उतरौला बलरामपुर - बरदही बाजार के निकट  मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत के प्रांगण में शनिवार की रात्रि में सालाना जलसा ए दस्तारबन्दी व अता-ए-रसूल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। बाद नमाज़ ए ईशा कादरी मंच पर खत्म ए बुखारी शरीफ का एहतमाम किया गया। ईशा की नमाज के बाद कारी मोहम्मद उमर की किरत से जश्ने दस्तार बन्दी काआगाज हुआ। नात ख्वां के द्वारा नात व मन्क़बत पेश किया गया। मुख्य अति थि जामिया अशरफिया मुबारकपुर के प्रधाना चार्य मौलाना मुफ्ती बदरे आलम मिस्बाही, कानपुर के खतीब मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी, मदरसा प्रबंधक अबुल हसन खान अशरफी सहित अन्य उलेमाए कराम के द्वारा पढ़ाई पूरा कर चुके 7 छात्रों को मुफ्ति 15 को आलिम,6 को फज़ीलत, 23 को दर्जा ए कीरत कारी और 24 तलबा को हिफ्ज़, हाफिजे कुरान सहित कुल 75 छात्रों को दस्तार का साफा बांध कर सनद प्रदान किया गया। टाप तीन छात्र कमालुद्दीन,जाकिर हुसैन एवं शमसुद्दीन को प्रबंधक के द्वारा अब्दुल हसन खान अशरफी ने नगद व विशेष उपहार देकर उनको सम्मानित किया गया। इससे पूर्व शब ए मेराज़ की एक बैठक में मुंह जबानी एक मुकम्मल कुरान सुनाने वाले मोहम्मद तौहीद रज़ा, अहमद रज़ा,अहमद रज़ा द्वितीय, मोहम्मद राहिल रज़ा, मोहम्मद रज़ा सहित पांच छात्रों को मदरसा प्रबंधक अबुल हसन खान अशरफी के द्वारा 5100 रुपए का नकद इनाम देकर उनको सम्मानित किया गया। मदरसा प्रबंधक अबुल हसन खान अशरफी ने कहा कि अरबी- उर्दू के साथ- साथ दुनियावी तालीम भी बेहद ज़रूरी है। मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत में पिछले 17 सालों से दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम भी दी जा रही है। वर्ष 2007 में इस मदरसे की स्थाप ना की गई थी। तब से सैकड़ों छात्र यहां से मुफ्ति,आलिम, कारी व हिफ्ज़ की सनद प्राप्त कर चुके हैं। प्रदेश के अलाव कई अन्य राज्यों के बच्चे इस मदरसे में तालीम हासिल कर रहे हैं। जलसा सरपरस्त मौलाना सैयद खलीक अशरफ ने कहा कि मदरसे के संचालक व प्रबंधक अबुल हसन खान, सेक्रेटरी अख्तर हुसैन खान, इकबाल हुसैन खान, मोहम्मद इमरान खान की मेहनत रंग लाई है। इन्होंने दीन के काम को आगे बढ़ाने का काम किया है। मदरसे में छात्रों को उर्दू, अरबी की शिक्षा के साथ-साथ अंग्रेजी, हिंदी, गणित और कंप्यूटर की शिक्षा भी दी जा रही है। मदरसा प्रिंसिपल मुफ्ती महबूब आलम अशरफी ने कहा कि आज दस्तकार में छात्रों को मुफ्ती, आलिम फाज़िल व कारी का प्रमाण पत्र दिया गया है। अब ये भी किसी मौलवी की तरह इस्लाम धर्म की जान कारी देने का हक रखते हैं। उन्होंने कहा कि एक दीनी तालीम याफ्ता आलिम पूरे खानदान को संवार सकता है। सालाना जलसे की सदारत मौलाना मुफ्ती महबूब आलम व निज़ा मत मौलाना एजाज रज़ा हशमती ने किया। सलातो सलाम के बाद मुल्क की तरक्की, खुशहाली व अमनो अमान की दुआ के बाद जलसा ए दसतार का समापन किया गया ।इस मौके पर मदरसा उप प्रबंधक अशफाक अहमद उर्फ बेचन, मदरसा के एजुकेशन डायरेक्टर मौलाना अकरम रज़ा अलीमी, प्रधान मुस्ताक अहमद  अब्दुरर्हमान, अकबर, मोहम्मद फिरोज़, अश फाक अंसारी, मौलाना हामिद रज़ा  नूरी, मौलाना रेहान रज़ा सहित भारी संख्या में अभिभावक मौजूद रहेे।

           हिन्दी संवाद न्यूज से
          असगर अली की खबर
           उतरौला बलरामपुर। 

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