उतरौला बलरामपुर -हर साल की तरह इस साल भी रविवार की रात्रि लगभग नौ बजे से सुन्नी जामा मस्जिद कमेटी के द्वारा सुन्नी जामा मस्जिद के सामने जश्ने ईद मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया है। जलसे की सदारत कर रहे हाफिज मोहम्मद दाऊद,कयादत कर रहे मौलाना अख्तर रज़ा खान व निजामत कर रहे मौलाना तुफेल अहमद ने किया। कारी इस्लामुल कादरी ने कुराने पाक की तिला वत के साथ जश्ने ईद मिलादुन्नबी काकार्यक्रम का आगाज किया गया। शायरे इस्लाम सुहेल जाफराबादी, असलम बलरामपुरी व अन्य लोग नाते ख्वान के द्वारा नबी की शान में पढ़ी गई, नात शरीफ को सुनकर पूरा मजमा झूम उठा, और नारे तक बीर अल्लाह हू अकबर कि सदाओं से महफिल भी गूंज उठा। मुफ्ती कमाल अहमद अलीमी जामदाशाही ने खिताब फरमाते हुए कहा कि अल्लाह से डरो। कुरान के कथन को अपने जीवन में उतारो और
नमाज, रोज़ा, हज, जकात पर कायम रहो। प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के साथ-साथ अल्लाह के सभी वलि यों एवं बुजुर्गों की तरह दीन से मोहब्बत रखने की कोशिश करें, उनके जीने का तौर तरीका रहन सहन खान पान को अपने जीवन में उतार लो।आपकी ज़िन्दगी संवर जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हमेशा अपने पड़ोसियों का ख्याल रखें, कोई ऐसा काम न करें कि आपके पड़ोसी को तक लीफ हो। ऐसा हरगिज़ न हो कि आपका पेट भरा हो और आपका पड़ोसी भूखा सोया हो। महिलाओं को सबसे ज्यादा सम्मान इस्लाम में दिया गया है। जहां एक तरफ बेटी घर की रहमत है तो दूसरीतरफ दूसरे रूप में मां के कदमों में जन्नत भी है। हमेशा अपने मां बाप का ख्याल रखें फरमा बरदारी करें। मुफ्ती रिजवान अहमद मिस्बा ही ने कहा कि झूठ, फरेब, धोखा, बेईमानी, मक्कारी से बचें,क्योंकि ऐसा करने वालों की बख्शीश हरगिज नहीं होगी। शादी विवाह में होने वाले तमाम फिजूल खर्च तामझाम को बन्द कर नबी के रास्ते पर चलते हुए निकाह को इतना सस्ता और आसान बना दो, कि किसी बाप को अपनी बेटियो का बोझ न लगे। क्योंकि बेटियां अल्लाह की रहमत है। मौलाना अख़्तर रज़ा ने कहा कि नबी ए करीम मोहम्मद रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तालाअलैहि वसल्लम ने कहा था, कि इल्म हासि ल करने के लिए अगर चीन जाना पड़े तोजाओ इससे यह साबित होता है कि हमें दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम को भी हासिल कर देश के विकास की मुख्यधारा से जुड़ जायेगा, और अपने देश व कौम का नाम रोशन होगा। उन्होंने जुलूस ए मोहम्मदी के शानदार आयोजन और सकुशल समापन के लिएआवाम के साथ प्रशासन की सराहना करते हुए मुबा रकबाद दिया। नबी ए करीम पर दुरुद ओ सलाम के बाद गरीब मजलूम, बेवा, बेसहारा, बीमार, परेशान, कौम, मुल्क की तरक्की, खुश हाली, अमन, शांति और भाई चारा की दुआ कर जलसे का समापन किया गया। जलसे में कमेटी के सदस्य लाल बाबू,मोहम्मद जुबेर अहमद हाजीमुजम्मिल, हसीब शेख, हाजी निजामुद्दीन के अलावा और उलमाय कराम के साथ भारी तादाद में अकीदतमंद मौजूद रहे।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
उतरौला बलरामपुर।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know