जलालपुर (अंबेडकर नगर)। ऑल आशा एवं आशा संगिनी कार्यकत्री सेवा समिति द्वारा सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में आशा एवं संगिनी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उनके कार्यों के उचित मानदेय, सुरक्षा, और स्थायित्व की मांग की गई।

ज्ञापन में समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पा तिवारी ने कहा कि आज भी देश के दूरदराज के गांवों और पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं मुख्य रूप से आशा और संगिनी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचती हैं। गर्भवती महिलाओं की देखरेख, नवजात शिशु की देखभाल, टीकाकरण, परिवार नियोजन, टीबी-मलेरिया जैसे रोगों की रोकथाम जैसे कार्यों में आशा कार्यकर्ता प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।

ज्ञापन में यह भी बताया गया कि कोरोना काल में जहां पूरा देश बंद था, तब भी आशा और संगिनी कार्यकर्ताओं ने जोखिम उठाते हुए घर-घर जाकर सर्वेक्षण, दवा वितरण, जागरूकता और संक्रमितों की सूचना देने जैसे कार्य किए। इसके बावजूद उन्हें अभी तक स्थायी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिला है। डिजिटल इंडिया के इस युग में भी उन्हें एप आधारित कार्यों का भार दिया जा रहा है, जबकि सुविधाएं और प्रशिक्षण पर्याप्त नहीं हैं।

समिति ने यह मांग की कि आशा और संगिनी कार्यकर्ताओं को स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, न्यूनतम वेतन की गारंटी हो, और उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जाए ताकि वे अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियों को सुचारु रूप से निभा सकें।

इस अवसर पर समिति की प्रदेश महासचिव उमा पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता सिंह, प्रदेश सचिव किरण, जिला अध्यक्ष नीलम सिंह, जिला महासचिव कुसुम देवी, ब्लॉक अध्यक्ष सपना वर्मा, और अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहीं।

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