मुख्यमंत्री ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की लगभग 2,800 करोड़
रु0 की 762 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

पर्यटन विभाग की पुस्तिकाओं का विमोचन किया

डबल इंजन सरकार की नीयत और समयबद्ध तरीके से लिये
गये फैसलों का लाभ प्रदेशवासियों को प्राप्त हो रहा: मुख्यमंत्री

लोकार्पित एवं शिलान्यास की जा रही परियोजनाएं प्रदेश के सभी 75 जनपदों
के 403 विधान सभा क्षेत्रों के किसी न किसी पर्यटन केन्द्र के विकास से जुड़ी

प्रदेश सरकार धार्मिक, हेरिटेज, ईको तथा एडवेन्चर टूरिज्म से जुड़े स्थलों
के विकास के माध्यम से क्षेत्र के समग्र विकास के कार्याें को आगे बढ़ा रही

आज प्रदेश की आबादी से दोगुने पर्यटक यहां आ रहे

अयोध्या में होटल, रेस्टोरेण्ट तथा टैक्सियां
फुल चल रही, यहां का व्यापार कई गुना बढ़ गया

उ0प्र0 ने साबित किया है कि यह उत्सव की भूमि

डबल इंजन सरकार ने अराजकता को आस्था और आजीविका से बदला

पहले उ0प्र0 को देश के विकास में ब्रेकर माना जाता,
आज वह देश की इकोनाॅमी के लिए ब्रेकथू्र का काम कर रहा

उ0प्र0 संस्कृति के साथ ही, संवृद्धि का प्रतीक बना,
उ0प्र0 बीमारू राज्य नहीं, बल्कि रेवेन्यू सरप्लस स्टेट

प्रधानमंत्री जी ने ग्राउण्ड बे्रकिंग सेरेमनी के अवसर
पर देश के राज्यों को उ0प्र0 से सीखने की बात कही

पर्यटन विभाग को सभी स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरों को ए0आई0 टूल
से जोड़ देना चाहिए, इससे यह पता चल जायेगा कि कितने पर्यटक आये

हर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन तथा बस स्टेशन पर टूरिस्ट हेल्पडेस्क
की स्थापना की जानी चाहिए, यहां एक टूरिस्ट फेलो उपस्थित हो,
जो पर्यटन से जुड़ी सभी जानकारियों के लिए लोगों को गाइड करे

बुन्देलखण्ड क्षेत्र सहित प्रदेश के प्राचीन किलों तथा प्राचीन
इमारतों को होटल एवं पर्यटन की गतिविधियों के केन्द्र
के रूप में विकसित करने के लिए कार्य किया जा रहा

लखनऊ के कुकरैल में नाइट सफारी की स्थापना
की जा रही, कुकरैल नदी को पुनर्जीवित किया जा रहा


वर्ष 2025 में स्वच्छ, सुव्यवस्थित तथा सुरक्षित
महाकुम्भ के आयोजन के लिए तैयारी प्रारम्भ

प्रधानमंत्री जी ने देश को 05 ट्रिलियन डाॅलर की इकोनाॅमी बनाने का
संकल्प लिया, इसके अनुरूप मुख्यमंत्री जी ने उ0प्र0 को एक ट्रिलियन डाॅलर
की इकोनाॅमी बनाए जाने का लक्ष्य तय किया: उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक

मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थापना से यहां
आने वाले पर्यटकों की संख्या में ढाई गुना वृद्धि हुई: पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री


