जौनपुर। गोशलाओं में बदइन्तजामी से गर्मी से बेहाल गोवंश, जिम्मेदार बने लापरवाह 

जौनपुर। बढ़ते तापमान और गर्म हवाओं और दुव्र्यवस्थाओं से गोशालाओं में रखे गए गोवंशों का हाल बेहाल कर दिया है। इन्हें गर्मी से बचाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया। जिले में छोटी बड़ी अस्थायी कई दर्जन गोशालाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसमें हजारों पशु संरक्षित हैं।
           
मौजूदा समय में तापमान 40/43 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है। पानी के लिए गोशालाओं में समरसेबिल लगे हैं फिर भी गोवंशों को ताजा ठंडा पानी पीने को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पानी की हौदी में सुबह एक बार पानी भर दिया जाता है, जो दिन में तपती धूप में गर्म हो जाता है। गर्म पानी पीने से गोवंशों की प्यास नहीं बुझ पा रही है। ऐसे में अधिकांश गोवंशों भूखे-प्यासे रहते हैं। गोशालाओं में टीन शेड के नीचे पशु रखे गए हैं। लेकिन उनकी ऊचाई तक धूप पहुंचती है।पशुओं का गर्मी से हाल बेहाल हो रहा है। ज्ञात हो कि गौशालाओं में संरक्षित पशुओं के लिए प्रतिदिन 50 रुपये चारा-पानी के लिए खर्च किए जाते हैं। विभिन्न गांवों में स्थापित गौशालाओं में जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों के बावजूद भी इस प्रचंड गर्मी में गर्मी से गोवंशो को बचाने के लिए अभी तक कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं। टीनशेड तो बनाया गया है लेकिन दिन में तेज लू और सूरज की तपिश में गोवंशो की हालत दयनीय है। 

पशुओं की संख्या के मुताबिक भूसे और पानी का अभाव तो नही है किंतु हरे चारे का कोई इंतजाम नही दिखा। यहां गोवंशों को देखने से लगता है कि गोशालाओं में अव्यवस्था है। अव्यवस्थाओं के कारण गोवंशो को हरा चारा, गुड़ और ठंडा पानी तो छोड़िये बल्कि उन्हें धूप व दोपहर में चलने वाली लू से बचाने के कोई इंतजाम नहीं हैं। जबकि इसके जिम्मेदार अधिकारी, प्रधान व सचिव अंजान बने हुए हैं। बताया गया है कि गोवंशों को हरा चारा तो दूर सूखा भूसा भी पेट भर नहीं दिया जा रहा है। वहीं इस प्रचंड गर्मी में उन्हें अपनी प्यास बुझाने के लिए ठंडा पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं उन्हें धूप से बचाने के लिए टीनशेड की भी नाकाफी है।

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