राजकुमार गुप्ता
मथुरा । जनपद में लोकसभा चुनाव सम्मन्न होते ही विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की अंदरूनी कलह खुल कर सामने आने लगी है, लोकसभा चुनावों के दरम्यान मीडिया संगठन ने सत्ताधारी दल को आगाह किया था कि पार्टी मै गुटबाजी चरम पर है पर अपने घमंड मैं चूर सत्तादल के राजनेताओं को दिखाई नही दिया या यू कहिए मोदी भरोसे चल रही भाजपा की गाढ़ी मैं सवार नेताओं ने इस वात को हल्के में लिया जैसे ही लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुए और चुनावों मैं मत प्रतिशत कम रहा एसे ही दबी हुई गुटबाजी की गंध फैलने लगी मामला सोसल मीडिया मैं एक दूसरे के खिलाफ वॉक युद्ध तक पहुंच गया। इसी बात विवाद में एक नया शब्द चर्चा का विषय बन गया, "संगठन का समधी" जिसे जानने की उत्सुकता मथुरा नगर की जनता के मन में हो रही है, मामला इस कदर गुटबाजी का है कि एक दूसरे पर पंप ऑपरेटरों की कमाई हड़पने का भी आरोप लगा रहे हैं। मथुरा जनपद मैं पंप ऑपरेटरों से वसूली की खबरे तो कई बार आती रहती थी पर नौकरी जाने के डर से कोई भी ऑपरेटर इस बात को उजागर करने की हिम्मत नहीं जुटा सका तथाकथित लोग बताते हैं,पंप ऑपरेटरों से ही क्या मथुरा नगर निगम तो सफाई कर्मचारियों से वसूली मैं नंबर वन रहा है ।
क्या भाजपा जैसे संगठन मैं गुट अपनी प्रतिष्ठा बचाने मैं लगे है या जो पाप का पैसा आ रहा है उसका बंदरवाट सही तरीके से नही कर पा रहे हैं। कमल कीचड़ मैं पैदा होता है भाजपा चिल्ला कर नारा देती कमल के नीचे कीचड़ है, आज वही कीचड़ भाजपा के यशस्वी नेता एक दूसरे पर उड़ेल रहे है। भाजपा के दिग्गज नेताओं को ईमानदारी से पंप ऑपरेटरों का पैसा हड़पने वालों की पहचान कर आवश्यक कार्यवाही करते हुए संगठन की छवि धूमिल करने वाले नेता और कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा कर मथुरा भाजपा संगठन को मजबूत करने वाले लोगों को आगे लाना चाहिए।

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