राजकुमार गुप्ता
मथुरा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का यह स्पष्ट आदेश है कोई भी अपराधी या भ्रष्टाचारी को बक्सा नहीं जाएगा। राज्य सरकार के इस आदेश को उन्हीं की शासन सत्ता में बैठे  भ्रष्ट और बेईमान किस्म के अधिकारी करोड़ों रुपए के  सरकारी धन का गवन करने के आरोपी बरसों बीत जाने के बाद आज भी उनकी पत्रावली रद्दी की टोकरी में डाले हुए हैं इससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं। 
जानकारी के अनुसार जनपद मथुरा के वृंदावन स्थित आईटीआई कॉलेज में कर्मचारी राजीव कुमार शर्मा ने अपने मूल नाम और पद से तो वेतन प्राप्त किया ही वहीं आरके शर्मा के नाम से भी वेतन प्राप्त करता रहा उसके इस भ्रष्ट आचरण का खुलासा ना हो पाए इसके लिए उसने अपने साथ अपने भ्रष्ट आचरण में लिप्त करते हुए संजय कुमार सैनी, राजन कुमार आर्य ,कमल सिंह ,पंकज उपाध्याय, मनीष शर्मा, सुरेश कुमार, देवेंद्र कुमार शर्मा , सुनील कुमार, मनीष कुमार गोस्वामी के अलावा अवधेश कुमार शर्मा को भी अनुचित तरीके से आर्थिक लाभ पहुंचाया इस मामले की शासन के द्वारा संज्ञान लेते हुए तीन सदस्य समिति जिसमें मंडल स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया जांच कराई गई जांच में 7 करोड रुपए से अधिक की सरकारी धनराशि का गवन के अलावा अनेक भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए इस जांच रिपोर्ट के आधार पर 2022 में थाना वृंदावन कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया गया जिसमें आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 
जांच रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश शासन  में बैठे भ्रष्ट अधिकारी आरोपियों को बचाने में पूरी तरह लगे हुए हैं जानकारी के अनुसार शासकीय गवन के आरोपी प्रधानाचार्य  महेश चन्द शर्मा,  यतेन्द्र पाल सिंह,  आशीष दुबे पर शासन कोई कार्यवाही नही  है |
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान वृन्दावन मथुरा में तैनात रहे तत्कालीन प्रधानाचार्य  महेश चन्द शर्मा,  यतेन्द्र पाल सिंह,  आशीष दुबे की तैनाती अवधि में इन अधिकारीयों के हस्ताक्षर से  राजीव कुमार शर्मा पुत्र स्व०  वीरेन्द्र कुमार शर्मा को दोहरा वेतन आहरण कर शासकीय धन की हानि पहुचाई गयी है  और शासकीय गवन की धनराशि का बंदर  वाट हुआ है ऐसा प्रतीत होता है यह त्रिसदसीय जाँच रिपोर्ट दिनांक 17-11-2022 की जाँच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है जाँच रिपोर्ट आने के बाद दोषी  अधिकारियों  की जड़े इतनी मजबूत  है निदेशालय में तैनात  सर्वोच्च अधिकारी एवं शासन में तैनात अधिकारियों से मिली भगत  होने से शासन स्तर  से कोई कारवाही नही की जा रही है  दोषी अधिकारी की प्रशासन पर  इतनी  मजबूत  पकड़ होने के कारण  शासन स्तर   के अधिकारी मूक दर्शन बने हुए है  इसलिए शासकीय  धन  के आरोपी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नही हो रही है आरोपी अधिकारी मैदान में घूम-घूम कर बोल रहे है कि ऐसी जांचे होती रहती है क्या फर्क पड़ता है   मोदी और योगी की जीरो टॉलरेंस  नीती को  उत्तर प्रदेश शासन के अधिकारी पलीता  लगा रहे हैं  । मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की योजना को पलीता लगाया जा रहा है | देखना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की नीति को बढ़ावा देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले का संज्ञान लेकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करा पाएंगे!

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