उतरौला बलरामपुर- सरकारी भूमि के रास्ते पर रात्रि में हो रहे निर्माण कार्य को लेकर पुलिस के द्वारा भेजी गई शांति भंग की चलानी रिपोर्ट पर उपजिला मजिस्ट्रेट राजेन्द्र बहादुर ने पांच लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराकर सभी को जेल भेज दिया गया।अभियुक्तों को जेल भेजे जाने को लेकर आक्रोशित अधिवक्ताओं ने उपजिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय का बहिष्कार करते हुए तहसील के अन्य न्यायालयों पर कार्य नहीं होने दिया। थाना गैंडास बुजुर्ग के ग्राम दुधारा में सरकारी भूमि पर रात्रि में निर्माण किया जा रहा था, जिसको लेकर मौके पर गम्भीर अपराध की आशंका को देखते हुए गैंडास बुजुर्ग थाने की पुलिस ने शांति भंग की आशंका में 5 लोगो को गिरफ्तार कर चलानी रिपोर्ट उपजिला मजिस्ट्रेट उतरौला के न्यायालय पर पेश किया था। पेश किए गए अभियुक्त गणों की ओर से जमानत व निजी बंध पत्र नहीं दाखिल किया गया है। मामला सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा व जमानतदार के न होने के अभाव में अभियुक्त गण को जेल भेज दिया। सुबह अधिवक्ताओं की इसकी जानकारी हुई तो आक्रोशित अधिवक्ताओं ने उपजिला मजिस्ट्रेट राजेन्द्र बहादुर का विरोध शुरु कर दिया और न्यायालय पर कोई भी कार्य नहीं होने दिया अधिवक्ता अलीजहीर, मारुति नन्दन, सर्वेश जायसवाल, अजीत यादव, के द्वारा यह मामला संज्ञान में आया है अभी तक मामले में कोई प्रार्थना पत्र नहीं मिला है। उपजिला मजिस्ट्रेट राजेन्द्र बहादुर ने बताया कि रास्ते की भूमि पर कब्जा करने वालों को पुलिस मौके पर पहुंची और दो लोगों को लेकर थाने चली आई, इसके बाद भी निर्माण कार्य नहीं रोका गया, तथा शिकायतकर्ता से विवाद करने लगे थे।
हिन्दी संवाद न्यूज से
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उतरौला बलरामपुर।
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