राजकुमार गुप्ता
मथुरा। कभी ओला वृष्टि से फसल नष्ट हो जाना, कभी अति वृष्टि से फसल नष्ट हो जाना,अति वृष्टि के कारण बाढ़ जैसे हालातों से सब कुछ बर्बाद हो जाना, कहीं अग्नि काण्ड, तो कहीं रेल,बस आदि दुर्घटनाएं।ये सब कुछ देखकर नहीं लगता है कि हमसे कहीं न कहीं कोई न कोई अपराध हो रहा है।और बो अपराध है गौमाता का।जिन गौमाता के दूध को हम पीते हैं उस दूध को,जिस पर उसके बच्चे का अधिकार होता है। फिर भी गौमाता ने कोई शिकायत नहीं की आपसे।आप और आपके बच्चों को दूध पिलाकर पालन करती रही। लेकिन जब वही गौमाता दूध देने में असहाय हो जाती हैं तो आप उनको छोड़ देते हो।और अब लोगों ने गौ पालन करना ही कम कर दिया। आपको क्या लगता है कि गौमाता को यदि आप खिलायेंगे बो व्यर्थ में जाएगा? नहीं भाई यह आपकी अज्ञानता है। गौमाता में तैंतीस कोटि देवताओं का निवास होता है यदि आपने गौमाता की सच्चे मन से सेवा कर ली तो समझो आपने सभी देवताओं की पूजा कर ली। कैसी भी आपकी तबियत ख़राब है आप यदि आधा घंटा प्रतिदिन गौमाता के सामने खड़े होकर गौ माता के ऊपर हाथ फिराते हैं तो समझो पन्द्रह दिन में बिना दबाई और पैसा खर्च किए बिना आपकी पचास पर्सेंट बीमारी दूर हो जाएगी।जब तक गौ माता प्रसन्न नहीं होंगी तब तक न राष्ट्र खुशहाल हो सकता है। मेरी सभी किसान भाइयों से हाथ जोड़कर विनती है कि कृपया आप गौमाता का सम्मान करें और पालन करें फिर देखो आपके घर में खुशहाली ही खुशहाली होगी।
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