औरैया // बिजली विभाग में लाइनमैनों की सुरक्षा को लेकर न तो विभागीय अधिकारी गंभीर है न ही उनसे काम लेने वाले ठेकेदार सेफ्टी उपकरणों के नाम पर उन्हें सिर्फ दस्ताने ही मुहैया कराए जाते हैं अब तक तीन सालों में 3 लाइनमैनों की करंट लगने या खंभे से गिरकर मौत हो चुकी है,ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं,यह आलम पूरे जनपद का है,नगर क्षेत्र की बात करें तो दो बिजली स्टेशनों के अंतर्गत लाइनमैनों और एसएसओ की संख्या करीब 41 के आसपास है, लेकिन फील्ड पर सिर्फ 16 या 17 कर्मचारी ही काम कर रहे है,बाकी अधिकारियों या फिर ठेकेदार के रहमोकरम पर अन्य काम देख रहे हैं संविदा और आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले सभी लाइनमैन जान हथेली पर रखकर फाल्ट सही करते देखे जा रहे है, तेज गर्मी हो रही है,ऐसे में ओवरलोड के चलते कहीं न कहीं फाल्ट होने की सूचनाएं मिल रही है तो वहीं अधिकारी भी चैकिंग अभियान चला रहे है। ऐसे में कर्मचारियों को 25 से 30 फीट ऊंचे खंभे पर चढ़ाकर उनसे फाल्ट ठीक कराने या फिर कनेक्शन काटने का काम कर रहा है कर्मचारी जान हथेली पर रखकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं,नियमानुसार बिजली के पोल पर केवल लाइनमैन ही चढ़ सकता है, लेकिन विभाग और कंपनी के अधिकारी ठेकेदार संविदा कर्मचारियों को काम कराने के लिए बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के खंभों पर चढ़ा रहे हैं नियमानुसार कर्मचारी को रबर के दस्ताने, प्लास, पेचकस, टेस्टर, झूला, सेफ्टी, बेल्ट, हेमलेट, जूता, कपड़ा अनिवार्य है साथ ही कर्मचारियों को ईपीएफ और ईएसआई की सुविधा भी मिलनी चाहिए,इससे हादसे होने पर उन्हें सरकारी मदद के साथ इलाज भी मिल सके, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है कर्मचारियों की मानें तो उन्हें सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दस्ताने ही मुहैया कराए गए है बताया कि हर सप्ताह एक जोड़ी कपड़े खंभों पर चढ़ने व उतरने के दौरान फट जाते है इस सम्बंध में अधिशाषी अधिकारी लेखराज सिंह से पूछा गया तो उन्होने बताया कि उपकेंद्रों पर तैनात संविदा व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को एजेंसी द्वारा हेलमेट आदि सभी उपकरण उपलब्ध कराए गए है जब की कर्मचारी कोई भी सुविधा न होने की बात कर रहे हैं और कर्नचारियों का ये भी कहना है कि ये सब सिर्फ उपकरण और सुविधा कागजों में ही दौड़ रही है हकीकत जस की तस है।

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