सरकार ने महिलाओं की खुशहाली के लिए खोले नए द्वार
- श्री केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ : 20 मई, 2025
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि महिला सम्मान, सुरक्षा व स्वाभिमान को सरकार प्रोत्साहन दे रही है। सरकार ने महिलाओं की खुशहाली के लिए नए द्वार खोले हैं। महिला स्वावलंबन व सशक्तिकरण के लिए केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध व संकल्पबद्ध है। हर क्षेत्र में महिलाएं देश का परचम लहरा रही हैं। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है। हर क्षेत्र में बेटियों ने अपनी अलग पहचान बनाई है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं की प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रही है,महिलाएं समझे ,प्रयास करें और आगे आए। बेटी-बेटा एक समान उनमे कोई फर्क न करें। समूहों समाज में महिलाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद के मौर्य ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीण गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूह एवं समूह को ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संघ के रूप में संगठित कर उन्हें आर्थिक सहायता देकर स्वाबलंबी बनाए जाने का कार्य प्रगति पर है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का क्रियान्वयन इंसेंटिव रणनीति के अन्तर्गत पूरे प्रदेश में किया जा रहा है।
दीन दयाल अन्त्योदय योजना-एन०आर०एल०एम० (क्।ल्-छत्स्ड) का मुख्य उद्देश्य उ०प्र० राज्य में रह रहें ग्रामीण गरीब परिवारों की कम से कम एक महिला सदस्य को समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्थाओ के माध्यम से संगठित कर उन्हें स्वावलम्बी बनाना है। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र परिवारों की महिला सदस्यों को सामाजिक, वित्तीय समावेशन द्वारा कृषि एवं गैर कृषि आजीविका गतिबिधियो से जोड़कर ग्रामीण सामाजिक एवं आर्थिक रूप से महिला आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में सतत आजीविका के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है।
मिशन अंतर्गत अभी तक 97 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के परिवार की महिलाओ को कुल 8.80 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों, 60,249 ग्राम संगठनो एवं 3209 संकुल स्तरीय संघो से अच्छादित करते हुए अभी तक कुल 706229 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड के रूप में 1135 करोड़ रुपये से अधिक, 546,186 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के रूप में 6168 करोड़ रुपये से अधिक की सामुदायिक सहायता धनराशि आय जनित गतिबिधियो हेतु वित्तीय समावेशन के अंतर्गत निर्गत की जा चुकी है। महिला सदस्यों को आजीविका संबर्धन हेतु कृषि एवं गैर कृषि आजीविका के क्षेत्रो में आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में 6,88,139 लाख स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को 7189 करोड़ रूपए से अधिक का बैंको से कम व्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है।
महिला सशक्तिकरण व स्वावलंबन समानता पर आधारित केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण में महिलाओं के नाम से आवास दिए जाते हैं। महिलाएं यदि घर का काम करती हैं ,तो देश की सीमा पर भी बेटियां देश की रक्षा भी कर रही है। कहा कि सम्मान, प्रतिष्ठा और प्यार महिला सशक्तिकरण के आधार हैं। महिलाएं वह आधारशिला हैं, जिसके बिना किसी भी मजबूत परिवार ,समाज व देश की पर परिकल्पना नहीं की जा सकती। इतिहास गवाह है कि महिलाओं ने लगभग सभी क्षेत्रों में अपना परचम लहराया है। राष्ट्र तभी सशक्त बन सकता है ,जब उसका हर नागरिक सशक्त हो, जब उसका हर नागरिक सशक्त हो इसमें भी महिलाओं की भूमिका ही सबसे आगे है। आज देश में महिलाएं सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक जीवन में बराबर की भागीदार है। महिलाओं के प्रति किसी भी तरह के भेदभाव दूर करने के लिए कानूनी प्रणाली एवं समान सामुदायिक प्रक्रिया विकसित की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा बैंक ऋण, बी सी सखी, विद्युत सखी आदि द्वारा लाभांश अर्जन,कर अपने जीविकोपार्जन कर ,आर्थिक उन्नयन एवं जीवन स्तर में निरंतर सुधार किया जा रहा है, साथ ही टेक होम राशन प्लान्टो व मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनियों के माध्यम से महिलाएं सबल व सशक्त बन रही हैं।
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