बोध शिवरात्रि पर ओम भवन बलरामपुर में प्रातः काल आर्य वीरों द्वारा हवन पूजन किया गया तथा उतरौला में दोपहर में शोभायात्रा निकाली गई! मुख्य अतिथि तुलसीपुर विधायक माननीय कैलाश शुक्ल जी ने बताया कि शिवरात्रि को ही महर्षि दयानंद शिवलिंग पर चढ़ते हुए चूहों को देखकर सच्चे शिव की खोज करने के लिए निकल पड़े थे और कठोर तपस्या करके सच्चे शिव को प्राप्त कर लिया था !
इसीलिए पूरे विश्व में आर्य समाज इस दिवस को बोध शिवरात्रि के रूप में मनाता है !
विशिष्ट अतिथि डॉ. दिनेश कुमार मिश्राने महर्षि दयानंद के उपकारों को गिनाते हुए भारतीय नव वर्ष पर विशेष प्रकाश डाला! 