गौतम बुद्ध ने उपनिषद के मुख्य वाक्य (अहम् ब्रह्मास्मि )को (आppo दीपो भव ) अर्थात आप ही प्रकाश के पुंज हो दूसरे तरफ देखने की आवश्यकता नहीं आप दीपो भव के रूप में प्रतिपादित किया तथा
यह भगवान विष्णु के के 23वें अवतार हैं अंतिम एवं 24वां अवतार बुद्ध के अवतार के 3100 वर्ष बाद होगा
डॉक्टर मुरलीधर सिंह
अधिवक्ता मl उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं लखनऊ
लखनऊ एवं अयोध्या 11 may 2025
वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्मोत्सव ज्ञानोत्सव मरण उत्सव हुआ था
भगवान गौतम बुद्ध ने उपनिषद के मुख्य वाक्य अहम् ब्रह्मास्मि को मूर्त रूप दिया तथा इसका नई व्याख्या =Appo दीपो भव )के रूप में की और कहा की जो सिद्ध मार्ग को जानता है वह( सिद्धार्थ) है और जो तथ्य को जानता है वही( तथागत) है
इस बात को देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक# इंडियन फिलासफी #के पेज 188 पर उल्लेख किया है
तथा इस बात का उल्लेख भविष्य पुराण में भी अनेक जगह पर महर्षि सुखदेव एवं महर्षि व्यास देव जी द्वारा प्रतिपादित किया गया
@ गौतम बुद्ध ने कहा कि यदि जीवन से दुख को हटा दिया जाए दुख को गायब कर दिया जाए तब आनंद हो जाएगा #इन्होंने जितनी बातें कहीं क्या उपदेश दिया केवल दुख दूर करने का दिया. दुख दूर करने वाला किसी ईश्वर या अन्य शक्ति को नहीं
@जबकि स्वयं को अर्थात अपने-अपने कर्म को जो श्रीमद् भागवत गीता में भी कहा गया है #इसका प्रवर्तक बताया
@हमें बुद्ध पूर्णिमा के दिन om बुद्धाय नमः om शाक्य मुनि नमः का जाप करना चाहिए
विशेष कर पीपल के वृक्ष के नीचे आराधना करनी चाहिए तथा मौन रहना चाहिए और इस अवसर पर मैं सभी समाज के लोगों से अपील करता हूं की बुद्ध को जाने बुद्ध मार्ग से ही समाज का उत्थान होगा तथा जो जो दुष्ट वृत्तीय है उसका भी नाश होगा उसका नाम एकता से ही होगा
सरकार से मांग है कि बोधगया के स्थान सारनाथ के स्थान कुशीनगर के स्थान को पूर्ण रूप से श्रावस्ती के स्थान को पूर्ण रूप से भिक्षुओं को समर्पित किया जाए तथा
@राष्ट्रीय एजेंडा में शामिल करके उसका विकास किया जाए जिस प्रकार श्री राम मंदिर का विकास किया जा रहा है तथा गुरु पूर्णिमा के दिन अर्थात आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भगवान गौतम बुद्ध ने सारनाथ वाराणसी में अपना पहला प्रवचन दिया था भगवान विष्णु के विभिन्न अवतार हुए सभी अवतारों का अलग-अलग मानक है जैसे लीला अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम में अवतार दमन अवतार और
भगवान बुद्ध का यह एक साक्षात करुणावतार था
एक व्यक्ति या महापुरुष कैसे देवता होता है इसको इन्होंने प्रमाणित करके दिखाया आधुनिक भारत में स्वतंत्रता आंदोलन के समय अनेक विद्वान हुए उसमें से एक विद्वान गौतम बुद्ध के विशेष मानने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी सम्मान के साथ याद किया जाता है डॉक्टर अंबेडकर ने अपने जीवनी एवं 14 भाग में प्रकाशित अंबेडकर वांग में लिखा है कि
