मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस पर आयोजित ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किये

संविधान की उद्देशिका का पाठन कराया, संविधान के मूल्यों एवं आदर्शों से सम्बन्धित विषय पर वाद विवाद तथा निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत तथा सम्मानित किया

मुख्यमंत्री ने भारत माता तथा बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की

भारत की स्वाधीनता के अमृतकाल में हम भारत के संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष का शुभारम्भ कर रहे, अमृत महोत्सव वर्ष भारत के संविधान की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण: मुख्यमंत्री

न्याय, समता तथा बंधुता के मूल भाव को लेकर भारत के संविधान ने 75 वर्षों की यात्रा को शानदार तरीके से तय किया, इस संविधान का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व

बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर भारतीय संविधान के वास्तुकार, उन्होंने भारत के संविधान को भारत के अनुरूप बनाकर आज ही के दिन सन् 1949 में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की आधारशिला को पुख्ता किया

संविधान 140 करोड़ देशवासियों को एकता के सूत्र में बांधता

भारत का संविधान नागरिकों को संरक्षण तथा सम्मान प्रदान करता, समानता के भाव के साथ जोड़ता

संविधान सभा में हुई सार्थक बहस आज भी हमारी विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के लिए मार्गदर्शिका का कार्य करती

प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता के कारण हम सभी आज संविधान दिवस के सहभागी बन रहे

26 नवम्बर, 2015 से संविधान दिवस का कार्यक्रम पूरे देश में भव्यता के साथ आयोजित किया जाता

भारत के संविधान ने देश के प्रत्येक जाति, मत, मजहब व संप्रदाय से जुड़े हुए वयस्क नागरिकों को समान मताधिकार की शक्ति प्रदान की

