दो-दिवसीय ‘डा. जगदीश गाँधी मेमोरियल मूट कोर्ट कान्क्लेव’ का भव्य समापन

तार्किक क्षमता व कानूनी पहलुओं पर अपनी महारत 

का जोरदार प्रदर्शन किया प्रतिभागी छात्रों ने

लखनऊ, 26 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर प्रथम कैम्पस के तत्वावधान में आयोजित दो-दिवसीय ‘डा. जगदीश गाँधी मेमोरियल मूट कोर्ट कान्क्लेव’ का भव्य समापन आज विद्यालय के आॅडिटोरियम में हुआ। इस अनूठे आयोजन में प्रख्यात विधि विशेषज्ञों ने छात्रों को अपने अनुभवों से रूबरू कराने के साथ ही उन्हें कानूनी पहलुओं की बारीकियों से अवगत कराया तो वहीं दूसरी ओर प्रतिभागी छात्रों ने कानून के ज्ञान, तर्कशक्ति, विष्लेषणात्मक क्षमता व अभिव्यक्ति क्षमता का जोरदार प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अन्तर-विद्यालयी प्रतियोगिता के अन्तर्गत प्रतिभागी छात्र टीमों ने वादी व प्रतिवादी के रूप में कानूनी जानकारियों व कानूनी पहलुओं का जोरदार प्रदर्शन करते हुए दर्शकों के समक्ष कोर्ट रूम का अभूतपूर्व दृश्य उपस्थित किया। वादी-प्रतिवादी के रूप में छात्रों ने पर्यावरण सुधार, अवैध खनन, प्रौद्योगिकीकरण आदि विभिन्न मसलों पर जोरदार बहस की और अपने शोधपरक तर्कों व अभिव्यक्ति क्षमता से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रतियोगिता में एम आर जयपुरिया स्कूल, लामार्टिनियर गल्र्स कालेज, लामार्टिनियर ब्वाएज कालेज, डेलही पब्लिक स्कूल एल्डिको, गुरूकुल एकेडमी समेत सिटी मोन्टेसरी स्कूल के विभिन्न कैम्पस के छात्रों ने प्रतिभाग किया।

आज सम्पन्न हुए समापन समारोह में प्रतिभागी छात्र टीमों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में मेजबान सी.एम.एस. गोमती नगर प्रथम कैम्पस के छात्रों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर ‘बेस्ट टीम’ का खिताब अपने नाम किया जबकि सी.एम.एस. अलीगंज प्रथम कैम्पस की छात्र टीम रनर-अप रही। सी.एम.एस. गोमती नगर प्रथम कैम्पस के छात्र अमीश गाँधी एवं अलीगंज प्रथम कैम्पस की छात्रा तृषा सिंह को सर्वश्रेष्ठ वक्ता के खिताब से नवाजा गया। प्रतियोगिता में प्रतिष्ठित न्यायविद्ों व विधि विशेषज्ञों सुश्री सुचिता शुक्ल, सुश्री साक्षी यादव, श्री कृष्णम पाण्डेय एवं सुश्री अगाथा शुक्ला ने निर्णायकों की भूमिका निभाई। इस अवसर पर कान्क्लेव की संयोजिका एवं सी.एम.एस. गोमती नगर प्रथम कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती आभा अनन्त ने गणमान्य अतिथियों व प्रतिभागी छात्रों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों में अभिव्यक्ति क्षमता, तार्किक क्षमता एवं शोध करने की भावना को बढ़ाने में अत्यन्त सफल साबित हुई है।


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