मुख्यमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी संकल्प अभियान’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया

‘आत्मनिर्भर भारत  संकल्प अभियान’ विकसित भारत की संकल्पना को
साकार करने तथा उसकी आधारशिला को सुदृढ़ करने का अभियान : मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री जी ने स्वदेशी की अवधारणा को विराट और व्यापक रूप दिया

भारत दुनिया में सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार, जब हमारा
नागरिक भारत में बना कोई भी उत्पाद खरीदेगा, तो भारत का
पैसा देश के विकास में लगेगा और यहां की समृद्धि का कारण बनेगा

‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना देश में अब तक की सफलतम योजनाओं में एक

एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र में 02 करोड़ लोग रोजगार प्राप्त कर रहे,
10 करोड़ लोगों का प्रत्यक्ष रूप से इसके साथ जुड़ाव

सभी गांव तथा जनपद में स्वदेशी मेले लगाये जाने चाहिए,
एम0एस0एम0ई0 विभाग भी इसमें सहयोग करेगा

उ0प्र0 देश के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट का 60 प्रतिशत उत्पादन,
देश के 60 प्रतिशत मोबाइल फोन अकेले उ0प्र0 में बन रहे

हमारा प्रयास कि नये रिकॉर्ड के साथ दीपोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जाए

भारत ने दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था के रूप में स्वयं को स्थापित किया,
वर्ष 2047 में प्रधानमंत्री जी की संकल्पना के अनुरूप भारत अवश्य विकसित होगा

आगामी 25 से 29 सितम्बर के बीच ग्रेटर नोएडा में यू0पी0 इण्टरनेशनल
ट्रेड शो का आयोजन, यह ट्रेड शो स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का सबसे अच्छा मॉडल


लखनऊ : 23 सितम्बर, 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान’ कार्यक्रम विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने तथा उसकी आधारशिला को सुदृढ़ करने का अभियान है। स्वदेशी अब केवल एक नारा नहीं है। स्वदेशी अब केवल खादी वस्त्रों तक सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वदेशी की अवधारणा को विराट और व्यापक रूप दिया है। हमारी सरकार देश में सूई से लेकर समुद्री मालवाहक जहाजों के निर्माण तक और फाउण्टेन पेन से लेकर के एयरोप्लेन का निर्माण कर रही है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान’ कार्यक्रम के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने शारदीय नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि जो सामान भारत में निर्मित हो, जिसमें भारत के श्रमिकों का पसीना लगा हो और जिसके निर्माण में देश की युवा शक्ति की प्रतिभा लगी हो, वह हमारे लिए स्वदेशी है। मेक इन इण्डिया, मेक फॉर द वर्ल्ड अर्थात् भारत के द्वारा पूरी दुनिया के लिए बनाया गया उत्पाद, जो दुनिया के लिए उपयोगी हो और दुनिया उसका अनुसरण करने के लिए मजबूर हो, वह सभी हमारे लिए स्वदेशी है। इस स्वदेशी को हम अपने जीवन का हिस्सा बना सकें, यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस अभियान में आप सभी को अपना योगदान देना है। इसलिए यह संगोष्ठी अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का कहना है कि जो भी उत्पाद भारत के श्रमिकों के श्रम से बना हो, हमारे युवाओं की प्रतिभा से आगे बढ़ा हो, जो भारत की धरती पर भारत के उद्यमी, व्यापारी, श्रमिक, युवा इन सबके सामूहिक प्रयास बना हो, उसे स्वदेशी मानने के लिए हमें एक-एक व्यक्ति को तैयार करना है। इसी उत्पाद को खरीदने के लिए लोगों को प्रेरित करना है। वर्तमान में भारत दुनिया में सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार भी है। देश की 140-145 करोड़ की आबादी को कोई नकार नहीं सकता है। जब हमारा नागरिक भारत में बना हुआ कोई भी उत्पाद खरीदेगा, तो भारत का पैसा देश के विकास में लगेगा और यहां की समृद्धि का कारण बनेगा। स्वदेशी के प्रयोग के बारे में अवगत कराना एक राष्ट्रीय कार्य है।
 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत का पैसा जब विदेशों में चला जाएगा, तब वह फिर देश में आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद को भड़काने में प्रयोग होगा तथा और अव्यवस्था पैदा करने के लिए उस धन का दुरुपयोग होगा। इसलिए भारत का पैसा भारत के कारीगरों, हस्तशिल्पियों और युवाओं के हाथों में जाना चाहिए। हमें इस अभियान का हिस्सा बनना होगा। स्वामी दयानंद सरस्वती ने यह अभियान देश की आजादी के लिए प्रारम्भ किया था। वीर सावरकर, महात्मा गांधी और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इसके लिए आवाज उठाई थी। स्वतंत्र भारत में नए भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री जी ने यह आवाज उठायी और इस अभियान को नई गति दी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हमने उत्तर प्रदेश में ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना की शुरूआत की थी। देश में यह योजना अब तक की सफलतम योजनाओं में से एक है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों के एक यूनिक प्रोडक्ट हैं। मेरठ खेल के सामान, आगरा, कानपुर व उन्नाव चमड़े के सामान, भदोही के कारपेट, वाराणसी की सिल्क की साड़ियां, फिरोजाबाद के ग्लास के आइटम, खुर्जा के चीनी मिट्टी के बर्तन, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, गोरखपुर का टेराकोटा शिल्प, दुनिया का सबसे अच्छा चावल सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, प्रतापगढ़ का आंवला, आगरा का पेठा सहित सभी जनपदों का कोई न कोई विशिष्ट उत्पाद हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 यूनिट हैं। वर्ष 2017 के पहले यह क्षेत्र मृतप्राय हो चुका था। लोग पलायन कर रहे थे। कारीगर हताश व निराश थे। सरकार के स्तर पर कोई प्रोत्साहन नहीं था। हमने एक जनपद एक उत्पाद योजना से एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र को नई गति दी। इसे नए सिरे से आगे बढ़ाने का काम किया और मजबूती प्रदान की। हमने इन्हें डिजाइन टेक्नोलॉजी, मार्केट तथा पैकेजिंग से जोड़ा और इसकी ब्रांडिंग की। हर प्रकार से इसे प्रोत्साहित किया। आज परिणाम है कि उत्तर प्रदेश 02 लाख करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट कर रहा है। केवल भदोही से ही 14 हजार करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट दुनिया के मार्केट में होता है। मुरादाबाद से 12 से 14 हजार करोड़ रुपये के ब्रास आइटम एक्सपोर्ट होते हैं। इसी प्रकार फिरोजाबाद से 4 से 5 हजार करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट हो जाता है। हर मार्केट की अपनी एक अलग पहचान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले जो प्रदेश बीमारू राज्य माना जाता था, वह ओ0डी0ओ0पी0 योजना के माध्यम से आज 02 लाख करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट कर रहा है। यह पैसा सरकार, हमारे उद्यमियों, कारीगरों तथा हमारे श्रमिकों के पास आता है। इस क्षेत्र में 02 करोड़ लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। 10 करोड़ लोगों का प्रत्यक्ष रूप से एम0एस0एम0ई0 के साथ जुड़ाव है। कम पूंजी में, कम स्थान पर और घर में भी यह काम हो सकता है। हमारे स्थानीय किसान, श्रमिक, युवा तथा हमारे अपने लोग जो उत्पाद तैयार कर रहे हैं, उसे स्वदेशी अभियान से मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी गांव तथा जनपद में स्वदेशी मेले लगाये जाने चाहिए। एम0एस0एम0ई0 विभाग भी इसमें सहयोग करेगा। दीपावली के पहले हमारा प्रयास रहता है कि हर जनपद में ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ और स्थानीय उत्पादों का मेला लगे। जनपद स्तर पर अभी से इसकी प्लानिंग कर लेनी चाहिए। दीपावली 19 और 20 अक्टूबर को है। 10 से 18 अक्टूबर के बीच में एक सप्ताह के मेले की अभी से प्लानिंग कर लें, तो बड़े पैमाने पर अच्छे कार्यक्रम हो सकते हैं। इससे स्थानीय उद्यमियों और व्यापारियों को लाभ होता है और लोग विदेशी उत्पाद को खरीदने से बचते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और खादी के प्रोडक्शन से लेकर के डिफेंस प्रोडक्शन तक अपनी ताकत का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है। अन्नदाता किसान खुशहाल हैं। उन्हें लागत का डेढ़ गुना से अधिक दाम मिल रहा है। लगातार इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा रहा है। 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्रदेश में आए हैं। हमने प्रदेश में बेहतरीन कनेक्टिविटी स्थापित की है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और विश्वकर्मा श्रम सम्मान और पीएम विश्वकर्मा जैसी स्कीम के माध्यम से इस निवेश को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश देश के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट का 60 प्रतिशत उत्पादन कर रहा है। देश के 60 प्रतिशत मोबाइल फोन अकेले उत्तर प्रदेश में बन रहे हैं। फोन की स्क्रीन या डिस्प्ले बोर्ड उत्तर प्रदेश में बन रहे हैं। अब यह चीन, ताइवान या अमेरिका से नहीं आ रही, बल्कि प्रदेश में ही बन रहे हैं। प्रदेश में हर स्तर पर कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले दीपावली पर चीन की झालर बाजारों में छा जाती थी। अब घर-घर में लोग मिट्टी के दीप जला रहे हैं। वर्ष 2017 में जब अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया जाना था, उस समय अयोध्या और अयोध्या कमिश्नरी में 51 हजार दीप नहीं मिले थे। पूरे प्रदेश से दीये लाने पड़े थे। गत वर्ष हमने 21 लाख दीप प्रज्ज्वलित कराए थे और सभी अयोध्या में बने थे। इस बार भी हमारा प्रयास है कि नये रिकॉर्ड के साथ दीपोत्सव का कार्यक्रम आयोजित होगा। मिट्टी के साथ ही, गाय के गोबर के दीप भी जलाए जाएंगे। हर घर में दीप जलना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 08 वर्षां में भारत ने अपनी विपन्नता दूर करते हुए दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था के रूप में स्वयं को स्थापित किया है। वर्ष 2047 में विकसित भारत की प्रधानमंत्री जी की संकल्पना के अनुरूप भारत अवश्य विकसित होगा। इसका रास्ता स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के संकल्प से ही आगे बढ़ता है। आप सभी इस अभियान से जुड़े।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक समय दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 40 प्रतिशत था। यह लगभग 2,000 वर्ष पहले की बात है। आज से 300 वर्ष पहले भी दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 25 प्रतिशत था। औद्योगिकीकरण की दृष्टि से भारत का उत्पादन में 25 प्रतिशत का योगदान था और यह प्रथम स्थान पर था। उस समय भारत वृहत्तर भारत के रूप में था, जिसमें आज का भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश थे। अर्थात् 300 वर्षों तक भारत दुनिया की नम्बर एक की आर्थिक ताकत और उत्पादक राष्ट्र था। कृषि में भारत की कोई तुलना ही नहीं थी। भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का स्थान दुनिया के सातवें राष्ट्र के रूप में आता है। प्रथम स्थान पर रूस, द्वितीय पर कनाडा, तृतीय पर संयुक्त राज्य अमेरिका, चौथे पर चीन, पांचवें पर ब्राजील, छठे पर ऑस्ट्रेलिया और सातवें पर भारत है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से अमेरिका, कनाडा, ब्राजील तथा चीन भारत से बहुत बड़े