औरैया // शेरगढ़ घाट स्थित यमुना नदी पुल पर 30 टन से अधिक भार के वाहनों के आवागमन पर लगी रोक हटना पुल की लोड क्षमता रिपोर्ट पर निर्भर करेगी,इसके लिए विशाखापट्टनम की CSIR इंस्टीट्यूट की टीम को पुल की लोड क्षमता मापने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से संपर्क साधा गया है औरैया-जालौन जिले को जोड़ने वाले यमुना नदी पर बने पुल की जर्जर हालत को 13 लाख रुपये से दुरुस्त कराए जाने के बाद तीन अक्तूबर 2023 से भारी वाहनों के लिए खोल दिया गया था। इसके बाद पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने पुल की क्षमता पर सवालिया निशान लगाते हुए जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी,इसमें पुल की सुरक्षा को लेकर क्षमता की जांच कराए जाने तक 30 टन से अधिक के वाहनों के निकलने पर रोक लगाए जाने की बात कही गई थी। उक्त पत्र के मद्देनजर जिलाधिकारी नेहा प्रकाश के आदेश पर 15 दिसंबर से पुल पर 30 टन भार से अधिक के वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई। तब से आज तक पुल पर राेक जारी है इधर, निर्धारित क्षमता से अधिक क्षमता के वाहन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से फर्राटा भर रहे हैं। इसमें खासकर गिट्टी, मिट्टी व मौरंग लदे डंपर शामिल हैं। वहीं पुल की लोड क्षमता का आकलन करने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने विशाखापट्टन की सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च) से संपर्क किया। इस पर सीएसआईआर की ओर से इस जांच पर आने वाले 30 लाख रुपये खर्चे के साथ ही 18 प्रतिशत जीएसटी के भुगतान किए जाने का पत्र बनाकर विभाग को भेज दिया है इसे विभाग की ओर से स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है। शासन से स्वीकृति मिलते ही यमुना नदी पुल की क्षमता की जांच कराते हुए रिपोर्ट के आधार पर 30 टन से अधिक क्षमता के वाहनों के आवागमन पर निर्णय लिया जा सकेगा वर्जन इस सम्बन्ध में एई पीडब्ल्यूडी, औरैया एसके तिवारी विशाखापट्टनम की CSIR के वैज्ञानिकों से जांच कराए जाने को संपर्क किया गया था, जिस पर उनकी ओर से इस जांच पर आने वाले खर्च का ब्योरा दिया गया है इसको स्वीकृति के लिए शासन को भेजा है स्वीकृति मिलते ही पुल की भार क्षमता की जांच कराई जाएगी।

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