मथुरा । लंबे समय से समाज सेवा करने वाले मोरमुकूट शर्मा अब नहीं रहे। बताते चलें कि बिसावर जनपद हाथरस के मूल निवासी मोरमुकुट शर्मा को अपनी युवा अवस्था से ही असहाय व निर्धनों की सेवा करने का जज्बा था। वह गरीबों के मसीहा कहे जाने लगे। उन्होंने निर्धनों को सिक्षित करने के लिए कई विद्यालयों की स्थापना की। और अपने प्रधानचार्यों को निर्देशित किया कि जो भी निर्धनों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को आते हैं। तो उनसे शिक्षण शुल्क नहीं लें। उन्होंने अपने जीवन काल में लाखों बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिलवाकर उनका भविष्य सुंदर बनाने का काम किया। यदि उनको कहीं गरीब बेसहारा के बीमार हो जाने की जानकारी हो जाती थी तो वह उसके पास जाकर अपने खर्चे से उपचार कराते थे। दुर्गपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह,राहुल कुमार सक्सेना,गजेंद्र शर्मा,धीरज शर्मा ने बताया कि मोरमुकुट शर्मा के निधन की क्षति कभी पूरी नहीं होगी। उन जैसा सालीन और दानी हर कोई नहीं हो सकता। वह अपने सुपुत्र श्रीकृष्ण शर्मा और देवेंद्र शर्मा को भी गरीबों की हमेशा सेवा करने की सलाह दिया करते थे। श्रीकृष्ण शर्मा ने बताया कि 95 वर्ष के आयु में भी उनके पिता मोरमुकुट शर्मा पूरी तरह स्वस्थ थे । अचानक उनको करीब दो दिन बुखार रहा इसी के चलते उन्होंने हाल के निवास स्थान हरीनगर महोली रोड मथुरा पर दम तोड़ दिया। हालांकि उनका अंतिम संस्कार बिसावर में ही किया गया। समाज सेवी मोरमुकुट शर्मा के निधन पर विधायक ठाकुर मेघश्याम सिंह,पूर्व विधायक पंडित श्याम सुंदर शर्मा,पूर्व विधायक ठाकुर करिंदा सिंह, पूर्व मंत्री ठाकुर तेजपाल सिंह,बार यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष इंद्र कुमार वशिष्ठ, राजेंद्र शर्मा, कुंवर नरेंद्र सिंह,ठाकुर मुकेश सिंह सिकरवार,वरिष्ठ अधिवक्ता उषा सोलंकी,अमित कुमार गौतम, एसएचओ मगोर्रा अवधेश कुमार जादौन,स्वामी देवानंद महाराज,स्वामी ब्रह्मानंद महाराज ,चाणक्य युवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य अशोक शर्मा आदि ने शोक व्यक्त किया है।
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