औरैया // बेला थाना क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत पिपरौली शिव के मजरा ग्राम पुर्वा हृदय में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक लालाराम दिवाकर द्वारा नाबालिक छात्रा के साथ बेरहमी से पिटाई के कारण परिजनों सहित ग्रामीणों में भारी नाराजगी है और तत्काल प्रधानाध्यापक को बर्खास्त कर मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजे जाने की माग की, छात्रा के परिजन सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि मेरी पौत्री कु. नेहा शर्मा प्राथमिक विद्यालय पुर्वा हृदय मौजा पिपरौली शिव थाना बेला जनपद औरैया में कक्षा 04 में पढ़ती है कल दिनांक 08/09/2025 को मेरी पौत्री कु.नेहा शर्मा विद्यालय पढ़ने गई थी जहां विद्यालय के प्रधानाध्यापक लालाराम दिवाकर निवासी ग्राम बलीदादपुर थाना बेला जनपद औरैया ने गणित का सवाल न बता पाने पर उसको दोनो पैरों के बीच में दबाकर उसके ऊपर बेरहमी से बाए तरफ डंडे बरसाए जिससे उसको गंभीर चोटें आईं और काले निशान भी बन गए हैं जो दर्द का कारण बने हुऐ हैं मेरी पौत्री को पहले भी कई बार पीट चुका हैं तब मेरी पौत्री के आंख में गम्भीर चोट आईं थी लेकिन प्रधानाध्यापक द्वारा हाथ जोड़कर माफी मांगने से हमने शिकायत न करके माफ कर दिया था अब मेरी पौत्री बहुत डरी व सहमी हुई है जब हमने प्रधानाध्यापक से इस बारे में कहा की मेरी पौत्री को इस तरह से क्यों मारा तो उल्टा मुझे धमकाने लगा की पढ़ाना हो तो पढ़ा नही तो भेजने की जरूरत नहीं परिजन ने इस सम्बंध में मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर भी इसकी शिकायत की है जिसका सन्दर्भ संख्या 40016225025025 है वही परिजनों एवं ग्रामीणों का कहना है यह प्रधानाध्यापक हमेशा निर्दयतापूर्वक छात्रों को पीटता हैं ग्रामीणों में धर्मेंद्र प्रताप सिंह, पंकज कुमार, मोहर सिंह, धनपाल सिंह, पिंटू दोहरे, शंकर कुमार, योगेन्द्र कुमार, रमेश सिंह, राम विलास, पप्पू दोहरे ने कहा कि विद्यालय प्रशासन को नाबालिग छात्रों की सुरक्षा और गरिमा बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को छात्रों के साथ दयालुता और सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए सभी ग्रामीणों एवं परिजनों ने प्रधानाध्यापक को बर्खास्त कर कड़ी कानूनी कार्रवाई कर जेल भेजने की मांग की है।
ब्यूरो रिपोर्ट :- जितेन्द्र कुमार
विद्यालय शिक्षा के लिए है, न कि शारीरिक दंड देने के लिए। इस प्रकार की घटना बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है।
जवाब देंहटाएंअतः आपसे निवेदन है कि इस मामले की जाँच कर उचित कार्यवाही करने की कृपा करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।
विद्यालय शिक्षा के लिए है, न कि शारीरिक दंड देने के लिए। इस प्रकार की घटना बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है।
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