उतरौला बलरामपुर -ग्राम अमया देवरिया में स्थित क़ाज़ी डीह में मरहूम हसन रज़ा के चालीसवें की मजलिस उनके पुत्रों के द्वारा  किया गया। जिसे लखनऊ से आये हुए प्रसिद्ध इस्लामिक स्कॉलर मौलाना हैदर अब्बास ने सम्बोधित करते हुए कहा कि  हज़रत अली ने इरशाद फ़रमाया है कि हमें अपनी ज़िन्दगी इस तरह गुज़ारनी चाहिए कि जब तक हम ज़िन्दा रहें, लोग हमसे मिलने की तमन्ना करें, और जब हम इस दुनिया से चले जाएँ, तो लोग हमें याद करके आंसू बहाएं। मौलाना ने सरकार को एक मशवेरा देते हुए कहा कि अगर हम सब को सौग़ात देना ही है तो रोज़गार तालीम और सेहत जैसी बुनियादी ज़रूरतों पर ज़्यादा से ज़्यादा काम कीजिये। मजलिस से पूर्व इरफ़ान हैदर, रमज़ान अली, हैदर हल्लौरी, शुजा उतरौलवी, कायनात हल्लौरी, मीसम, लकी हल्लौरी और सदाक़त उतरौलवी ने अपना कलाम पेश किया। इस कार्यक्रम का संचालन इमरान उतरौलवी ने किया। इस अवसर पर मौलाना शमशाद हुसैन, मौलाना जमाल हैदर, मौलाना ज़ायर अब्बास, मौलाना सिब्ते हैदर, मौलाना मुहम्मद अली, मौलाना महताब आलम सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

        हिन्दी संवाद न्यूज से
       असगर अली की खबर
         उतरौला बलरामपुर। 

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