उतरौला बलरामपुर - शुक्रवार को पैगम्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की यौमे विलादत यानी बारह रबीउल अव्वल  उतरौला में स्थित बरदही बाजार पर एकत्रित होकर बड़े ही शान ए शौकत के साथ जुलूसे मोहम्मदी निकाला गया। जुलूस मुख्य मार्गों से होकर नगर के  श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे पर आकर सम्पन्न हुआ। मुस्लिम समुदाय के लोग भारी संख्या में जुलूस में शामिल हुए। जुलूस ए मोहम्मदी का कारवां आगे बढ़ा तो पीछे-पीछे तमाम अंजुमन मज़हबी के झंडे व परचम लेकर नात, मनकबत व दुरुद ओ सलाम पढ़ते हुए  साथ हो चले। आखरी नबी हज़रत मुहम्मद साहब की विलादत पर उतरौला में जश्न का माहौल रहा। लोगों ने नबी ए करीम की पैदा इश का एक दूसरे को मुबारकबाद पेश किया। गुरुवार को मगरिब के बाद अरबी के तीसरे माह रबीउल अव्वल की बारह तारीख लगते ही पूरा शहर नबी की विला दत का जश्न मनाने में जुट गये। लोगों ने अपने घरों, मस्जिदों वदरगाहों को लाइटों से रोशन कर दिया। नबी की आमद की खुशी में रात भर जाग कर लोगों ने इबा दत किया। मस्जिदों व घरों में मिलाद भी करा या गया। सुबह होते ही जुलूसे मोहम्मदी की तैयारी में जुट गए। शुक्र वार को उतरौला के बर दही बाजार से जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जुलूस बड़े ही शानो शौकत के साथ निकाला गया। बर दही बाजार से चलकर कर्बला से होते हुए जुलू स गोण्डा मोड़ परपहुंचा कर मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत के मौलाना एजाज रज़ा हशमती ने पैगम्बर इस्लाम हज़रत मुहम्मद साहब की ज़िन्दगी पर विस्तार रूप से रोशनी डाली। उन्होंने यह भी कहा कि नबी पाक की शिक्षाओं पर चलकर ही मुसलमान न केवल अप नी ज़िन्दगी को बेहतर बना सकता है बल्कि इस्लामी पैगाम को दुनिया में आम करके समाज की बुराईयों से भी छुटकारा पा सकता है। मौलाना मोहम्मद नईम व रहीम रज़ा ने परचमे तराना पेश किया। परचमे तराना सुनकर जुलूस मेंशामिल अकीदतमंद लोग झूम उठे। जुलूस गोण्डा मोड़ से चल कर पिपलेश्वर मन्दिर हनुमान गढ़ी ज्वाला महारानी मन्दिर से होते हुए जामा मस्जि द पर पहुंचकर  जामा मस्जिद के इमामअख्तर रज़ा खान ने सीरत ए मुस्तफा पर रोशनी डाली। मास्टर शबी अहमद उर्फ शब्बू ने नातियां कलाम पेश किया। मास्टर मोहम्मद फिरोज, मोहम्मद शमी, अशफाक अंसारी ने जुलूसे मोहम्मदी में शामिल होकर अकीदत मंदों पर पुष्प की वर्षा कर इस्तकबाल किया। जुलूस हाटन रोड तिराहे  पहुंचने पर कई मौलाना ने जुलूस को खिताब करते हुए कहा कि अल्लाह ने सबसे पहले नबी के नूर को बनाया फिर उसी नूर से पूरी कायनात को भी बना या। इसलिए पूरी इंसा नियत के लिए बारह रबीउल अव्वल का दिन रहमतों व बरकतों वाला दिन है। लोगो को नबी के बताए हुए रास्ते पर अमल करने की अपील की। जुलूस हाटन रोड से बढ़ता हुआ चांद मस्जिद पर रुककर जहां चांद मस्जिद के इमाम मौलाना अकीबुर्र हमान ने कहा कि अल्लाह ने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को इंसानों की रहनुमाई के