उप जिलाधिकारी को ज्ञापन देती महिलाएं 

21 मार्च से चल रहा विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा

जलालपुर कोतवाली क्षेत्र के जौकाबाद में घनी आबादी के बीच खुल रही देशी शराब की दुकान को बंद कराने के लिए महिलाओं और युवाओं का विरोध लगातार जारी है। जहां एक ओर प्रशासन मोटे राजस्व की लालच में दुकान खुलवाने पर अड़ा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय महिलाएं और नशे के खिलाफ जागरूक युवा अपने परिवार और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं।

ज्ञात हो कि जौकाबाद में पिछले कई वर्षों से सरकारी देशी शराब की दुकान चलाई जा रही थी, जिसका विरोध शुरू से ही स्थानीय लोग करते आ रहे हैं। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ जब शराब के ठेके का संचालन दोबारा शुरू हुआ, तो महिलाओं और युवाओं ने फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

27 मार्च और 2 अप्रैल को हुई बातचीत में दिया गया था समाधान का आश्वासन

27 मार्च और 2 अप्रैल को जलालपुर के तहसीलदार और आबकारी निरीक्षक मौके पर पहुंचे थे और जल्द ही स्थाई समाधान का आश्वासन दिया था। लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने पर आज तहसील समाधान दिवस में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और स्थानीय लोग पहुंचे और सम्पूर्ण समाधान दिवस पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई।

लाइसेंस कहीं और, संचालन कहीं और

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शराब ठेके का लाइसेंस जमालपुर के नाम से जारी है, लेकिन उसका संचालन जौकाबाद में किया जा रहा है। इससे बच्चों, महिलाओं और युवतियों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।



महिलाओं के धैर्य की परीक्षा, आश्वासन के बाद हटीं वापस लेकिन दोहराई ठेका हटाने की मांग 

 प्रहलाद शर्मा के नेतृत्व में तहसील पहुंची महिलाओं से वार्ता करते हुए अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) ने जिला स्तरीय अधिकारियों से जांच कर समाधान का आश्वासन दिया। हालांकि, बार-बार मिल रहे केवल आश्वासनों से नाराज़ महिलाएं तहसील समाधान दिवस के दौरान परिसर में ही धरने पर बैठ गईं। अधिकारियों द्वारा काफी समझाने-बुझाने के बाद महिलाओं ने चेतावनी दी कि जब तक ठेका बंद नहीं होगा, वे अपना विरोध जारी रखेंगी। इसके बाद वे शांतिपूर्वक लौट गईं।

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