केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थानमखदूम में 46 वें स्थापना दिवस के रूप में मनाया गया प्रथम राष्ट्रीय बकरी दिवस उत्सव ।

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थानमखदूम ने 12 जुलाई2025 को अपने 46 वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रथम राष्ट्रीय बकरी दिवस का भव्य आयोजन कर एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की । यह आयोजन संस्थान की शोधनवाचार और विस्तार कार्यों की उत्कृष्टता का परिचायक रहाजिसमें देश के विभिन्न प्रतिष्ठित पशुपालन एवं कृषि अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधियोंवैज्ञानिकोंअधिकारियोंशिक्षाविदोंबकरी पालक किसानों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की गरिमामयी सहभागिता रही ।

 

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ0 मंगी लाल जाट महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषदनई दिल्ली के द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता  डॉ0 राघवेन्द्र भट्टा, उपमहानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने की । विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ0  ए.के गौरसहायक महानिदेशकभारतीय कृषि अनुसंधान परिषदनई दिल्ली, डॉ0 अशोक कुमार, पूर्व सहायक महानिदेशकभारतीय कृषि अनुसंधान परिषदनई दिल्ली, डॉ0 ए.के. तोमर, निदेशक सी.एस.डब्ल्यू.आर.आई, अविकानगर, डॉ0 ए. साहू, निदेशक, एन.आई.ए.एन.पी, बंगलौर, डॉ0 पी.एस.बिरथल, निदेशक एन.आई.ए.पी, नई दिल्ली, डॉ0 ए.के. पूनिया, निदेशक, एन.आर.सी ऑन केमल, डॉ0 वी.वी. सिंह निदेशक भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर, डॉ0 विकास पाठक, डीन दुवासु, मथुरा की गरिमामयी उपस्थिति रही ।

 

कार्यक्रम की शुरूआत संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली एवं मुख्य व विशिष्ट अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण करके की गयी जिसके उपरांत दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अथितिविशिष्ट अतिथियों एवं संस्थान निदेशक द्वारा संस्थान के न्यूज लैटर का विमोचन किया गया । इसी के साथ ही संस्थान के समस्त वैज्ञानिकोंअधिकारियों एवं कर्मचारियों ने संस्थान की शोध एवं अनुसंधान गतिविधियों में विकास कर बकरी पालन को नयी ऊचांईयों पर ले जाने की शपथ ली ।

 

संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली द्वारा मंच पर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों सहित सभी गणमान्य अथितियों का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर एवं पटका पहनाकर स्वागत किया गया । संस्थान निदेशक ने मंच को संबोधित करते हुए कहा कि संस्थान का 46 वर्षों का गौरवशाली इतिहास है, विगत एक वर्ष में संस्थान द्वारा 08 राष्ट्रीय स्तर एवं 14 स्पोंसर्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न कराकर 2200 लोगों को प्रशिक्षित किया गया । इसके अलावा संस्थान में वर्तमान में 43 से अधिक प्रोजेक्ट चल रहे है7 तकनीकी पेटेंट एवं 3 ट्रैडमार्क पंजीकृत कराए गये, 8 रिसर्च पेपर पब्लिश हुए, 26 एम.ओ.यू हस्ताक्षर की गयी, 06 तकनीक कॉमर्शियलाइज्ड कराई गयी, आई.एस.ओ-2015 प्राप्त किया गया, विगत वर्ष संस्थान की उन्नत बकरी पालन किताब सहित कई अवार्ड प्राप्त हुए । इसके अतिरिक्त निदेशक द्वारा संस्थान में चल रही विभिन्न शोध एवं अनुसंधान परियोजनाओं जैसे वैक्सीन किटहर्बल प्रोडक्टतकनीकी स्थानांतरणजीन एडिटिंग पर विस्तृत चर्चा की और किसान एवं बकरी पालकों के लिए उनके उपयोग के बारे में बताया ।

 

 

संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली द्वारा संस्थान के समस्त वैज्ञानिकोंअधिकारियों एवं कर्मचारियोंपूर्व निदेशकों एवं अधिकरियों व कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि संस्थान की 46 वर्ष की सफल एवं गौरवशाली यात्रा में आप सभी का योगदान सराहनीय है । संस्थान द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के साथ-साथ अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों एवं महिला किसानों के विकास एवं सशक्तिकरण के लिए परियोजना एवं कार्यक्रम चलाए गये है । केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान ने पिछले 46 वर्षों में बकरी पालन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । संस्थान ने बकरी की नई नस्लों के विकासरोग प्रबंधनआहार सुधार और प्रजनन तकनीकों में उल्लेखनीय प्रगति की है ।

 

महानिदेशक डॉ. मंगी लाल जाट ने बकरी को चलता-फिरता एटीएम – Any Time Milk, Any Time Meat, Any Time Money” कहते हुए बकरी पालन की बहुआयामी उपयोगिता पर बल दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों से बकरी दूध की औषधीय विशेषताओं पर गहन अनुसंधान करने का आह्वान किया । महानिदेशक ने संस्थान के शोध एवं अनुसंधान कार्यों की प्रशंसा की एवं स्थापना दिवस एवं राष्ट्रीय बकरी दिवस के अवसर पर शुभकामनाए प्रेषित की ।

 

मुख्य अतिथि डॉ0 राघवेन्द्र भट्टा ने कहा कि बकरी पालन भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन का सशक्त माध्यम बन सकता हैविशेष रूप से महिला सशक्तिकरण और आजीविका संवर्धन के क्षेत्र में ।उन्होंने संस्थान की अनुसंधान उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि बकरी पालन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ाने की आवश्यकता हैजिससे यह पारंपरिक व्यवसाय से एक लाभकारी उद्यम के रूप में परिवर्तित हो सके।

 

समस्त विशिष्ट अतिथियों द्वारा इस कार्यक्रम एवं संस्थान की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि वे  संस्थान के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सहभागिता कर गौरव की अनुभूति महसूस कर रहे है एवं कहा कि वे संस्थान द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों एवं किसानों एवं बकरी पालकों के विकास में संस्थान की भूमिका की प्रशंसा करते है ।

 

इस कार्यक्रम के माध्यम से संस्थान द्वारा किसानों एवं बकरी पालकों को बकरी पालन के क्षेत्र में संस्थान द्वारा किए गए शोधनवाचार और उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया और कृषि समुदाय को नवीनतम तकनीकों और अनुसंधान के बारे में जागरूक किया गया ।

 

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अथितिविशिष्ट अतिथियों एवं संस्थान निदेशक डॉमनीष कुमार चेटली द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अपने द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों के लिए वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहन पुरूस्कार भी दिये गये । इस कार्यक्रम में सम्मान समारोह माध्यम से उन्नत बकरी पालक किसानों एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को बकरी शोध, अनुसंधान एवं उन्नत बकरी पालन की तकनीकों के विकास में उनके योगदान के लिए  सम्मानित किया गया

 

कार्यक्रम के अंत में निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेटली ने सभी आमंत्रित अतिथियोंपूर्व निदेशकोंवैज्ञानिकोंकर्मचारियों एवं सहभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए संस्थान की 46 वर्ष की गौरवशाली यात्रा में उनके योगदान की सराहना की । संस्थान की यह ऐतिहासिक पहल राष्ट्रीय बकरी दिवस’ को आरंभ कर बकरी पालन को नई दिशा और पहचान देने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी ।

 

कार्यक्रम की जानकारी डॉ0 अनुपम कृष्ण दीक्षित, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ0 गोपाल दास, प्रधान वैज्ञानिक, श्री पुष्पेंद्र कुमार शर्माजनसंपर्क एवं प्रोटोकॉल अधिकारी एवं श्री दीपक कुमार शर्माप्रेस एवं मीडिया अनुभाग द्वारा प्रदान की गई । उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों को संस्थान की गतिविधियोंअनुसंधान उपलब्धियों एवं कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षणों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी और इस ऐतिहासिक आयोजन को व्यापक प्रचार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने