बलरामपुर जिले में पिछले सप्ताह से लगातार बारिश से बाढ़ का माहौल बन गया है वहीं राप्ती नदी लगातार किसानों की उपजाऊ जमीन को निगल रही है चौकाकला, मधवापुर, साखीरेत समेत दर्जनों गांव में राप्ती नदी की कटान ने किसानों की नीद उड़ा रखी है कई किसान भूमि हीन हो चुके हैं कई किसान गांव छोड़कर अलग जाकर बस रहे हैं वहीं चौकाकला गांव का पंचायत भवन कटान के जद में आ गया है प्रशासन रोकथाम में लगी है लेकिन आग लगने पर कुआं खोदने वाली कहावत चरितार्थ हो रही है हरिहर गंज ललिया मेन रोड पर लाैकहवा डिप पर हेंगहा, गौरैय्या, डुडवा आदि पहाड़ी नाले का नेपाल से आने वाला पानी बह रहा है जिससे जिला मुख्यालय बलरामपुर से आवागमन में समस्या बनी हुई है बाढ़ खत्म होने के बाद पुल निर्माण होने से ही समस्या का समाधान संभव है बाढ़ प्रभावित रास्ते पर सरकारी नाव लगाने की मांग किया गया, इन्हीं मांगों का प्रार्थनापत्र अपर जिला अधिकारी सुश्री ज्योति राय को सौंपा गया। जिसका नेतृत्व समाजसेवी युगल किशोर शुक्ल ने किया साथ में आशीष पटेल, पप्पू वर्मा, संदीप मौर्य, पवन,जगन्नाथ दूबे, अमृत लाल तिवारी, अभय तिवारी समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।

          हिन्दी संवाद न्यूज से
            रिपोर्टर वी. संघर्ष
               बलरामपुर। 

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