वृन्दावन स्थित चंद्रोदय मंदिर में त्रिदिवसीय कार्तिक उत्सव का समापन नौका विहार उत्सव के साथ हुआ। इस उत्सव में सर्वप्रथम राधा वृन्दावन चंद्र के श्रीविग्रह को पालकी के माध्यम से मंदिर प्रांगण स्थित कल्याणी के निकट लाया गया। इसके पश्चात उन्हें नौका रूपी कुंज महल में विराजमान कर, नौका विहार कराया गया। श्री राधा वृन्दावन चंद्र के इस दिव्य एवं मनोहारी रूप के दर्शन के लिए मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड पड़ी।
इस अवसर पर इस्काँन बैंगलोर के विभिन्न केंद्रों से अनेकों भक्तगण कार्तिक उत्सव का हिस्सा बनने वृन्दावन पहुंचे। इस उत्सव में भक्तों द्वारा मंदिर प्रांगण, कल्याणी एवं नौका को विभिन्न प्रकार के पुष्पों का चयन कर बडे़ ही मनोहारी रूप में सजाया गया।
नौका विहार के दौरान विभिन्न प्रकार के पुष्पों से आच्छादित नौका पर विराजमान ठाकुर जी के दर्शन कर, हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। भक्तिमय इस वातावरण में सम्पूर्ण मंदिर प्रांगण, श्रीश्री राधा वृन्दावन चंद्र की जय जयकार से गुंजायमान हो उठा। शयन आरती के दौरान भक्तों ने दामोदर अष्टकम का गान करते हुए, राधा वृन्दावन चंद्र के समक्ष दीपदान कर शुभाशीष प्राप्त किया।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र कर्नाटक, तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों से भक्तगण उपस्थित रहे।
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