ग्रामीणों ने श्रम दान कर चक मार्ग सही किया 
आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रधान नूरहसन मुर्दाबाद के नारे लगाए 

सीतापुर - पिसावां ब्लाक की ग्राम पंचायत नेरी के ग्रामीणों ने श्रम दान करके चक मार्ग दुरुस्त कर दिया ।खम ठोक ठेलता है जब नर पर्वत के जाते पैर उखड़ । मानव जब जोर लगाता है पत्थर पानी बन जाता है । 
राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी की कविता की लाइनों को नेरी के युवा बड़े बुजुर्ग ने मिलकर श्रमदान करके सही साबित कर दिखाया है । एक माह से बन्द चक मार्ग को सही करने हेतु जब नेरी के युवाओं के कदम आगे बढ़े तो बारिश बिजली भी उनका हौसला डगमगा न सकी । चार घंटे और बारिश में काम मार्ग बना कर ही युवा माने । नेरी का निकम्मा प्रधान नूरहसन एक माह तक ग्रामीणों को बरगलाता रहा । फिर नूरहसन मुर्दाबाद के साथ अपना हाथ जगन्नाथ मार्ग बनकर तैयार युवा ब्रिगेड जिनके दम से मार्ग बना राम सहाय, सीताराम ,राजेंद्र ,राजकुमार रज्जू,राकेश, राम अवतार, रामकुमार, विनीत ,शरद मिश्रा, आदित्य, नीरज ,सुभाष ,अरविंद मौर्या, श्याम गुप्ता, शिवकुमार बहेलिया, बब्लेश राजवंशी, रामदास बहेलिया , मिंदर ,अनिल गौतम, राजेश मिश्रा सक्षम, सर्व सुलभ शुक्ला नितिन ,आशुतोष, बाबू कमल वीर शुक्ला, आकाश ,कन्हैया ,रामविलास, गुड्डन कश्यप, आदित्य कश्यप, डाले कश्यप ,अरुण कश्यप, शकुन कश्यप, प्रांशु कश्यप, 
और मातृशक्ति उपस्थित रहकर चक मार्ग पाटने में सहयोग किया ।

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