लखनऊ: 26 नवम्बर, 2024

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि भारत की स्वाधीनता के अमृतकाल में हम भारत के संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष का शुभारम्भ कर रहे हैं। अमृत महोत्सव वर्ष भारत के संविधान की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण वर्ष है। न्याय, समता तथा बंधुता के मूल भाव को लेकर भारत के संविधान ने 75 वर्षों की यात्रा को शानदार तरीके से तय किया है। इस संविधान का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में संविधान दिवस पर आयोजित ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने संविधान की उद्देशिका का पाठन कराया। मुख्यमंत्री जी ने संविधान के मूल्यों एवं आदर्शों से सम्बन्धित विषय पर वाद विवाद तथा निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत तथा सम्मानित किया। उन्होंने भारत माता तथा बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री जी ने संविधान निर्माताओं व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर भारतीय संविधान के वास्तुकार थे। उन्होंने दुनिया के सबसे विस्तृत संविधान के रूप में भारत के संविधान को भारत के अनुरूप बनाकर आज ही के दिन सन् 1949 में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की आधारशिला को पुख्ता किया था। बाबा साहब की धरोहर यह संविधान 140 करोड़ देशवासियों को एकता के सूत्र में बांधता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत का संविधान नागरिकों को संरक्षण तथा सम्मान प्रदान करता है। समानता के भाव के साथ जोड़ता है। संविधान निर्माताओं की मूल भावना का सम्मान करना भी सिखाता है। यदि हम भारत के संविधान द्वारा नागरिकों के लिए तय किए गए मूलभूत कर्तव्यों का पालन करेंगे, तो यह बाबा साहब, संविधान निर्माताओं तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश 15 अगस्त सन् 1947 को स्वतंत्र हुआ। आजादी से पूर्व वर्ष 1946 में भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की इच्छा के अनुरूप कैबिनेट मिशन के समक्ष रखे गए प्रतिवेदन में एक स्वतंत्र संविधान सभा के गठन की मांग की गई थी। वर्ष 1946 में संविधान सभा के गठन के पश्चात पहली बैठक 09 दिसम्बर, 1946 को सम्पन्न हुई। इसकी अध्यक्षता डॉ0 सच्चिदानन्द सिन्हा ने की थी। वह संविधान सभा के सबसे वरिष्ठतम सदस्य थे। 11 दिसम्बर, 1946 को डॉ0 राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। इसके पश्चात इस दिशा में निरंतर कार्यक्रम आगे बढ़े। संविधान सभा ने 26 नवम्बर, 1949 को संविधान अंगीकार किया। भारत ने 26 जनवरी, 1950 को अपना संविधान लागू किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संविधान की अनेक समितियों में प्रारूप समिति अत्यन्त महत्वपूर्ण थी। इस समिति को संविधान के प्रारूप पर कार्य करने के लिए गठित किया गया। भारत माता के महान सपूत भारत रत्न बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर जी इस समिति के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया। न्याय, बंधुता तथा समता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संविधान के अलग-अलग सत्रों  के माध्यम से भारत की जनता से जुड़े हुए अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा की गई। बाबा साहब ने इस डिबेट का निचोड़ भारत के संविधान के रूप में देश को प्रदान किया।
संविधान सभा में हुई सार्थक बहस 10 वॉल्यूम में समाहित की गई है। यह बहस आज भी हमारी विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के लिए एक मार्गदर्शिका का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संस्थान में यह डिबेट होनी चाहिए। आपको इसमें विभिन्न मुद्दे तथा तथ्य प्राप्त होंगे। भारत की यात्रा के बारे में जीवन दर्शन को जानने व सीखने का अवसर प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता के कारण हम सभी आज संविधान दिवस के सहभागी बन रहे हैं। आज से 10 वर्ष पूर्व जब उन्होंने बाबा साहब का भव्य स्मारक बनाने के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया था तब उन्होंने कहा था कि समय आ गया है कि हम भारत के संविधान दिवस को भी एक सार्वजनिक महत्व का दिवस मानकर इससे जुड़े कार्यक्रमों को भव्यता के साथ आयोजित करना सीखें। इसके पश्चात उन्होंने नोटिफिकेशन जारी करवाया। नोटिफिकेशन जारी होने के पश्चात 26 नवम्बर, 2015 से संविधान दिवस का कार्यक्रम पूरे देश में भव्यता के साथ आयोजित किया जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019 में नागरिक कर्तव्यों को लेकर राज्य विधानमण्डल का विशेष सत्र आयोजित किया गया। प्रदेश की विधानसभा तथा विधान परिषद में नागरिक कर्तव्यों पर लगातार चर्चा की गयी। संविधान दिवस के अवसर पर नागरिक कर्तव्यों को लेकर विभिन्न संस्थाओं में डिबेट का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को आज यहां सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संविधान हमें अनेक अधिकार प्रदान करता है। देश के प्रत्येक जाति, मत, मजहब व संप्रदाय से जुड़े हुए वयस्क नागरिकों को भारत के संविधान ने समान मताधिकार की शक्ति प्रदान की है। दुनिया के अनेक ऐसे देश हैं जो स्वयं को आधुनिक लोकतंत्र का जनक मानते हैं। वहां लोग जाति तथा खेमों में बंटे हुए थे। लोगों में भेदभाव किया गया। वहां प्रत्येक नागरिक को मताधिकार नहीं प्रदान किया गया। लेकिन भारत में वर्ष 1952 के पहले आम चुनाव में ही प्रत्येक व्यस्क नागरिक को मताधिकार प्रदान किया गया। यह भारत के संविधान तथा बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर की देन है।
दुनिया में आधुनिक लोकतंत्र के जनक कहे जाने वाले देशों में महिलाओं को मताधिकार की शक्ति भारत से बाद में प्राप्त हुई। अब भारत इससे भी आगे बढ़ चुका है, जब प्रधानमंत्री जी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया। आने वाले समय में पंचायतों के साथ-साथ लोक सभा तथा विधानसभा में भी एक तिहाई महिलाएं निर्वाचित होकर आएंगी। दुनिया में सर्वप्रथम प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व मार्गदर्शन में यह अधिकार  भारत में प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान का गला घोंटने का काम किया था, जनता ने उन्हें सबक सिखाने में कोई कोताही नहीं बरती। किसी भी संविधान या कार्यक्रम की आत्मा उसका उद्देश्य होता है। बाबा साहब ने 26 नवम्बर, 1949 को जिस मूल संविधान को अंगीकार किया था, उसमें सोशलिस्ट तथा सेक्युलर शब्द नहीं थे। आपातकाल के समय इन शब्दों को भारत के संविधान में समाहित कर संविधान की आत्मा के गले को घोंटने का काम किया गया।
कार्यक्रम में संविधान निर्माण से सम्बन्धित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।
उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक व श्री केशव प्रसाद मौर्य, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना तथा मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
प्रमुख सचिव संसदीय कार्य श्री जय प्रकाश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग न्यायमूर्ति श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति तथा जनजाति आयोग श्री बैजनाथ रावत, जनप्रतिनिधिगण, छात्र-छात्राएं तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
-----------



Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने