मुख्यमंत्री ने प्रदेश में  H5 एवियन इंफ्लुएंजा संक्रमण की
आशंका को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय बैठक की

प्रदेश के समस्त प्राणि उद्यानों, पक्षी विहारों, नेशनल पार्कों,
वेटलैंड क्षेत्रों और गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित पशु-पक्षियों की
सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए : मुख्यमंत्री

प्राणि उद्यान परिसरों को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाए

सभी वन्य जीवों एवं पक्षियों की जांच की जाए और उनके
आहार की गहन जांच के उपरान्त ही उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जाए

पोल्ट्री फार्मों व पोल्ट्री उत्पादों के आवागमन पर सतत निगरानी की जाए

केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली, राष्ट्रीय रोग नियन्त्रण केंद्र, स्वास्थ्य मंत्रालय, मत्स्यपालन एवं
डेयरी विभाग, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, 
इज्जतनगर (बरेली) आदि से लगातार सम्पर्क बनाकर सुझाव लिए जाएं

H5     एवियन इंफ्लुएंजा के मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभावों
की भी स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गहन समीक्षा की जाए


लखनऊ : 13 मई, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में  H5 एवियन इंफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण की आशंका को गंभीरता से लेते हुए आज यहां अपने सरकारी आवास पर उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रदेश के समस्त प्राणि उद्यानों, पक्षी विहारों, नेशनल पार्कों, वेटलैंड क्षेत्रों और गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित पशु-पक्षियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए। इस संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइनों के अनुरूप सभी आवश्यक कदम तत्परता से उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राणि उद्यान परिसरों को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाए और आवश्यकतानुसार ब्लो टॉर्चिंग की प्रक्रिया भी अपनाई जाए। सभी वन्य जीवों एवं पक्षियों की जांच की जाए और उनके आहार की गहन जांच के उपरान्त ही उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जाए। सभी कर्मचारियों को एवियन इंफ्लुएंजा से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी दी जाए तथा उन्हें पी0पी0ई0 किट सहित आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। बाड़ों में नियुक्त कर्मचारियों की ड्यूटी इस जोखिम के स्तर को ध्यान में रखते हुए तय की जाए। राज्य के सभी पोल्ट्री फार्मों की मानकों के अनुरूप विशेष निगरानी की जाए और पोल्ट्री उत्पादों के आवागमन पर सतत नियन्त्रण रखा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि  H5   एवियन इंफ्लुएंजा के मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभावों की भी स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गहन समीक्षा की जाए, ताकि संक्रमण की कोई भी कड़ी मानव समाज तक न पहुंच पाए। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली, राष्ट्रीय रोग नियन्त्रण केंद्र, स्वास्थ्य मंत्रालय, मत्स्यपालन एवं डेयरी विभाग, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) आदि से लगातार सम्पर्क बनाकर सुझाव लिए जाएं और आवश्यकतानुसार क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। जिला प्रशासन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के बीच समन्वय को सशक्त बनाया जाए ताकि सभी निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित हो सके।
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