रावण पर विजय प्राप्त कर रामराज की स्थापना के शंखनाद का पर्व : मुख्यमंत्री
लखनऊ : 02 अक्टूबर, 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि समाज को बांटने वाली और देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली ताकतें हर कालखण्ड और परिस्थिति में विद्यमान रही हैं। सनातन की एकता के बल पर उनका संहार भी किया जाता रहा है। रामायण और महाभारत के खल पात्र आज भी बदले नामों और विभिन्न रूपों में मौजूद होकर समाज को बांटने में लगे हैं। ऐसे लोगों से हर सनातन धर्मावलम्बी को सतर्क रहना होगा।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में विजयदशमी पर्व के अवसर पर मानसरोवर रामलीला मैदान में श्री श्री रामलीला समिति, आर्यनगर द्वारा आयोजित प्रभु श्रीराम के राजतिलक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी लोगों को विजयादशमी की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भले ही नाम बदल गया होगा, लेकिन रामायण और महाभारत काल के दुष्ट पात्र आज भी दूसरे रूपों में मौजूद हैं। आज भी समाज शूर्पणखा, ताड़का, खर दूषण, मारीच और सुबाहु जैसे लोगों से त्रस्त है। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी विजयादशमी के पावन पर्व पर परम्परागत ‘विजय शोभायात्रा’ में भी सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जातीयता, छुआछूत और अस्पृश्यता के नाम पर समाज को बांटने वाले लोग पूर्व जन्म में ताड़का, मारीच, शूर्पणखा के सहयोगी रहे होंगे। इसी तरह बेटियों और व्यापारियों की सुरक्षा के लिए खतरा बने लोग पूर्व जन्म में दुर्योधन और दुशासन के सहयोगी रहे होंगे। ऐसे लोगों को से समाज को सतर्क रहना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विजयदशमी का पर्व प्रभु श्रीराम द्वारा अधर्म, अन्याय और अत्याचार के पर्याय रावण पर विजय प्राप्त कर रामराज की स्थापना के शंखनाद का पर्व है। रामराज हर देशकाल और परिस्थिति में अक्षरशः सही है। इसीलिए सनातनधर्मावलम्बी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के उपकार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने को रावण का पुतला दहन करते हैं और श्रीराम का वंदन करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने जब मानव को मार्गदर्शन देने के लिए अपनी लेखनी उठाई, तो उन्होंने श्रीराम को साक्षात धर्म के स्वरूप में पाया। उनके अनुसार श्रीराम में धर्म के सभी आग्रह मौजूद हैं। श्रीराम हर सनातनी के रोम-रोम और श्वांस में बसे हैं। 1990 के दशक में जब संचार के साधन काफी कम थे, तब दूरदर्शन पर प्रसारित रामायण धारावाहिक की पहुंच 66 करोड़ से अधिक लोगों तक थी। इतना लोकप्रिय धारावाहिक कोई भी नहीं हुआ। इसका कारण यह है कि श्रीराम की कथा सबके लिए प्रेरणादायी है।
कोरोना कालखण्ड में भी जब रामायण का पुनः प्रसारण हुआ, तो यह सर्वाधिक लोकप्रिय धारावाहिक सिद्ध हुआ। समारोह में उपस्थित जनसैलाब भी इस बात की गवाही दे रहा है कि श्रीराम हर आयोजन के माध्यम से एक संदेश देकर हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का कारण बनते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रीराम और श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा हमें विपरीत परिस्थितियों में भी कार्य करने की नई ऊर्जा देती है। यही ऊर्जा सनातन धर्म की ताकत है। श्रीराम और रावण का युद्ध त्रेतायुग में ही नहीं, बल्कि हर काल और परिस्थिति में दिखाई देता है। राक्षसी शक्तियों के खिलाफ द्वंद हमेशा होता है और इस द्वंद से उत्पन्न ताकत ही सामर्थ्य और विकास का आधार है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सनातन धर्म सिर्फ उपासना विधि नहीं है, बल्कि यह हर एक जीव के कल्याण की और चराचर जगत की सुरक्षा की गारण्टी है। प्रकृति के नियमों पर चलने के लिए हमें सनातन धर्म पर दृढ़ विश्वास बनाए रखना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति नहीं होती। सत्ता में रहने पर यह श्रीराम और श्रीकृष्ण के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते थे। सनातन धर्म के विरुद्ध षड़्यंत्र करते थे। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत 11 वर्षों की विकास यात्रा ने हर भारतीय का गौरव बढ़ाया है। विकास और विरासत का समन्वय रामराज की याद को ताजा करने वाला कार्य है। विगत 11 वर्षों में हर गरीब को छत नसीब हुई है, तो हाईवे, एक्सप्रेस-वे, मेट्रो और एयरपोर्ट जैसी अवस्थापना कार्यां से लोगों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिली हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में विगत 11 वर्षों में हुए कार्य अद्भुत और अभिनन्दनीय हैं। यह 11 वर्षों की यात्रा नए भारत का दर्शन और भारत की शक्ति का एहसास पूरी दुनिया को कराती है। आज भारत पिछलग्गू नहीं, बल्कि दुनिया के देशों को अपने पीछे चलने के लिए बाध्य कर देने वाला देश है। इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सफल होगा।
इस अवसर पर सांसद श्री रवि किशन शुक्ल, गोरखपुर के महापौर डॉ0 मंगलेश श्रीवास्तव, जगद्गुरु स्वामी संतोषाचार्य ‘सतुआ बाबा’, श्री गोरखनाथ मन्दिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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