मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग की 238 करोड़ रु0 की 271 परियोजनाओं का लोकार्पण किया

इन लोकार्पित परियोजनाओं में 226 आयुष्मान आरोग्य मन्दिर, 50 शैय्या के 04 एकीकृत आयुष चिकित्सालय, 05 ई-लाइब्रेरी, 
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज प्रयागराज तथा झांसी में 01-01 छात्रावास, राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज गोरखपुर
के विभिन्न निर्माण कार्य, 19 स्थानों पर होम्योपैथिक विभाग के तथा 14 स्थानों पर आयुर्वेदिक विभाग के विभिन्न निर्माण कार्य शामिल

प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से आयुष मिशन आज उ0प्र0 में तेजी
के साथ जन विश्वास का प्रतीक बनता जा रहा : मुख्यमंत्री

उ0प्र0 आयुर्वेद की धरती, उ0प्र0 में हेल्थ टूरिज्म के अन्तर्गत
आयुष के क्षेत्र में सर्वाधिक सम्भावनाएं, इन पद्धतियों को हमें
व्यवस्थित रूप से प्रोफेशनल तरीके से आगे बढ़ाना होगा

आयुष मिशन को हम सम्पूर्ण आरोग्यता के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाने का कार्य
करेंगे, देश में ट्रेडिशनल मेडिसिन के इण्टरनेशनल सेण्टर स्थापित हो रहे

अन्नदाता किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में
आयुष पद्धति बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती

वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान दुनिया ने ट्रेडिशनल मेडिसिन
की उपयोगिता और उसके महत्व को समझा और जाना
 
आयुष विभाग ने कल एक महानिदेशालय के गठन की
कार्रवाई को मूर्त रूप देना प्रारम्भ किया

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय कार्य कर रहा

आयुष्मान आरोग्य मन्दिर हर जनपद में क्रियाशील

लखनऊ : 06 मार्च, 2024


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से आयुष मिशन आज उत्तर प्रदेश में तेजी के साथ जन विश्वास का प्रतीक बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश में हेल्थ टूरिज्म के अन्तर्गत आयुष के क्षेत्र में सर्वाधिक संभावनाएं हैं। योग, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा एवं होम्योपैथ से जुड़ी सभी पद्धतियों को हमें व्यवस्थित रूप से प्रोफेशनल तरीके से आगे बढ़ाना होगा। इससे लोगों का आकर्षण इसके प्रति और बढ़ेगा। आवश्यकता है इसे महत्व देने की। परिणामस्वरूप हेल्थ टूरिज्म बढ़ेगा। सम्पूर्ण आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही, हमें अधिकाधिक मात्रा में नौकरी व रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। अन्नदाता किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में मदद मिलेगी।  
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां लोक भवन में आयुष विभाग की 238 करोड़ रुपये की 271 परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 226 आयुष्मान आरोग्य मन्दिर, 50 शैय्या के 04 एकीकृत आयुष चिकित्सालय, 05 ई-लाइब्रेरी, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज प्रयागराज तथा झांसी में 01-01 छात्रावास, राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज गोरखपुर के विभिन्न निर्माण कार्य, 19 स्थानों पर होम्योपैथिक विभाग के तथा 14 स्थानों पर आयुर्वेदिक विभाग के विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आयुर्वेद की धरती रही है। भगवान धनवन्तरि की धरती रही है। आचार्य सुश्रुत ने अपनी महत्वपूर्ण शल्य चिकित्सा की कार्रवाई को इसी धरती से आगे बढ़ाने का कार्य किया था। इस धरती में तो इसकी सम्भावनाएं और भी उत्कृष्ट होनी चाहिए। इसके लिए हमें तैयार होना होगा। अन्नदाता किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में आयुष पद्धति बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती है। बशर्ते उसका हम स्वयं भी अध्ययन करें और उसके बारे में लोगों को जागरूक व प्रोत्साहित करें, तो उसके परिणाम बहुत बेहतरीन तरीके से हम सबके सामने आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय मनीषा की धारणा रही है कि कोई भी ऐसी जड़ी नहीं, जो औषधीय गुणों से भरपूर ना हो। लेकिन एक समय उपेक्षा व अज्ञानता के कारण आयुष पद्धति लुप्तप्राय होती दिखाई दे रही थी। प्रधानमंत्री जी ने जब आयुष मंत्रालय का गठन किया और ट्रेडिशनल मेडिसिन को प्राथमिकता देकर उसको प्रोत्साहित किया, तो देखते ही देखते यह न केवल देश में, बल्कि दुनिया में फैलती हुई दिखाई दे रही है।
हम सभी ने विगत 04 वर्षों में इस सदी की सबसे बड़ी महामारी का सामना किया। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान दुनिया ने ट्रेडिशनल मेडिसिन की उपयोगिता और उसके महत्व को समझा और जाना। कोरोना के समय आयुष का काढ़ा पूरी दुनिया लेते हुए दिखाई दी। आज भी घर-घर में यह काढ़ा इस्तेमाल हो रहा है। प्रधानमंत्री जी ने योग के लिए अभियान चलाया। 21 जून को योग के साथ पूरी दुनिया जुड़ती हुई दिखाई देती है। ट्रेडिशनल मेडिसिन के प्रति पूरी दुनिया आज आकर्षित हो रही है। यह दर्शाता है कि आयुष पद्धति के क्षेत्र में व्यापक सम्भावनाएं हैं और इसलिए इसकी मांग भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आयुष विभाग ने कल एक महानिदेशालय के गठन की कार्रवाई को मूर्त रूप देना प्रारम्भ किया है। अब तक अलग-अलग निदेशक थे। वह निदेशक यथावत कार्य करेंगे। उन सभी में समन्वय स्थापित करने के लिए एक डायरेक्टर जनरल भी होगा, ताकि कार्य मेरिट के आधार पर समयबद्ध तरीके से सुगमता एवं प्रभावी तरीके से सम्पन्न हों। प्रदेश में पहले आयुष के क्षेत्र में अलग-अलग कार्यक्रम पृथक-पृथक तरीके से चलते थे। परीक्षाएं व अन्य शैक्षणिक कार्य समय से सम्पन्न हों, इसके लिए प्रदेश सरकार ने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय बनाया है। यह विश्वविद्यालय प्रदेश में कार्य कर रहा है। कल निदेशालय का गठन हो चुका है। आयुष्मान आरोग्य मन्दिर हर एक जनपद में भारी पैमाने पर कार्य करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि जनविश्वास के प्रतीक बनकर उभरे ट्रेडिशनल मेडिसिन से लोग सम्पूर्ण आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। यह हर व्यक्ति का अधिकार होना चाहिए। यह न केवल बचाव के उपायों को हमें बताता है, बल्कि सम्पूर्ण उपचार का मार्ग भी प्रशस्त करता है। आयुष मिशन को हम सम्पूर्ण आरोग्यता के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। हमें इसका फल भी अवश्य प्राप्त होगा। हमें अभी से इसकी तैयारी करनी चाहिए। भारत में ट्रेडिशनल मेडिसिन के इण्टरनेशनल सेण्टर स्थापित हो रहे हैं। जामनगर इसका उदाहरण है। भारत इस क्षेत्र में भी दुनिया को नेतृत्व दे सके, यह आज की आवश्यकता हो गई है। आयुष विभाग निरन्तर प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप आम जनमानस के विश्वास पर खरा उतरते हुए त्वरित गति से आगे बढ़ने का कार्य करेगा।
कार्यक्रम को आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दया शंकर मिश्र ‘दयालु’ ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर विधायक डॉ0 नीरज बोरा, श्री योगेश शुक्ला, श्रीमती जयदेवी, श्री अमरेश कुमार, विधान परिषद सदस्य श्री मोहसिन रजा, श्री लाल जी निर्मल, श्री राम चन्द्र प्रधान, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती लीना जौहरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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