सूक्ष्म उद्यम सखियों के संग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई उड़ान
13 हज़ार महिलाएं बनेंगी उद्यमिता की प्रेरणा, 6.5 लाख उद्यम का लक्ष्य
स्वावलम्बन से लखपति बनने तकरू महिलाओं को सशक्त बनाएगा आजीविका मिशनष्
9 हजार से अधिक सूक्ष्म उद्यम सखियों का किया गया चयन
13000 से अधिक महिलाएं बनेंगी ‘सूक्ष्म उद्यम सखी’, 50-50 महिलाओं को जोड़ेंगी स्वरोजगार से
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की नई पहल, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था दे रही तकनीकी सहयोग
लखनऊ: 02 सितम्बर, 2025
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन मे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं की आमदनी बढ़ाकर उन्हें स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाए जाने की दिशा में प्रदेश में बहुत तेजी के साथ कार्य हो रहा है। आजीविका मिशन के तहत गठित समूहों से समूह सखी, बीसी सखी, विद्युत सखी, कृषि आजीविका सखी, पशु सखी, रेशम सखी, सूर्य सखी आदि बनाकर उनकी आमदनी में उल्लेखनीय अभिवृद्धि करायी गयी है। इसी कड़ी में सूक्ष्म उद्यम सखी के रूप में दीदियों को प्रशिक्षण देकर महिलाओं की आमदनी में इजाफा करने की नयी पहल की गयी है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अब स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आजीविका से एक कदम आगे ले जाकर श्सूक्ष्म उद्यम सखीश् के रूप में विकसित करने जा रहा है। इस पहल के तहत 13,064 महिलाओं को सूक्ष्म उद्यम सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो आगे चलकर 50-50 अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार से जोड़ेंगी। अब तक ये महिलाएं अपनी आजीविका के लिए कार्य कर रही थीं, लेकिन इस पहल के माध्यम से वे खुद उद्यमी बनेंगी और दूसरों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी। उन्हें छोटे व्यापार शुरू करने, वित्तीय सहायता प्राप्त करने और विपणन संबंधी जानकारी देने जैसे पहलुओं में मार्गदर्शन मिलेगा। बैंक सखी की मदद से उन्हें बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
यह पूरी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को संगठित कर सतत आजीविका और वित्तीय समावेशन के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि करना है। पूर्व में इसी मिशन के तहत बैंक सखी, विद्युत सखी, कृषि आजीविका सखी और मनरेगा मेट जैसी भूमिकाएं तैयार की गई थीं, जिनसे महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक संबल मिला, बल्कि वे गांवों में बदलाव की मिसाल बनीं।
प्रयास को सफल बनाने में डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था तकनीकी सहयोग दे रही है। संस्था इन महिलाओं को प्रशिक्षण, उद्यम कौशल, प्रबंधन क्षमता, और बाज़ार से जोड़ने जैसे अहम पहलुओं पर सहयोग प्रदान कर रही है। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है।
सूक्ष्म उद्यम सखी न केवल स्वयं की पहचान बनाएंगी, बल्कि दर्जनों अन्य महिलाओं के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनेंगी। साथ ही, ये महिलाएं प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप श्लखपति महिलाश् कार्यक्रम को भी सहयोग प्रदान करेंगी। सभी जनपदों में प्रति संकुल स्तरीय संघ में 4-4 महिलाओं को सूक्ष्म उद्यम सखी नियुक्त किया जाएगा। एक सूक्ष्म उद्यम सखी तकरीबन 50 महिलाओं को उद्यम कराने में सहयोग करेगी। पूरे प्रदेश में कुल 13,064 सूक्ष्म उद्यम सखियों द्वारा 6,50,000 से ज्यादा उद्यम स्थापित कराये जाने का मसौदा तैयार किया गया है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती दीपा रंजन के निर्देशों के क्रम में अभी तक 9,000 से अधिक सूक्ष्म उद्यम सखियों का चयन किया जा चुका है। अब इन चयनित सखियों का प्रशिक्षण हेतु मॉड्यूल डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था द्वारा तैयार किये जा रहे हैं, जिनमें उन्हें व्यवसाय योजना (बिज़नेस प्लान), सरकारी योजनाओं की जानकारी, उद्यमिता आदि विषयों पर मार्गदर्शन दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में सूक्ष्म उद्यम सखी योजना लागू की गयी है, जो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने एवं उन्हें उद्यमिता से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। यह योजना महिलाओं को व्यवसायिक ज्ञान, प्रशिक्षण, ऋण सहायता और बाजार की समझ प्रदान करती है। इसके माध्यम से स्थानीय संसाधनों पर आधारित सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। उद्यम सखियाँ न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी। इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी एवं अनेकों स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लखपति बनने में सहायता प्राप्त होगी।

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