लखनऊ: 04 मार्च, 2024


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि हम सभी को आज एक नये उत्तर प्रदेश के दर्शन हो रहे हैं। आज एक साथ 2800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जा रहा है। पहली बार पर्यटन विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदेश के पर्यटन विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाया गया है। यह विकास परियोजनाएं किसी एक क्षेत्र विशेष अथवा जनपद विशेष से जुड़ी नहीं हैं, बल्कि यह प्रदेश के सभी 75 जनपदों के 403 विधान सभा क्षेत्रों के किसी न किसी पर्यटन केन्द्र के विकास से जुड़ी हैं। इनमें विश्व बैंक सहायतित केन्द्र सरकार की प्रो-पुअर योजना, मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना, जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर आधारित तथा शासन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के विकास से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की लगभग 2,800 करोड़ रुपये की 762 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने पर्यटन विभाग की पुस्तिकाओं ‘बृज के शिल्पी-सफलता की कहानियां’, ‘हैण्डक्राफ्टेड प्राॅस्पैरिटी’ तथा प्रदेश के पर्यटन सर्किट से सम्बन्धित काॅमिक पुस्तकों का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब सरकार की नीयत साफ होती है और कार्याें में गति होती है, तो उसके परिणाम भी उसी रूप में देखने को मिलते हैं। कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति से उत्तर प्रदेश का परसेप्शन बदला है। डबल इंजन सरकार की नीयत और समयबद्ध तरीके से लिये गये फैसलों का लाभ प्रदेशवासियों को प्राप्त हो रहा है। प्रदेश सरकार धार्मिक, हेरिटेज, ईको तथा एडवेन्चर टूरिज्म से जुड़े स्थलों का विकास करा रही है। इसके माध्यम से उस क्षेत्र के समग्र विकास के कार्याें को भी आगे बढ़ा रही है। इनमें क्षेत्र के ईको सिस्टम के साथ ही, रोजगार का पूरा तंत्र शामिल है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या धाम, नैमिषारण्य, विन्ध्यवासिनी काॅरिडोर तथा ब्रजभूमि एक नये रूप में सबके सामने हैं। यह देश व दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने प्रयागराज कुम्भ, शुकतीर्थ, चित्रकूट, बौद्ध तीर्थ स्थल, सूफी तथा भक्ति परम्परा से जुड़े स्थल, शक्ति पीठ, हेरिटेज, एडवेन्चर तथा ईको टूरिज्म से जुड़े स्थलों के विकास कार्याें को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाया है। इसका परिणाम है कि जिस प्रदेश में पहले कोई आना नहीं चाहता था, आज वहां आने के लिए सभी उत्सुक हैं। वर्ष 2017 में सरकार के गठन के बाद हमारा लक्ष्य था कि प्रदेश की आबादी के बराबर पर्यटक यहां आने चाहिए। यह प्रसन्नता का विषय है कि आज प्रदेश की आबादी से दोगुने पर्यटक यहां आ रहे हैं। यही परिणाम है। यह दर्शाता है कि हमारे द्वारा किये गये प्रयास सार्थक हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज अयोध्या में होटल, रेस्टोरेण्ट तथा टैक्सियां फुल चल रही हैं। यहां का व्यापार कई गुना बढ़ गया है। सभी लोग खुश हैं। अयोध्या के साथ ही, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर तथा प्रयागराज में भी होटल फुल चल रहे हैं। यह दिखाता है कि प्रदेश में कार्य हुआ है। दुनिया यहां आना चाहती है। जिस उत्तर प्रदेश के बारे में यह धारणा थी कि वहां उपद्रव होते हैं, आज यहां उपद्रव नहीं होते। उत्तर प्रदेश ने साबित किया है कि यह उत्सव की भूमि है। आज यहां अराजकता नहीं है। डबल इंजन सरकार ने अराजकता को आस्था और आजीविका से बदल दिया है। पहले उत्तर प्रदेश को देश के विकास में ब्रेकर माना जाता था, आज वह देश की इकोनाॅमी के लिए ब्रेकथू्र का काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश संस्कृति के साथ ही, संवृद्धि का प्रतीक बना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विगत दिनों आयोजित ग्राउण्ड बे्रकिंग सेरेमनी के अवसर पर कहा था कि देश के राज्यों को उत्तर प्रदेश से सीखना चाहिए। आज उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं, बल्कि रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। देश में सर्वाधिक निवेश उत्तर प्रदेश में हो रहा है। इसमें सर्विस सेक्टर की बड़ी भूमिका है। प्रदेश में अच्छे होटल, रेस्टोरेण्ट तथा माॅल बन रहे हैं। प्रदेश में सभी सेक्टर को आगे बढ़ाने का कार्य हुआ है। राज्य में नये गाइड बने हैं। यह लोगों को पर्यटन के क्षेत्र में जानकारियां देने का कार्य कर रहे हैं। हमारी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्राचीन स्थलों के सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग यह बताते हुए प्रसन्नता व्यक्त करते हैं। इस कार्य में प्रधानमंत्री जी तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों का योगदान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जा रहा है, वह जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर आधारित है। इनमें