मुख्यमंत्री ने पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष
स्मृति अभियान के अन्तर्गत महिला सशक्तीकरण सम्मेलन को सम्बोधित किया
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर प्रतिभा ज्ञान परीक्षा-2025 मोबाइल
एप लाॅन्च तथा कमल ज्योति पत्रिका के विशेषांक का विमोचन किया गया
भारतीय जनता पार्टी पूरे देश मंे जन-जन तक लोकमाता
अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को पहुंचा रही: मुख्यमंत्री
लोगों को पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किए गए विरासत, विकास
और लोक कल्याण सम्बन्धी कार्यों को नजदीक से समझने-जानने का अवसर प्राप्त हो रहा
महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने साम्राज्य की सीमाओं से बाहर जाकर आक्रांताओं द्वारा
तोड़े गए मंदिरों की पुनस्र्थापना करके सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया
प्रधानमंत्री जी विरासत और विकास दोनों को एक साथ लेकर चल रहे,
इसकी आधारशिला 300 वर्ष पूर्व लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने रखी थी
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उ0प्र0 में ओ0डी0ओ0पी0 योजना द्वारा परम्परागत
हस्तशिल्पियों व कारीगरों को एक नया जीवन देने का कार्य लोकमाता
अहिल्याबाई होल्कर के कल्याणकारी कार्याें को आगे बढ़ाने के समान
प्रदेश सरकार द्वारा वीरांगना ऊदा देवी, वीरांगना झलकारीबाई, वीरांगना
अवंतीबाई के नाम पर पी0ए0सी0 की तीन नई बटालियन गठित की गयीं
उ0प्र0 पुलिस बल में महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत अनिवार्य आरक्षण की व्यवस्था, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसे
विभिन्न कार्य लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के प्रति हमारी सच्ची
श्रद्धांजलि, यह सभी कार्यक्रम सुशासन की आधारशिला
लखनऊ:ः 29 मई, 2025:ः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि हम सब भारतवासियों के लिए यह गौरव की बात है कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के त्रिशताब्दी जन्म महोत्सव स्मृति अभियान से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। इस अभियान के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी पूरे देश मंे जन-जन तक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को पहुंचा रही है। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी और सरकार से जुड़े लोग लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के विभिन्न पक्षों को लेकर हर जनपद की विधान सभाआंे, विकासखण्डों व गांव-गांव तक पहंुच रहे हैं और सामाजिक एकता के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता के अटूट गठबंधन को मजबूती प्रदान करने में अपना योगदान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान के अवसर पर आयोजित महिला सशक्तीकरण सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर प्रतिभा ज्ञान परीक्षा-2025 मोबाइल एप लाॅन्च किया गया तथा कमल ज्योति पत्रिका के विशेषांक का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किए गए विरासत, विकास और लोक कल्याण सम्बन्धी कार्यों को नजदीक से समझने-जानने का अवसर प्राप्त हो रहा है। उनके बारे में जब हम लोग जान रहे हैं, तो हमें लगता है कि प्रजा के कल्याण के लिए शासन स्तर पर किस प्रकार के कार्यक्रम तैयार होने चाहिए। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ओ0डी0ओ0पी0) योजना द्वारा परम्परागत हस्तशिल्पियों व कारीगरों को एक नया जीवन देने का कार्य लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के कल्याणकारी कार्याें को आगे बढ़ाने के समान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वीरांगना ऊदा देवी, वीरांगना झलकारीबाई, वीरांगना अवंतीबाई के नाम पर पी0ए0सी0 की तीन नई बटालियन का गठन किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस बल में महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत अनिवार्य आरक्षण की व्यवस्था, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसे विभिन्न कार्य लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि हैं। यह सभी कार्यक्रम सुशासन की आधारशिला हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इतिहास के बहुत कम ऐसे अवसर आते हैं, जब हम लोगों को उसका स्मरण करने का अवसर प्राप्त होता है। लेकिन हमारे जीवन में वह क्षण परिवर्तनकारी साबित होता है। हमारे देश की महान विभूतियों का प्रेरणादायक व्यक्तित्व