* 26 अगस्त 2025*
*“डिजिटल साक्षरता ही युवाओं का भविष्य कवच” – विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह*
*डॉ. राजेश्वर सिंह का युवाओं को संदेश : AI क्रांति में भारत की युवा शक्ति बनेगी वैश्विक नेतृत्व की धुरी*
*“डिजिटल illiteracy होगी आने वाले समय की सबसे बड़ी अशिक्षा” – डॉ. राजेश्वर सिंह*
*सरोजनीनगर विधायक ने युवाओं को चेताया, अवसरों और चुनौतियों दोनों का सामना करने को रहें तैयार*
*भारत के युवा बन सकते हैं ‘AI Workforce of the World’ : डॉ. राजेश्वर सिंह*
*“AI उपभोक्ता नहीं, निर्माता बनें” - युवाओं को प्रेरित करते डॉ. राजेश्वर सिंह*
*“डिजिटल साक्षरता = लोकतांत्रिक सशक्तिकरण” – डॉ. राजेश्वर सिंह का संदेश*
*सजग युवा ही रोक सकेंगे फेक न्यूज़, डीपफेक और दुष्प्रचार*
*“जो युवा आज डिजिटल कौशल अपनाएंगे, वही कल भारत को नेतृत्व दिलाएंगे” - डॉ. सिंह*
*विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह का संदेश : “डिजिटल साक्षरता ही युवाओं का भविष्य-सुरक्षा कवच”*
*लखनऊ।* आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल क्रांति के इस दौर में सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने युवाओं को डिजिटल साक्षरता बढ़ाने का आह्वान किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर साझा अपने विस्तृत संदेश में उन्होंने कहा कि आने वाला समय उन्हीं का होगा, जो डिजिटल तकनीक को समझते और नियंत्रित करते हैं।
*डॉ. सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि :*
“डिजिटल illiteracy आने वाले दशक की नई अशिक्षा होगी। जो युवा आज डिजिटल कौशल में दक्ष होंगे, वही कल समाज, अर्थव्यवस्था और राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे।”
*डॉ. सिंह के संदेश के मुख्य बिंदु :*
1. *AI दुनिया को पुनर्गठित कर रहा है –* अब पहली बार गैर-मानव बुद्धि संस्कृति बना रही है। AI लेख लिखता है, संगीत रचता है, कोडिंग करता है, और कानूनी-चिकित्सकीय सलाह तक दे रहा है। अगर युवा डिजिटल रूप से साक्षर नहीं होंगे तो वे AI के उपभोक्ता मात्र रह जाएंगे, सर्जक या नियंत्रक नहीं।
2. *आर्थिक अवसर बनाम रोजगार संकट –* वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार, AI और ऑटोमेशन से 2025 तक 85 मिलियन नौकरियाँ खत्म होंगी लेकिन 97 मिलियन नई नौकरियाँ भी बनेंगी। ये नौकरियाँ AI कौशल, डेटा एनालिसिस और डिजिटल समस्या-समाधान पर आधारित होंगी।
3. *भारत का रणनीतिक लाभ –* दुनिया में सबसे बड़ा युवा जनसांख्यिकीय भारत के पास है (65% आबादी 35 वर्ष से कम आयु की)। यदि इन्हें डिजिटल कौशल से सुसज्जित किया जाए, तो भारतीय युवा पूरी दुनिया के लिए AI वर्कफोर्स बन सकते हैं, जैसे 90 के दशक में भारतीय IT इंजीनियरों ने सॉफ्टवेयर क्रांति का नेतृत्व किया था।
4. *भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ ढाल -* AI से बनी डीपफेक्स और फेक न्यूज़ लोकतंत्र, चुनाव और सामाजिक सामंजस्य को प्रभावित कर सकती हैं। डिजिटल रूप से साक्षर युवा ही इन्हें पहचानने, रोकने और जवाब देने में सक्षम होंगे।
5. *लोकतांत्रिक सशक्तिकरण -* डिजिटल कौशल युवाओं को प्रश्न पूछने, नवाचार करने और शासन में सक्रिय भागीदारी का सामर्थ्य देता है। यह उन्हें ज्यादा सजग और जवाबदेही सुनिश्चित करने वाला नागरिक बनाता है।
6. *वैश्विक प्रतिस्पर्धा –* चीन, अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देश AI शिक्षा और रिसर्च में अरबों डॉलर निवेश कर रहे हैं। भारत यदि डिजिटल साक्षरता पर फोकस करे तो न केवल पिछड़ापन दूर करेगा बल्कि लीपफ्रॉग कर सकता है।
*डॉ. राजेश्वर सिंह का विज़न :*
डॉ. सिंह ने अपने पोस्ट में कहा कि युवाओं को डिजिटल ज्ञान केवल रोज़गार के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र-निर्माण और लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी अर्जित करना चाहिए।
“जो युवा आज डिजिटल कौशल अपनाएंगे, वही कल भारत को वैश्विक नेतृत्व दिलाएंगे।”
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