भारत।
पिपहेरा के श्रीधाम मढेकी वाले बालाजी मंदिर के महन्त श्री श्री १००८ श्री द्वारिकादास जी महाराज के सानिध्य में सनातन संस्कृति ग्राम विकाश उत्थान समिति पिपहेरा के सहयोग से आज पिपहेरा से सैकडों की संख्या में श्रद्धालु बस द्वारा तीर्थयात्रा पर गये।कार्यक्रम के संयोजक श्रीमान बालकृष्ण तिवारी जी ने बताया कि श्रीधाम मढेकी वाले बालाजी पिपहेरा से हमारे सैकड़ों ग्रामवासी आज माघ शुक्ल तृतीया के उपलक्ष्य पर अपने गाँव से तीर्थराज प्रयागराज में महाकुम्भ के साथ साथ अन्य तीर्थ स्थानों पर सपरिवार जायेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रीमान खेमचन्द्रजी ने बताया कि सीतापुर जिले में स्थित अठ्ठासी हजार शौनिकादिक ऋषियों की तपस्थली नैमिषारण्य, श्रीरामलला की जन्मभूमि श्रीधाम अयोध्या भगवान शिव जी की तपस्थली काशी विश्वनाथ महाकुम्भ क्षेत्र प्रयागराज व श्रीधाम चित्रकुट आदि के सभी प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर वापस अपने गाँव पुनः लौटकर आयेंगे। सभी ने सपरिवार नैमिषारण्य के लिए प्रस्थान किया है। अगली सुबह नैमिषारण्य में स्नानादि से निवृत दो दिनभर साधु-संतो के प्रवचन सुनने के बाद शाम को यात्रा श्रीरामलला की नगरी श्रीधाम अयोध्या में सुबह पहुंचकर सरयू में स्नान कर श्रीरामलला की मंगला आरती के दर्शन का लाभ प्राप्त करेंगे। उसके बाद वहाँ के अन्य प्रसिद्ध मन्दिर हनूमान गढ़ी, कनक भवन, मढ़ी पर्वत जैसे विभिन्न मन्दिरों के दर्शन कर शाम को विश्वनाथ की नगरी के लिये प्रस्थान करेंगे। अगली सुबह विश्वनाथ की नगरी में माँ गंगा के पवित्र व निर्मल जल से स्नान कर विश्वनाथ के साथ साथ मणिकर्णिका घाट, माँ अन्नपूर्णा जैसे प्रसिद्ध स्थानों के दर्शन कर शामको पुनः अगले गन्तव्य व तीर्थयात्रा के प्रमुख केंद्र तीर्थराज प्रयागराज के लिये प्रस्थान करेंगे व प्रयागराज में हम सूर्य सप्तमी के दिन सुबह अमृत स्नान का लाभ प्राप्त करेंगे जिसके बाद प्रयाग राज के प्रमुख मन्दिर लेटे हनुमान जी, अक्षय वट जैसे आदि प्रमुख स्थानों को दो दिन व एक रात निवास कर तीर्थराज का महाकुम्भ के सुअवसर पर आनन्द प्राप्त करेंगे। जिस तीर्थराज का वर्णन वेद पुराण भी नेति नेति कह कर वर्णन करते है जिसकी महिमा अपरम्पार है। जहाँ माँ गंगा का निर्मल व शीतल जल माँ यमुना का उष्ण जल व माँ सरस्वती का गुप्तरूप से संगम क्षेत्र में स्थित होना जो ऐसा प्रतीत होती है कि जो भगवन्नाम की अविरल ज्ञान रूप में प्रवाहित हो रही हो। जिससे उस क्षेत्र में हमेशा शीतल मन्द सुगन्ध बहती रहती हैं। उस क्षेत्र में इस १४४ वर्ष बाद लगने वाले महाकुम्भ मेले व वहाँ कल्पवास के लिये आये हुए सहस्त्रों सन्तों के दर्शन, प्रवचन आदि का आनन्द प्राप्त कर या वहां लुट रहे भगवन्नाम रूपी अमृत में स्नान कर तत्पश्चात भगवान श्रीराम की वन गमन के समय सबसे अधिक जप तप वाली स्थान जो प्रभु को अत्यन्त प्रिय स्थानों में से एक है। ऐसे श्रीधाम चित्रकुट के लिये प्रस्थान करेंगे। श्रीधाम चित्रकुट पहूँच कर के वहाँ के प्रमुख स्थान के दर्शन का लाभ प्राप्त कर व वहाँ के प्रमुख सन्तों के दर्शन व सत्संग का लाभ लेते हुए माघ शुक्ल दशमी को अपने श्रीधाम मढेकी वाले बालाजी पिपहेरा को पुनः वापस लोटेंगे। तीर्थयात्रा पर जाने वाले ग्रामवासी आरएसएस के खण्ड सैंपऊ के खण्ड प्रचार प्रमुख भूपेंद्र त्यागी व वीएचपी के प्रखण्ड मन्त्री भूपेंद्र सिंह जी के नेतुत्व में व महाराज श्री के मार्गदर्शन व आशीर्वाद से सम्पूर्ण तीर्थयात्रा पूर्ण होगी जिसकी तैयारी में तीर्थयात्री
पिछले 10 दिन से तीर्थयात्रा पर जाने के लिये तैयारी में लगे हुए ये जिसमें इन यात्रा पर जाने कि पूरी व्यवस्था संघ की कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि व सनातन संस्कृति ग्रामविकाश उत्थान समिति पिपहेरा देखरेख में आयोजित कि जा रही है जिसमें यात्रियों का पंजीयन, भोजन व्यवस्था, यात्रा की रुपरेखा के साथ सभी छोटी छोटी सी व्यवस्थाओं को बाँटकर उनके प्रमुख तय किये गये हैं। सभी प्रमुख अपने कार्य क्षेत्र के अनुसार अपना अपना कार्य कर रहे है। साथ ही यात्रा पर जाने के बाद श्रीधाम मढेकी वाले बालाजी मन्दिर व सभी जाने वाले तीर्थयात्री अपने घर पर भी उचित प्रबंध कर जाने की तैयारी पूर्ण कर चुके है। सनातन संस्कृति ग्रामविकाश उत्थान समिति पिपहेरा द्वारा जाने वाले सभी तीर्थयात्रियों को गाजे बाजे के साथ मन्दिर पर आरती कर विदा किया।

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