मन्दिर, हेरिटेज, ईको तथा एडवेन्चर टूरिज्म से जुड़े कार्य शामिल हैं। किसी धार्मिक स्थल के विकास तथा किसी हेरिटेज प्राॅपर्टी को संरक्षित कर हम अपने अतीत को संरक्षित करते हैं। इनके विकास के माध्यम से हम आने वाली पीढ़ी को अपनी गौरवशाली विरासत से जोड़ने का कार्य करते हैं। इससे उन्हें प्रेरणा मिलती है। आज दुनिया काशी या अयोध्या अपने अतीत से जुड़ने के लिए ही आती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले लोगों को अयोध्या जाने में भय लगता था, आज वह भय दूर हुआ है। प्रधानमंत्री जी के विजन से श्री काशी विश्वनाथ धाम ने मूर्त रूप लिया है। नैमिषारण्य तथा विन्ध्यवासिनी धाम में भी यही हो रहा है। गत नवरात्रि में विन्ध्यवासिनी धाम में एक दिन में 36 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आये थे। पर्यटन विभाग को सभी स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरों को ए0आई0 टूल से जोड़ देना चाहिए। इससे यह पता चल जायेगा कि कितने पर्यटक आये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं हैं। राज्य में सर्विस सेक्टर को सुदृढ़ किया गया है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आयी है। आज उत्तर प्रदेश देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार ने स्प्रिचुअल टूरिज्म को प्रोत्साहित किया है। अब हम बुन्देलखण्ड क्षेत्र सहित प्रदेश के प्राचीन किलों तथा प्राचीन इमारतों को होटल एवं पर्यटन की गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। पर्यटन विभाग को तेजी के साथ इस कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए। एक पाॅलिसी के माध्यम से इसका प्रभावी ढंग से अमल करना चाहिए। देश व दुनिया के लोग यहां आना चाहते हैं, हमें उन्हें आकर्षित करने की तैयारी करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ईको टूरिज्म की बहुत सम्भावनाएं हैं। चूका, दुधवा तथा कतर्नियाघाट जैसे ईको टूरिज्म से जुड़े स्थल यहां मौजूद हैं। लखनऊ के कुकरैल में नाइट सफारी की स्थापना की जा रही है। कुकरैल नदी को पुनर्जीवित किया जा रहा है। यह राजधानी लखनऊ को एक नई पहचान देगा। इसके माध्यम से बच्चों का ज्ञानवर्धन और मनोरंजन होगा। हम प्रकृति तथा जीव सृष्टि के साथ नजदीक से संवाद बना पाएंगे।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन तथा बस स्टेशन पर टूरिस्ट हेल्पडेस्क की स्थापना की जानी चाहिए। यहां एक टूरिस्ट फेलो उपस्थित हो, जो पर्यटन से जुड़ी सभी जानकारियों के लिए लोगों को गाइड करे। ऐसा कर उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में बड़ा कार्य करेगा। हमें इसकी तैयारी को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। अगले वर्ष प्रयागराज महाकुम्भ का आयोजन होना है। वर्ष 2025 में स्वच्छ, सुव्यवस्थित तथा सुरक्षित महाकुम्भ के आयोजन के लिए हमारी तैयारी प्रारम्भ हो चुकी है। बड़े-बड़े प्रोजेक्ट को जमीनी धरातल पर उतारा जा रहा है। वर्ष 2025 के महाकुम्भ में वर्ष 2019 के कुम्भ से बेहतर प्रदर्शन करने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज लोकार्पण एवं शिलान्यास का यह कार्यक्रम एक अच्छा प्रयास है। शिलान्यास किए गए कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखते हुए उन्हें समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए, जिससे नये कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश को 05 ट्रिलियन डाॅलर की इकोनाॅमी बनाने का संकल्प लिया है। इसके अनुरूप मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डाॅलर की इकोनाॅमी बनाए जाने का लक्ष्य तय किया है। उत्तर प्रदेश में यह क्षमता है। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट तथा ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के आयोजन से उत्तर प्रदेश में निवेश की सम्भावनाएं साकार हुई हैं। उत्तर प्रदेश विभिन्न संस्कृतियों का केन्द्र बना है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों की सोच बदली। आज उत्तर प्रदेश पर्यटन तथा निवेश का आकर्षक गंतव्य बना है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थापना से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में ढाई गुना वृद्धि हुई है। प्रदेश के सभी विधान सभा क्षेत्रों में पर्यटन विकास के कार्य कराए गए हैं। मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में प्रदेश में ईको टूरिज्म बोर्ड का गठन किया गया है।
मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। विगत 07 वर्षांे में यहां पर्यटन विकास के अनेक कार्य हुए हैं। प्रदेश में पर्यटकों, श्रद्धालुओं तथा दर्शनार्थियों की संख्या बहुत बढ़ी है। देश व दुनिया के लोग उत्तर प्रदेश में आ रहे हैं।
इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, विधायक डाॅ0 नीरज बोरा, श्रीमती जय देवी, श्री योगेश शुक्ल, श्री अमरेश कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  
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