हैं, लेकिन इन देशों की कुल भूमि के मात्र 20 प्रतिशत पर ही कृषि हो सकती है। भारत अकेला देश है, जिसके 60 प्रतिशत से अधिक भूभाग पर बेहतर कृषि होती है। दुनिया की सबसे उर्वरा भूमि और सबसे अच्छा जल संसाधन भारत में है। भारत दुनिया में कपड़े का सबसे बड़ा उत्पादक था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने अपने स्वार्थ के लिए बंगाल के कारीगरों की कारीगरी को समाप्त करने के लिए उनके हाथ काट दिए थे। अनेक षड़यंत्र रचे गए। खेती-किसानी में हमारे यहां यूरिया, पोटाश, डी0ए0पी0, जिंक फास्फेट या किसी पेस्टीसाइड और केमिकल का प्रयोग नहीं होता था। हर गांव में गाय, बकरी, भैंस खेतों में बांधे जाते थे। गाय का गोबर, मूत्र, गाय से जुड़े हुए उत्पाद, गाय का खुर उस धरती को मुलायम भी करता था और उसकी उर्वरता को भी बढ़ाता था। परिणाम यह होता था कि धरती से खूब अन्न उत्पादन होता था। हमारे किसान धनधान्य से परिपूर्ण थे। जितना हम खेती का दोहन करते थे, इनके माध्यम से उससे कई गुना हम खेतों को वापस करते थे। हमारे अन्नदाता किसान देश में जीरो बजट खेती करते थे। आज इसी सम्बन्ध में प्रधानमंत्री जी नेचुरल फार्मिंग करने की बात कहते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने भारत की ताकत कृषि थी, जिसमें पहले देशी खाद और ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग होता था। गाय, भैंस, बकरी के गोबर से बनी खाद खेत की उर्वरता बढ़ती थी, जिसमें पानी की भी कम आवश्यकता होती थी। यह स्वदेशी का एक सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल था। इन देशी खादों का स्थान यूरिया, पोटाश, डी0ए0पी0, जिंक फास्फेट और अन्य पेस्टिसाइड तथा केमिकल्स ने ले लिया। इनके लिए पानी की भी अधिक आवश्यकता थी। इसने खेती की उर्वरता को पूरी तरह नष्ट हो गयी। आज स्थिति यह है कि कुछ राज्यों में कैंसर ट्रेन चलानी पड़ रही है। पानी का संकट खड़ा हो गया है। पानी का लेवल डेंजर जोन में जा चुका है। डार्क जोन बन गए हैं। भीषण अकाल की स्थिति एक बार फिर वहां अपनी दस्तक दे रही है। इससे बचने के लिए हमें स्वदेशी मॉडल अपनाना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक तरफ आक्रान्ताआें ने हमारी खेती को नष्ट किया, दूसरी तरफ यहां के लघु और कुटीर उद्योगों को समाप्त किया। यह भारत की ताकत थी। परिणामस्वरूप भारत विपन्न होता गया। जब देश वर्ष 1947 में स्वतंत्र हुआ, तो औद्योगिक उत्पादन में हमारी हिस्सेदारी मात्र डेढ़ फीसदी थी। दुनिया की अर्थव्यवस्था में हम 25 प्रतिशत के योगदान से मात्र 300 वर्षों में डेढ़ प्रतिशत पर आ गए थे। देश गरीब और उत्तर प्रदेश बीमारू हो गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत पर जब इस्लाम ने पहला हमला किया था, उस समय भारत में सन् 1100 तक हिंदुओं की आबादी 60 करोड़ थी। वर्ष 1947 में जब यह देश आजाद हुआ, उस समय हिंदुओं की आबादी मात्र 30 करोड़ रह गयी। इन 800-900 वर्षों में हमारी आबादी बढ़नी चाहिए थी, जबकि यह कम हो गयी। आबादी ही नहीं घटी, बल्कि हमारी खेती के उत्पादन को भी कम कर दिया गया। इस देश पर अत्याचार किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत में 300 वर्ष पहले आधी से कम आबादी खेती पर निर्भर थी और आबादी उद्योग-धंधों में संलग्न थी। यहां बड़े उद्योग नहीं बल्कि लघु, सीमान्त और कुटीर उद्योगों का एक जाल फैला हुआ था। यह भारत की ताकत थी। उत्पादक देश के रूप में भारत का बेहतरीन उत्पाद दुनिया के मार्केट में छाया था। यहां दुनिया के व्यापारी आते थे। भारत के पास सब कुछ था। कुछ लोगों ने जाति, क्षेत्र, भाषा सहित अन्य आधारों पर देश को बांटा। आज भी ऐसे लोग उसी विदेशी मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं और समाज को विभाजित कर रहे हैं। ऐसे लोग स्वदेशी अभियान पर भी उंगलियां उठाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 25 से 29 सितम्बर के बीच ग्रेटर नोएडा में यू0पी0 इण्टरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी 25 सितम्बर को इसका उद्घाटन करेंगे। यह ट्रेड शो स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का सबसे अच्छा मॉडल है। इस वर्ष ट्रेड शो का तीसरा संस्करण है। ट्रेड शो में प्रदेश के सभी जनपदों के उत्पादों को शोकेस किया जाएगा। 500 विदेशी व्यापारी सहित देश भर के व्यापारी वहां आए हैं। अभी से दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना अथॉरिटी के सारे होटल भर चुके हैं। गत वर्ष ट्रेड शो में 2,200 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी। यह एक सफलतम आयोजन है, जो उत्तर प्रदेश के कारीगरों, हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। ट्रेड शो में सभी 75 जनपदों के लगभग ढाई हजार स्टॉल लगेंगे।
------------

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने