताओं ने श्रद्धालुओं की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने व्यवस्था बनाए रखने और प्रसाद वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष आनंद जायसवाल,भाजपा नगर अध्यक्ष संदीप अग्रहरि, पूर्व नगर अध्यक्ष देवेश मिश्र, पंकज हालदार, भाजपा नेता मनोज पांडे, पिछड़ा मोर्चा नगर अध्यक्ष सोनू गौड़,सभासद आशीष सोनी, सभासद प्रतिनिधि दिलीप यादव,गौरव उपाध्याय ,प्रहलाद शर्मा आदि मौजूद रहे।
प्रशासनिक व्यवस्थाएं रहीं दुरुस्त
एडिशनल एसपी श्यामदेव बिंद, उप जिलाधिकारी राहुल गुप्ता, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनूप सिंह, कोतवाल संतोष कुमार सिंह, अधिशासी अधिकारी अरविंद कुमार, वरिष्ठ लिपिक रामप्रकाश पांडे सहित पुलिस बल ने घाट पर सुरक्षा और व्यवस्था का संपूर्ण इंतजाम किया, जिससे यह पावन पर्व बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो सका।
पूरे घाट का वातावरण भक्तिमय रस में सराबोर था। श्रद्धालु 'छठी मैया की जय' के जयकारे लगाते हुए घाट पर पहुंचे और सूर्यदेव की आराधना में लीन हो गए। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने नदी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा का निर्वहन किया और छठ व्रत की कथा सुनाई। इस पूरे आयोजन में भक्ति, उल्लास और सामुदायिक सद्भाव का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिसने छठ महापर्व की पवित्रता को और भी बढ़ा दिया।
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