और कृतित्व समाज को एक नई संजीवनी प्रदान करता रहा है। इसमें महिला और पुरुष दोनों की भागीदारी अलग-अलग कालखण्ड में देखने को मिलती है। उन्होंने अनेक चुनौतियों से जूझते हुए और उनका सफलतापूर्वक मुकाबला करते हुए इतिहास में अपना नाम दर्ज किया है। भारतीय सनातन धर्म की परम्परा वेदों पर आधारित है। यह चारों वेद भारतीय संस्कृति की आधारशिला हैं। भारत की परम्परा वेदों के बिना नहीं चल सकती। इतिहास में एक कालखण्ड ऐसे भी आया जब कहा गया कि महिलाएं वेद नहीं पढ़ सकतीं। जबकि इससे पूर्व अपाला, घोषा, गार्गी, मैत्रेयी, विश्वनारा, अदिति, लोपामुद्रा जैसी विदुषी महिलाओं ने स्वयं वेदों की ऋचाएं रची थीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश मंे जिस प्रकार अलग-अलग क्षेत्र मंे पर्व और त्योहारों की एक लंबी श्रृंखला देखने को मिलती है, उसी प्रकार महापुरुषों की भी एक श्रृंखला हम सबको देखने को मिलती है। इस लंबी श्रृंखला के बीच के कालखंड में जब देश गुलामी की बेड़ियांे से जकड़ा हुआ था, उस समय के सत्तालोलुप लोगों ने महापुरुषों का नाम सामने आने नहीं दिया। जबकि हमारे इन महापुरुषों की प्रेरणा वर्तमान पीढ़ी के लिए लोक कल्याण व राष्ट्र कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। यह हम सभी के लिए एक अवसर है, जिससे हम लोग इतिहास के इन रत्नों के प्रेरणादाई व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा ग्रहण कर वर्तमान जीवन में कुछ ऐसा करते हैं, जो आने वाले समय के लिए भी प्रेरणा बन सके।
विदेशी आक्रांता सालार मसूद गाजी को बेनकाब करने वाले महाराज सुहेलदेव को एक प्रकार से विस्मृत सा कर दिया गया था। सालार मसूद, मोहम्मद गजनवी का भांजा था, जिसने सोमनाथ के मंदिर को कई बार लूटा और तोड़ा। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या पर पहला हमला सालार मसूद गाजी ने किया था। जब वह भारत में मंदिरों को तोड़ने के उद्देश्य से निकला था तो मथुरा से लेकर बहराइच के बीच पग-पग पर उसके मार्ग पर महाराज सुहेलदेव के नेतृत्व में भारत के हिंदू राजाओं ने प्रतिकार किया। परिणामस्वरूप डेढ़ सौ वर्षों तक भारत पर कोई भी विदेशी आक्रांता हमला करने का साहस नहीं कर पाया। महाराज सुहेलदेव का नाम इतिहास के पन्नों से गायब कर दिया गया। ऐसे ही एक लंबी श्रृंखला हमारे पास है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस श्रृंखला में आज से 300 वर्ष पूर्व महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में एक बालिका जन्म लेती है, जो आगे चलकर मालवा के होल्कर साम्राज्य की साम्राज्ञी बनती है, लेकिन अखिल भारतीय दृष्टि के नाते भारत की विरासत की ऐसी आधारशिला रख देती है, जो नए भारत के निर्माण में अपना योगदान कर रही है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी विरासत और विकास दोनों को एक साथ लेकर चल रहे हैं। विरासत और विकास का यह अभियान, वही अभियान है, जिसकी आधारशिला 300 वर्ष पूर्व लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने रखी थी। उनका होल्कर साम्राज्य उस समय के भारत की तुलना में एक छोटा सा साम्राज्य।
महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने साम्राज्य की सीमाओं से बाहर जाकर आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए मंदिरों की पुनस्र्थापना करके सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया था। सनातन धर्म के उत्थान के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, महाकाल, सोमनाथ मंदिर, उत्तराखंड के चारधाम, रामेश्वरम, द्वादश ज्योतिर्लिंगों में पुनस्र्थापना सम्बन्धी उनके कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा प्रदान करते हैं। यही प्रेरणा हमें इस बात के लिए भी प्रेरित करती है कि हमें कैसा सुशासन चाहिए। सुशासन की आधारशिला विरासत बनेगी। हमें सुशासन की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए निष्पक्ष न्याय की कसौटी पर खड़ा उतरना होगा। जब नागरिक के मन में सुरक्षा का भाव हो, तब विरासत और विकास का यह अभियान अनवरत रूप से आगे बढ़ता है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) श्री बी0एल0 संतोष, उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री श्री धर्मपाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य, माध्यमिक शिक्षा मंत्री श्रीमती गुलाब देवी, महारानी अहिल्याबाई होल्कर के वंशज श्री उदयसिंह राज होल्कर, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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