उतरौला बलरामपुर - आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला में स्थित मोहल्ला रफी नगर में बाबा हज़रत ख्वाज़ा हसन जैनुल्लाह शाह शफी के 124 वां तीन दिवसीय सालाना उर्स ए मुक़द्दस में पहले दिन रविवार की रात्रि में तकरीर प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इसकी सदारत मौलाना रेहान कादरी व निजाम त मौलाना मोईन अख्त र ने किया।इसकार्यक्रम का आगाज कारी सला हुद्दीन ने कुरान की तिलावत के साथ किया। मुख्य अतिथि मुरादाबा द के मुफ्ती हम्माद रज़ा ने वालियों, औलिया ए कराम और बुजुर्गाने दीन के मर्तबे पर रोशनी डाली। तकरीर करते हुए कहा कि वली कभी भी खुदा की याद से गाफिल नहीं होते हैं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में शरीअत का दामन कभी अपने हाथ से नहीं छोड़ा। अल्लाह ने इसलिए इनकों विलायत के दर्जे से सरफरा ज फरमाया है। बुजुर्गों के दर पर हाजिरी देने से इंसान को जहनी सुकून मिलता है। और अल्लाह के यहां औलिया ए किराम का बहुत बड़ा मर्तबा है। सभी को औलिया ए किराम के बताए हुए रास्ते पर चलकर अपनी जिंदगी गुजारनी चाहिए। बुजुर्गों से सच्ची पक्की अकीदत और मुहब्बत करनी चाहिए। नमाजों की पाबंदी करनी चाहि ए। गरीबों और यतीमों की मदद करनी चाहिए। मौलाना अदहम ने कहा कि इस्लाम ने औरतों को जो मुकाम और इज्जत दी है। वह किसी और धर्म में नहीं दी गई है। रसूल का फरमान है कि मां के कदमों के नीचे जन्नत है। एक मां के रुप में औरत जमीन पर तमाम इंसानों से ज्यादा इज्जत की हकदार है। इस्लाम ने हर औरत के लिए शिक्षा को आवश्यक करार दिया है। पर्दे को जरूरी करार देकर उसकी इज्जत व आबरू की सुरक्षा का पूरा बन्दो बस्त किया है। इस्लाम पहला धर्म है जिसने औरतों को मीरास (धन-संपत्ति) में हिस्सा दिया है। हर क्षेत्र में इस्लाम ने औरतों को उनकी सलाहियतों के हिसाब से अधिकार दिए हैं। हर मुसलमान पर इल्म व दीन हासिल करना अनिवार्य है, चाहे वह पुरूष हो या स्त्री। ताकि आखिरत संवार सके और एक मिसाली समाज की स्थापना में अपना किरदार विशेष तौर पर अंजाम दे सकें। सिद्धार्थनगर से आए नात ख्वां मोहम्मद अली फैजी,अहमदुल फत्ताह, बहराइच के फैसल रब्बानी,मखदूम मुबारक,रहीम रजा, जीशान रजा व शहा बुद्दीन हशमती नातिया कलाम पेश किया। नाते पाक सुनकर पूरा मज मा झूम उठा। सलातो सलाम के बाद जलसे का समापन किया गया। महफूज गनी,शहजाद, मसूद अनवर,मंजूर कुरैशी, तफ्ज्जुल हसन, तजम्मुल हसन, जावेद आलम, अयूब हाशमी, करीम, अरबाज, साबिर समीर,आरजू, मैनुद्दीन, रहीमुल हसन, सद्दाम हाशमी सहित भारी संख्या में अकीदत मन्द मौजूद रहे।

      हिन्दी संवाद न्यूज से
     असगर अली की खबर
       उतरौला बलरामपुर। 

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