एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर में चल रहे संस्थापक सप्ताह समारोह के चौथे दिन चित्रकला, संस्कृत व उर्दू में निबंध लेखन तथा हिन्दी में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में तृप्ति पाठक,कोमल चौरसिया , श्वेता शुक्ला,शिखा पाण्डेय व सुमायला ने बाजी मारी।
प्रतियोगिता की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. जे पी पाण्डेय ने कहा कि ऐसे प्रतियोगिता विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में सहायक होता है। ऐसे कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं को बढ़- चढ़कर सहभागिता करनी चाहिए। सांस्कृतिक निदेशक डॉ अनामिका सिंह ने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रो. रेखा विश्वकर्मा के संयोजकत्व में चित्रकला प्रतियोगिता दो वर्गों में आयोजित हुई। निर्णायक डॉ स्वदेश भट्ट, लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान व सिद्धार्थ मोहन्ता ने स्केच वर्ग में तृप्ति पाठक बीए 3rd ईयर को प्रथम, अनन्या शुक्ला बीए 3rd ईयर को द्वितीय व बीए 3rd की हर्षिता श्रीवास्तव को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वहीं रंग भरो प्रतियोगिता में बीए 3rd ईयर की ही कोमल चौरसिया को पहला, ऋषि कश्यप को दूसरा व सगुन पाठक को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। डॉ प्रखर त्रिपाठी के संयोजकत्व में एक राष्ट्र, एक चुनाव : भारतीय लोकतंत्र के हित में है विषय पर हिंदी में वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में विभिन्न संकाय के कुल 06 टीमो ने प्रतिभाग किया। निर्णायक डॉ माधव राज द्विवेदी, प्रो.विमल प्रकाश वर्मा व संदीप कुमार ने शिखा पाण्डेय MA 1st year, व सुमायला कय्यूम BA 3rd ईयर की टीम को पहला, सत्यम तिवारी BA 1st ईयर व अजय चतुर्वेदी MA 2nd ईयर की टीम को द्वितीय व खुशबू तिवारी बीएड 1st ईयर व मोहित सिंह बीएड 2nd ईयर की टीम को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। वहीं व्यक्तिगत स्पर्धा में शिखा पाण्डेय प्रथम,सुमायला कय्यूम द्वितीय व अजय चतुर्वेदी तृतीय स्थान पर रहीं। डॉ भावना सिंह के संयोजकत्व में बसंत पंचमी विषय पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में बीएससी 3rd ईयर की श्वेता शुक्ला प्रथम, बीए 3rd ईयर की शगुन द्वितीय व बीएड 1st ईयर की दिव्या चौरसिया तृतीय स्थान पर जबकि बीए 1st की मीनाक्षी मिश्रा को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया। डॉ तारिक कबीर के संयोजकत्व में उर्दू निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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