मेरा प्रथम गुरु गौतम बुद्ध
द्वितीय गुरु महात्मा कबीर और तृतीय गुरु ज्योतिबा फुले महाराज और
चौथा गुरु माता-पिता एवं
पंचम गुरु विभिन्न स्कूलों के अध्यापक गौतम बुद्ध अन्य अवतारों से अनोखे इसलिए हैं पहले इन्होंने ईश्वर के अस्तित्व को नहीं माना के पहले वैज्ञानिक अवतार हैं
जो देखा परख उसी को माना दूसरा इन्होंने जीवन के चार सत्य बताएं हैं वह सत्य है पहले जन्म लेना
दूसरा दुख है
तीसरा दुख का कारण है और
चौथा दुख का निवारण इन सभी कार्य व्यक्ति के साधन से ही संभव है कि प्रत्येक जीव स्वतंत्र इकाई है उसको किसी भी सांसारिक वस्तु से नियंत्रित नहीं किया जा सकता परंतु यदि
उसे जीव को अपने मुख्य तत्व से मिलना है तो साधना जरूरी है
इसके लिए अष्टांगिक योग एवं क्रिया योग प्रमुख मार्ग है
दूसरा भगवान गौतम बुद्ध ने आडंबर और हिंसा का खंडन किया इन्होंने आडंबर को और मूर्ति पूजा को बेकार बताएं तथा व्यक्ति को साधना करने के लिए ही सर्वोत्तम मार्ग बताया
तो वह भगवान बुद्ध द्वारा स्थापित बौद्ध धर्म एवं भगवान महावीर द्वारा स्थापित जैन धर्म है दोनों महापुरुष
@ राज परिवार में तथा भगवान सूर्य के वश में पैदा हुए जहां भगवान बुद्ध का वंश का गोत्र गौतम था वहीं भगवान महावीर के वंश का गोत्र कश्यप था
आज भी दोनों गोत्र के समुदाय के क्षत्रिय समाज के लोग लुंबिनी कपिलवस्तु वैशाली में पाए जाते हैं वैशाख पूर्णिमा पूर्ण रूप से वैष्णो मास है
इस मास की पूर्णिमा को भगवान विष्णु के दूसरे कूर्म अवतार का भी उल्लेख मिलता है क तथा इसी दिन महर्षि भृगु जो ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं तथा महर्षि परशुराम के दादा है उनका भी जन्म का उल्लेख मिलता है
भगवान गौतम बुद्ध का जन्म भगवान श्री कृष्ण के साकेत गण के गमन के लगभग 400 साल बाद ईसा पूर्व 563 तथा परिणाम ईसा पूर्व 483 कलयुग में हुआ था
क्योंकि भगवान श्री कृष्ण के साकेत गमन के पश्चात लगभग 100 वर्ष तक कलयुग का कल था भगवान श्री कृष्णा के बाद भगवान गौतम बुद्ध का यह 23वां वैष्णव अवतार है अगला 24 व वैष्णो अवतार भगवान बुद्ध के जन्म के 3100 वर्ष बाद संबलपुर में होगा क्या यह स्थान द्वारिका पुरी के पास है यह बात भविष्य पुराण के अवतार खंड में उल्लेखित है
अब मुझे गौतम बुद्ध के शिक्षाओं पर ध्यान देना है भगवान बुद्ध को विश्व का प्रकाशमान व्यक्ति अर्थात (लाइट ऑफ एशिया )कहा जाता है भगवान के किसी भी महापुरुष का अवतार किसी भी धर्म के महापुरुष का अवतार एशिया में ही हुआ है चाहे वह जीसस क्राइस्ट हो ईसा मसीह : मोहम्मद पैगंबर :क्योंकि एशिया महादेश ही इस पृथ्वी पर पवित्र स्थान माना गया है और उसमें भारत का सर्वोच्च स्थान है इसका कारण स्वर्ग मार्ग हिमालय स्थित होने के तथा कैलाश स्थित होने के कारण है जय हिंद जय सनातन धर्म और जय गौतम बुद्ध पूर्णिमा को बधाई
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