छुट्टा सांडो का आतंक अब बाजार की मुख्य सड़कों के साथ-साथ अतिसुरक्षित स्थानों पर भी बढ़ता जा रहा है। बाजार की सड़कों पर आए दिन इनकी धमाचौकड़ी से राहगीर व स्कूली बच्चे चोटिल होते रहते हैं। सरकारी दावों में छुट्टा पशुओं को गौशालाओं मे भेजने का भी दावा किया जाता है।
इसी दावे की हकीकत बताने के लिए मवेशी तहसील के न्यायालय कक्षों में अपनी फरियाद लेकर आ रहे हैं। गुरुवार को तहसील के प्रवेश द्वार के साथ उपजिलाधिकारी के न्यायालय में घुसे सांडों ने यह साबित कर दिया कि मवेशियों को अभी भी सुरक्षित जगह की तलाश है।
नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजमणि वर्मा का कहना है, कि समय-समय पर छुट्टा जानवरों को पकड़ने का अभियान चलाया जाता है।
असगर अली
उतरौला
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