उतरौला बलरामपुरा- केन्द्र व प्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपया खर्च करके नगर व ग्रामीण अंचलों में स्वच्छ रखने की दावा करती वहीं राज्य सरकार के कर्मचारियों एवं ग्राम प्रधानों के द्वारा स्वच्छता अभियान के नाम सरकार ठेंगा दिखा रहीं हैं। यह मामला विकास खण्ड श्रीदत्तगज के ग्राम पंचायत गौर रमवापुर का है। ग्रामीणों का कहना है कि जहां एक तरफ़ सरकार स्वच्छ ग्रामीण अंचलों में सर्वे करवा रही है वही ग्राम सभा गौर रमवापुर के लोग स्वच्छता के लिए आधार भूत सुविधाओ से वंचित हैं, इस गांव में गन्दगी का भरमार लगा हुआ है, गांव कीनालियां भी पटी हुई है,जगह जगह पर कूड़ा पड़ा हुआ है। तथा समय समय पर साफ - सफाई नहीं होती है, और न ही ग्राम पंचायत के कई पुरवा में नालियां बनी है। पिछले कई सालों मे जितने भी प्रधान या क्षेत्र के नेता हुए है वह सभी लोग आज तक अपने ग्राम सभा में कहीं भी डस्टबिन की व्यवस्था नहीं की है।  और न ही आज तक प्रशासन अपने स्तर पर कूड़ा रखने के लिए किसी भी घर को डस्टबिन नही दिया गया है तथा न ही स्वच्छता के सम्बन्ध में कोई जागरूकता फैलाई गई है। ग्राम निवासी इमरान खान एडवोकेट ने बता या कि लोगों के घर से कूड़ा उठाने के लिए सरकार के तरफ़ से जो गाड़ी भेजवाया गया है वह वर्तमान प्रधान के घर पर ही खड़ी रहती है वह गाड़ी आज तक किसी के घर पर कूड़ा उठाने के लिए नहीं गयी है, और न ही कोई भी सफाई कर्मचारी किसी के घर कूड़ा उठाने के लिए जाता है, जबकि कागज पर वह गाड़ी रोज लोगो के घर का निकला हुआ कचरा उठने के लिए जाती है बल्कि हकीकत में वह प्रधान को ही देखने के लिए खड़ी हुई है। सरकार के द्वारा लाखों रुपए खर्च करके कूड़ा घर बनवाने के बाद भी आज तक उसमें न ही कूड़ा आया और न ही कोई उपयोग में नहीं हुआ है, वह भी केवल कागजों पर ही चल रहा है‌‌। अब अगर स्वच्छ सर्वे में आखिर ग्राम सभा गौर रमवापुर के निवासी अपना फीड बैक क्या देंगे, जो खुद मूल भूत सुविधाओं से वंचित हैं।

           हिन्दी संवाद न्यूज से
          असगर अली की खबर
             उतरौला बलरामपुर। 

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