मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता की

मीडिया प्रतिनिधियों के सहयोग से महाकुम्भ को पूरी भव्यता के साथ
आयोजित करने का गौरव न सिर्फ डबल इंजन सरकार को बल्कि
प्रयागराजवासियों को प्राप्त होने जा रहा : मुख्यमंत्री

डबल इंजन सरकार महाकुम्भ के लिए हर प्रकार की व्यवस्थाएं युद्धस्तर पर कर रही

प्रयागराज सिटी का कायाकल्प लगभग पूरा, 200 से अधिक
सड़कों का निर्माण, 14 फ्लाईओवर या आर0ओ0बी0 में से
13 कम्प्लीट, एक फाइनल स्टेज की तरफ बढ़ रहा

होल्डिंग एरिया रेलवे स्टेशनों पर हों और उसके बाहर भी

मेला प्राधिकरण ने लगभग 5,000 एकड़ क्षेत्रफल में प्रयागराज को जोड़ने वाले मार्गों पर संगम से 02 से 05 किमी0 की दूरी पर पार्किंग स्पेस चिन्हित व सक्रिय किये, हर पार्किंग स्थल पर होगी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था और पब्लिक एड्रेस सिस्टम

30 पांटून ब्रिज बनाये जा रहे, इसमें 28 पांटून ब्रिज बनकर तैयार,
लगभग 520 किमी0 से अधिक के दायरे में चेकर्ड प्लेट बिछाई जा चुकीं

12 किमी0 का अस्थाई घाट तैयार किया जा
रहा, अरैल की ओर एक पक्का घाट बन रहा

शुद्ध पेयजल के लिए 450 किमी0 से अधिक की पाइपलाइन बिछाई जा चुकीं

मेला में 7,000 से अधिक संस्थाएं अब तक आ चुकीं, डेढ़ लाख
से अधिक टेंट की व्यवस्था मेला प्राधिकरण की ओर से की गई

मुख्य स्नान के दिन कोई प्रोटोकॉल नहीं होगा

लखनऊ : 31 दिसम्बर, 2024

                   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद प्रयागराज में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि आप सबके सहयोग से महाकुम्भ को पूरी भव्यता के साथ यहां पर आयोजित करने का गौरव न सिर्फ डबल इंजन सरकार को बल्कि प्रयागराजवासियों को भी प्राप्त होने जा रहा है। प्रयागराजवासियों से अपील होगी कि स्वच्छता और आतिथ्य सेवा का जो उदाहरण उन्होंने कुम्भ-2019 में प्रस्तुत किया था, उससे अच्छा अवसर इस बार उनके सामने आ रहा है। इस बार भी प्रयागराज आतिथ्य सेवा के साथ-साथ स्वच्छता का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करे।
                 मुख्यमंत्री जी प्रयागराज में महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत समीक्षा बैठक करने के बाद मीडिया प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रकृति और परमात्मा की कृपा से, भगवान प्रयागराज, द्वादश माधव और माँ गंगा और माँ यमुना की कृपा से महाकुम्भ का यह आयोजन सकुशल सम्पन्न हो, इसके लिए आज यहां बैठक की गई है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज सिटी का कायाकल्प लगभग पूरा हो चुका है। 200 से अधिक सड़कों का निर्माण हुआ है। इन्हें सिंगल से 02-लेन, 02-लेन से 04-लेन, 04-लेन से 06-लेन बनाया जा चुका है। 14 फ्लाईओवर या आर0ओ0बी0 में से 13 कम्प्लीट हो गए हैं और एक फाइनल स्टेज की तरफ बढ़ रहा है।
शहर के अन्दर सौंदर्यीकरण के कई कार्य किए गए हैं। सिटी में यह भी व्यवस्था की गई है, कि रेलवे स्टेशनों पर भी होल्डिंग एरिया हों और उसके बाहर भी। मेला प्राधिकरण ने लगभग 5,000 एकड़ क्षेत्रफल में प्रयागराज को जोड़ने वाले मार्गों पर संगम से 02 से 05 किलोमीटर की दूरी पर पार्किंग स्पेस चिन्हित करके उन्हें सक्रिय कर दिया है। हर पार्किंग स्थल पर चौकी होगी, सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था होगी और पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी होगा।
                 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुम्भ-2019 में पहली बार पांटून ब्रिज की संख्या को बढ़ाकर 22 किया गया था, जिसे इस बार महाकुम्भ को देखते हुए 30 कर दिया गया है। इसमें 28 पांटून ब्रिज बनकर तैयार हो गए हैं और 02 अगले तीन-चार दिन में बनकर तैयार होंगे। 12 किलोमीटर का अस्थाई घाट यहां पर तैयार किया जा रहा है और सभी लगभग तैयार हैं। अरैल की ओर भी एक पक्का घाट बन रहा है, जिसे अगले दो-तीन दिन के अन्दर कम्प्लीट कर लिया जाएगा। चेकर्ड प्लेट यहां पर लगभग 520 किलोमीटर से अधिक के दायरे में बिछाई जा चुकी हैं। इसी प्रकार से शुद्ध पेयजल के लिए 450 किलोमीटर से अधिक की पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है।
             मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मेला लगभग अपना शेप ले चुका है। 7,000 से अधिक संस्थाएं अब तक आ चुकी हैं। डेढ़ लाख से अधिक टेंट की व्यवस्था मेला प्राधिकरण की ओर से की गई है। देश और दुनिया प्रयागराज महाकुम्भ आने के लिए उत्सुक है। लोग उत्तर प्रदेश और देश के इस सबसे बड़े आध्यात्मिक और धार्मिक समागम को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं। 144 वर्ष के बाद महाकुम्भ का यह मुहूर्त आ रहा है और इसके लिए हर प्रकार की व्यवस्थाएं डबल इंजन सरकार यहां युद्धस्तर पर कर रही है।
             मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का पहला स्नान यहां पर सम्पन्न होगा। 14 जनवरी मकर संक्रांति को दूसरा स्नान होगा, जो अमृत स्नान भी होगा। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान होगा, जो मुख्य स्नान में से एक है, जिसमें सबसे ज्यादा भीड़ आएगी। हमारा अनुमान है कि इस दिन 06 से 08 करोड़ श्रद्धालु यहां पर आएंगे और उस अमृत स्नान में सहभागी बनेंगे। यह एक बहुत पवित्र मुहूर्त भी होगा। 03 फरवरी को बसंत पंचमी है, फिर 12 फरवरी और 26 फरवरी, यह दो स्नान समेत यहां पर कुल छह स्नान होने हैं। मुख्य स्नान के दिन कोई भी प्रोटोकॉल नहीं होगा। प्रमुख स्नान के अवसर पर पूज्य संतों के लिए, श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पुष्प वर्षा की व्यवस्था भी रहेगी।

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