अंबेडकरनगर, 11 जुलाई 2025 श्रावण मास के पहले दिन (11 जुलाई) भगवान शिव के भक्तों ने जिले के प्रमुख मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना कर आस्था का परिचय दिया। शिवालयों में भक्तों का जमावड़ा और अधिक रहा। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे।  

मुख्य आकर्षण

1. शिवबाबा धाम में श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नतें 
- सुबह से ही भक्तों ने विशाल वट वृक्ष के सामने माथा टेककर अपनी मनोकामनाएं व्यक्त कीं।  
- पुजारी ओमप्रकाश गोस्वामी ने बताया कि यहां मन्नत पूरी होने पर घंटी बांधने की सदियों पुरानी परंपरा है।  
- भक्तों ने हलवा-पूड़ी (स्थानीय भाषा में "कढ़ाई") का भोग लगाया।  

2. नर्वदेश्वर मंदिर में जलाभिषेक का सिलसिला  
- शहजादपुर स्थित इस प्राचीन मंदिर में गंगाजल, दूध और बेलपत्र से शिवलिंग का अभिषेक किया गया।  
- "हर-हर महादेव" के जयकारों और भक्ति गीतों से श्री शीतला मठिया मंदिर मोहल्ला घसियारी टोला में स्थित शिवालय मंदिर का पूरा परिसर गूंज उठा।  

3. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था  
- भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी थी।  
- अब तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।  

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धार्मिक महत्व  
सावन का पहला शुक्रवार
 शुक्रवार को शिवजी का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन जलाभिषेक का विशेष महत्व है।  
- **पौराणिक मान्यता:** समुद्र मंथन के दौरान निकले विष की जलन शांत करने के लिए देवताओं ने शिवजी पर जल चढ़ाया था, इसीलिए यह परंपरा आज भी जारी है।  

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 आगे का कार्यक्रम  
- श्रावण मास में चार सोमवार (14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त) पड़ेंगे, जिन पर विशेष पूजा-अर्चना होगी।  
- रक्षाबंधन (9 अगस्त) के साथ श्रावण मास समाप्त होगा।  

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