लिए भेजा। नबी की शिक्षाओं पर अमल कर इंसान न केवल अपनी ज़िन्दगी बल्कि एक बेहतर समाज को बना सकता है। ज़रूरत इस बात कि हैं कि मुसल मान नबी-ए-करीम की शिक्षाओं को घर-घर तक पहुंचाए। इसी बीच रसूल की आमद की खुशी में पूरा इलाका नारे तकबीर अल्लाहु अकबर, हिन्दुस्तान ज़िंदाबाद के नारों से गूंज उठा। जुलूस के इंतज़ार में सड़क किनारे खड़े जायरीनों ने पूरे रास्ते फूलों की बारि श कर इस्तकबाल किया। अनेक तंजीमो के द्वारा जगह-जगह स्टॉल लगाकर जुलूस में शामिल लोगों को फल, मिठाई, बिस्किट, पानी, कोल्ड ड्रिंक, शरबत, बिरयानी, शीरमाल,चाय आदि वगैरा वितरित किया गया। जुलूस अपने निर्धारित मार्ग से होता हुआ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा पर पहुंचा। जहां पर गौसिया अरबी कालेज और सून्नी जामा मस्जिद के मौलाना ने एक मंच पर खड़े होकर जुलूस को खिताब करते हुए कहा कि मुसलमानों के आखरी नबी हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की विलादत से पहले पूरी दुनिया सामाजिक और धार्मिक कुरीतियों का शिकार थी। सैकड़ों की तादाद में कबीले थे, जिनके अलग-अलग नियम और कानून थे।कमज़ोर और गरीबों पर जुल्म होते थे। औरतों का जीवन सुरक्षित नहीं था। मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम नेलोगों को एक ईश्वरवाद की शिक्षा दी। उन्होंने सिर्फ अल्लाह की इबादत पर बल दिया। लोगों को पाक-साफ रहने के लिए तरीके बताए। सभी के जानमाल की सुरक्षा के लिए भी इस्ला मिक तरीके लोगों तक पहुंचाए। साथ ही साथ अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त के पाक सन्देश को भी सभी लोगों तक पहुंचा या। नबी पर दरुद ओ सलाम पेश करने के बाद मुल्क की तरक्की खुशहाली, अमन चैन के लिए दुआ मांगी,और जुलूस-ए मोहम्मदी का समापन किया गया। जुलूसे मोहम्मदी की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर प्रभारी निरी क्षक अवधेश राज सिंह, कस्बा चौकी प्रभारी अनिल कुमार और पुलिस बल के साथ मुस्तैद रहे। ज़मीन पर सुरक्षा बल और आस मान से ड्रोन कैमरों के जरिये जुलूस मार्ग के चप्पे-चप्पे पर कड़ी नज़र रखी जा रही थी। इसके अतिरिक्त जुलूस के प्रत्येक गतिविधि की वीडियों रिकॉर्डिंग भी कराई गई। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों के पकड़ी बाजार में दर्जनों गावों जाफराबाद, पेहर छिपि या, गोगाथर, रानीपुर, महदेइया मोड़ नौरंग डीह चमरुपुर, श्रीदत्त गंज, बनकटवा, बन घुसरा, इमलिया, बेथुइया सहित तमाम गावों से जूलूस निकाल गया, हजारों की संख्या में अकीदत मंद हुज़ूर की आमद मरहबा की सदाओं से आकाश गुंजायमान रहा। अन्त में मदरसा फैजुन्नवी के मौलाना मुलाजिम रजा ने खिताब करते हुए हुज़ूर सल्लल्लाहु अलै हि वसल्लम के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए हुए रास्ते पर चलने की अपील की।

             हिन्दी संवाद न्यूज से
            असगर अली की खबर
              उतरौला बलरामपुर। 

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने